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नेट बैंकिंग करते हैं तो यह खबर जरूर पढि़ए

साइबर फ्रॉड में कई बार तो बैंक के स्तर से ही गंभीर लापरवाही बरते जाने की सूचना आती है। लेकिन आपके लिए जरूरी है कि अकाउंट की गोपनीयता का विशेष ध्यान रखें।

By Alok ShahiEdited By: Published: Mon, 03 Dec 2018 02:45 PM (IST)Updated: Mon, 03 Dec 2018 02:45 PM (IST)
नेट बैंकिंग करते हैं तो यह खबर जरूर पढि़ए
नेट बैंकिंग करते हैं तो यह खबर जरूर पढि़ए

रांची, जासं। झारखंड में लगातार बैंकिंग और साइबर से जुड़े अपराध हो रहे हैं। लोग जरा सी नादानी और लापरवाही के कारण अपनी मेहनत की कमाई और खून-पसीने से जुटाए गए लाखों रुपये गंवा रहे हैं। कई बार तो बैंक के स्तर से ही गंभीर लापरवाही बरते जाने की सूचना आती है।  इसके लिए जरूरी है कि कुछ बातों को लेकर विशेष ध्यान रखें। यहां हम बता रहे हैं नेट बैंकिंग के फ्रॉड से बचने के तरीके, जिन्‍हें आप बखूबी आजमाकर अपने अकाउंट में सेंध लगाने से जालसाजों को रोक सकते हैं।

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बैंक अकाउंट को सुरक्षित रखें : नेट बैंकिंग में सिर्फ दो ही चीजें महत्वपूर्ण होती हैं। एक आपकी यूजर आइडी और दूसरा आपका पासवर्ड। इन दोनों ही चीजोंं को लेकर हमेशा सावधानी बरतनी  चाहिए। विशेषकर अपने पासवर्ड को लेकर। हमेशा कोशिश करें कि इसे हर किसी के साथ साझा नहीं करें और इसे गुप्त ही रखें। साथ ही कोशिश करें कि एक निश्चित समयांतराल पर अपना पासवर्ड बदलते भी रहें।

जहां-तहां और अपरिचित सिस्टम पर न करें खाते को लॉग-इन : आम तौर पर लोग नेटबैंकिंग के दौरान समझदारी का परिचय नहीं देते हैं। किसी भी सिस्टम से अपने नेट बैंकिंग को लॉग इन कर लेते हैं। ऐसा करना नुकसानदेह भी हो सकता है। हमेशा अपने ही घर के सिस्टम से नेटबैंकिंग करना चाहिए। ऑफिस या सायबर कैफे के सिस्टेम से नेट बैंकिंग करने से बचना चाहिए। हैकर्स यूआरएल लिंक के माध्यम से अकाउंट हैक कर सकते हैं।

लालच भरे मेल से रहें सावधान : अक्सर लोगों को बड़ी लॉटरी लगने जैसे मेल आते रहते हैं, जिसमें अकाउंट नंबर की मांग की जाती है। आपको इनसे सावधान रहना चाहिए। इन्हें फिशिंग मेल कहा जाता है। कोशिश करें कि ऐसे किसी भी मेल का जवाब नहीं दें, जिसमें नेट बैंकिंग की जानकारी, पासवर्ड या फिर सुरक्षा की नजर से जन्म तिथि और मां का मिडल नेम जैसी जानकारियां मांगी जा रही हो।

क्रेडिट कार्ड कंपनियां नहीं बताती हैं ये बातें : अगर आप नेटबैंकिंग का इस्तेमाल करते हैं तो आपको नेट बैंकिंग एकाउंट में खाते की राशि और लेन-देन की एक निश्चित सीमा तय करनी चाहिए। साथ ही आप अगर किसी को पैसे ट्रांसफर कर रहे हैं तो यह भी ध्यान रखना चाहिए कि आपने अकाउंट नंबर तो सही डाला है न। ऐसा नहीं होने की हालत में में अगर आपने गलत व्यक्ति को पैसे ट्रांसफर कर दिए तो वो फिर कभी आपको वापस नहीं मिलेंगे। इसमें आप की ही गलती मानी जाएगी।

बैंकिंग अलर्ट से खुद को रखें अलर्ट : नेट बैंकिंग के दौरान बैंकिंग अलर्ट खुद को सुरक्षित रखने का एक आसान तरीका है। हमेशा कोशिश करें कि अपने मोबाइल नंबर और ई-मेल एड्रेस को ट्रांजेक्शन से संबंधित अलट्र्स प्राप्त करने के लिए रजिस्टर कराएं। साथ ही बैंक को हर जानकारी से अपडेट करते रहें।

हमेशा रखें मजबूत पासवर्ड : नेट बैंकिंग के दौरान आसान पासवर्ड रखना खतरनाक हो सकता है, क्योंकि हैकर्स के लिए ऐसे पासवर्ड को क्रैक करना आसान होता है। हमेशा स्ट्रांग पासवर्ड रखें। पासवर्ड बनाने के लिए कभी भी अपनी पर्सनल डिटेल्स का इस्तेमाल करने से बचें। साथ ही पासवर्ड को हर एक महीने में बदलते रहें।

सिस्टम (डेस्कटॉप/ लैपटॉप) में जरूर रखें स्ट्रांग एंटी वायरस : कोशिश करें कि आप अपने सिस्टम में दमदार एंटी वायरस रखें। ऐसा इसलिए क्योंकि हैकर्स आमतौर पर ऐसे ही सिस्टम को अपना निशाना बनाते हैं, जिसमें कोई एंटी वायरस न हो। फिशिंग से बचने के लिए आपको यह काम हर हाल में करना चाहिए।

ओटीपी कोड का इस्तेमाल करना बेहतर : वित्तीय लेन-देन के दौरान आपको ओटीपी कोड का इस्तेमाल करना चाहिए। आप जब भी ऐसा पेमेंट करतें हैं तो सबसे पहले आपके मोबाइल पर एक ओटीपी कोड आता है। यह कोड बैंकों की ओर से भेजा जाता है और यह केवल 15 मिनट के लिए वैलिड होता है। यह आपके लेनदेन को सेफ करता है।

रहें सतर्क और ठगी का शिकार होने से बचें : - कभी भी कोई फोन कर खाते से संबंधित या एटीएम और क्रेडिट कार्ड से संबंधित जानकारी मांगे तो उसे ठग समझें और जानकारी न दें। - आपके मोबाइल पर आने वाला ओटीपी मैसेज कोई आपसे पूछे तो वह व्यक्ति ठग हो सकता है, किसी भी हाल में किसी अन्य व्यक्ति को ओटीपी शेयर न करें। - कोई भी व्यक्ति खुद को बैंक का अधिकारी बताकर फोन कर आपसे खाते से जुड़ी जानकारियां मांगे तो उसपर भरोसा न करें। बैंक ऐसी जानकारियां कभी भी किसी से फोन पर नहीं मांगते।

- एटीएम से पैसे निकालते समय ध्यान दें कि कहीं कोई आपके इर्र्द-गिर्द ना हो, अनावश्यक रूप से कोई मदद की पेशकश करे तो मदद न लें। - पिन, पासवर्ड, ओटीपी जैसे जानकारियों को गोपनीय रखें। पासवर्ड और पिन लगातार बदलते रहें।- अगर मोबाइल बैंकिंग एप का इस्तेमाल करते हैं तो उसमें मैनेज डेबिट कार्ड ऑप्शन में जाकर अपनी सुविधानुसार ऑन या ऑफ कर सकते हैं। कार्ड ऑफ की स्थिति में रहेगा तो कई चाहकर भी आपके कार्ड से पैसे नहीं निकाल सकेगा।

- अपने इंटरनेट बैंकिंग और बैंकिंग लेन-देन का इस्तेमाल कभी भी सार्वजनिक स्थान, साइबर कैफे, ऑफिस, पार्क, सार्वजनिक मीटिंग और किसी भीड़-भाड़ वाले स्थान पर न करें। किसी भी प्रकार के बैंकिंग लेन-देन के लिए आप अपने पर्सनल कंप्यूटर या लैपटॉप का ही इस्तेमाल करें।

- जब कभी भी आप अपने इंटरनेट बैंकिंग या किसी भी जरुरी अकाउंट में लॉग-इन करें, तो काम खत्म कर अपने अकाउंट को लॉगआउट करना न भूलें और जब आप लॉगिन कर रहें, हो तब इस बात पर जरूर ध्यान दें कि पासवर्ड टाइप करने के बाद कंप्यूटर द्वारा पूछे जा रहे ऑप्शन रिमेंबर पासवर्ड या कीप लॉगिन में क्लिक न करें।

- आप अपने कंप्यूटर में अगर इंटरनेट का प्रयोग करते हैं, तो सबसे पहले आप अपने पर्सनल कंप्यूटर को पासवर्ड से सुरक्षित कीजिए, जिससे कोई दूसरा व्यक्ति बिना आपके जानकारी के आपका कंप्यूटर प्रयोग न कर सकें। आप यह भी चेक करें की आपके कंप्यूटर में लेटेस्ट सिक्योरिटी अपडेटेड इंस्टॉल्ड है या नहीं।

पासवर्ड हमेशा रखें मजबूत : -हमेशा स्ट्रांग पासवर्ड का प्रयोग करें, जिससे आसानी से किसी को पता न चले, क्योंकि साइबर क्रिमिनल प्रोग्रामर ऐसे सॉफ्टवेयर प्रोग्राम का निर्माण करते हैं जो की आपके साधारण से पासवर्ड को आसानी से गेस कर सकता है। ऐसे में अपने आप को बचाने के लिए आप ऐसा पासवर्ड सेट करें, जिसका कोई दूसरा अनुमान न लगा सके और आपआसानी से याद भी रख सकें।

-आपका पासवर्ड कम से कम आठ कैरेक्टर का हो जो की लोअर केस लेटर्स, अपर केस लेटर्स, नंबर्स और स्पेशल कैरेक्टर्स का मिश्रण हो. अगर आप एक से अधिक अकाउंट्स का प्रयोग करते हैं, तो सभी के लिए अलग- अलग पासवर्ड का प्रयोग करें, अपना पासवर्ड कभी भी अपने नाम, पता, गली नंबर, जन्म तिथि, परिवार के सदस्यों के नाम, विद्यालय के नाम या अपने वाहनो के नंबर पर न बनाएं, जिसका दूसरों के द्वारा आसानी से अनुमान न लगाया जा सके।

-अपने सोशल मीडिया के अकाउंट को देखते रहें, अगर कभी आप अपने सोशल साइट्स के अकाउंट को डिलीट कर रहे हैं, तो उससे पहले आप अपनी सारी पर्सनल जानकारी को डिलीट कर दें और फिर उसके बाद आप अपना अकाउंट डीएक्टिवेट करें या डिलीट करें। 

-आप किसी भी स्पैम ई-मेल का उत्तर न दे, अंजान ई-मेल में आए अटैचमेंट्स को कभी खोल कर न देखें या उस पर मौजूद लिंक पर क्लिक न करें। इसमें वायरस या ऐसा प्रोग्राम हो सकता है, जिसको क्लिक करते ही आपका कंप्यूटर उनके कंट्रोल में जा सकता है।

-अगर किसी वेबसाइट पर कोई पॉपअप खुले और आपको कुछ आकर्षक गिफ्ट या इनाम ऑफर करे तब आप अपनी पर्सनल जानकारी या बैंक अकाउंट नंबर या बैंक से संबंधित कोई भी जानकारी न भरें।


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