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कोरोना की तीसरी लहर में बहुत कम मरीजों को हो रही सांस की समस्या, लेक‍िन हल्‍के में लेना खतरनाक

Third Wave of Corona विशेषज्ञों के अनुसार अधिसंख्य मरीजों को दो से तीन दिनों तक रहता है बुखार। फिर भी वायरस को हल्के में न लें लोग। लक्षण होने पर कराएं जांच। इस बार बहुत कम मरीजों को ही हो रही सांस की समस्या।

By M EkhlaqueEdited By: Published: Sun, 09 Jan 2022 10:17 PM (IST)Updated: Mon, 10 Jan 2022 10:55 AM (IST)
कोरोना की तीसरी लहर में बहुत कम मरीजों को हो रही सांस की समस्या, लेक‍िन हल्‍के में लेना खतरनाक
व‍िशेषज्ञों ने सलाह दी है क‍ि कोरोना संक्रमण को इस समय हल्‍के में नहीं लें।

रांची, राज्य ब्यूरो। इस बार कोरोना मरीजों को सांस से संबंधित बड़ी परेशानी नहीं हो रही है। विशेषज्ञों के अनुसार, दूसरी लहर की अपेक्षा इस बार संक्रमित मरीजों को बुखार होने की ही अधिक समस्या आ रही है। सांस उखड़ने या फेफड़ा से संबंधित अन्य बड़ी समस्या नहीं हो रही है। हालांकि विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि इसके बावजूद इस वायरस को हल्के में नहीं लेना चाहिए। इसके लक्षण मिलने पर कोरोना जांच कराएं तथा पाजिटिव रिपोर्ट आने पर तुरंत चिकित्सक से परामर्श लेकर उपचार कराएं।

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सर्दी, जुकाम, कफ की समस्या अधिसंख्य मरीजों में

इस बार सर्दी, जुकाम, कफ की समस्या अधिसंख्य मरीजों में देखी जा रही है जो कोरेाना का सामान्य लक्षण है। शुरुआत गले में दर्द या चुभन से होती है। वहीं, नाक बंद होना, बहना या छींके आना भी इसका लक्षण है। शरीर टूटने जैसा आभास होता है। मांसपेशियों में दर्द रहती हैं। अधिसंख्य मरीजों में सिर दर्द की भी शिकायत रहती है। मरीज बुखार उतरने के बाद अत्यधिक कमजोरी की शिकायत कर रहे हैं। चिकित्सकों के अनुसार, ये सभी लक्षण ओमिक्रोन के हैं। हालांकि राज्य में जीनोम सिक्वेंसिंग नहीं होने से इस वायरस के होने की पुष्टि नहीं हो रही है।

वायरल फीवर से भी परेशान हैं लोग

वर्तमान में लोग वायरल फीवर से भी काफी परेशान हैं। राजधानी रांची में अधिसंख्य घरों में यह समस्या है। बच्चे भी इससे ग्रसित हैं। चिकित्सकों के अनुसार, वायरल फीवर होने के बावजूद कोरोना जांच से परहेज नहीं करना चाहिए क्योंकि यह कोविड भी हो सकता है। चिकित्सक लोगों को ठंड से बचने का भी सुझाव दे रहे हैं।

बहुत कम को अस्पताल में भर्ती या आक्सीजन की जरूरत

डा. प्रदीप भट्टाचार्य, विभागाध्यक्ष, क्रिटिकल केयर, रिम्स कहते हैं क‍ि इस बार मरीजों को सांस उखड़ने की समस्या नहीं हो रही है। अधिसंख्य को बुखार ही रह रहा है जो ठीक हो जा रहा है। वायरस फेफड़े तक नहीं पहुंच पा रहा है। इसी कारण इस बार बहुत कम को अस्पताल में भर्ती होने या आक्सीजन, वेंटिलेटर की जरूरत पड़ रही है। जिन मरीजों को पहले से ही सांस की परेशानी है उन्हें ही कुछ समस्या हो रही है।


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