माओवादियों पर नकेल कसेंगे 30 नए सुरक्षा कैंप
माओवादियों की बढ़ी सक्रियता को देखते हुए झारखंड पुलिस का अभियान फिर तेज होने वाला है। इसके लिए 30 अतिरिक्त कैंप स्थापित करने की योजना है।
रांची, दिलीप कुमार। माओवादियों के विरुद्ध झारखंड पुलिस का अभियान फिर तेज होने वाला है। हाल के दिनों में माओवादियों की बढ़ी सक्रियता को देखते हुए अभियान को तेज करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए नक्सलियों के प्रभाव के 13 क्षेत्रों को चिन्हित किया गया है, जहां 30 अतिरिक्त कैंप स्थापित करने की योजना है। लातेहार के मारोमार, करमडीह, टुंगारी व डोमाखांड़, चाईबासा के रोआम, पलामू के डगरा, गढ़वा के कुल्ही, पलामू के महुडंड, गिरिडीह के मरांगबुरू एक व तीन तथा खूंटी के बीरबांकी में नए सुरक्षा कैंप की स्थापना की जा रही है।
इन 13 प्रभाव क्षेत्रों में वर्ष 2016 में पारसनाथ में पांच कैंप, गुमला में चार कैंप, लोहरदगा में एक कैंप, चैनपुर व पलामू में दो कैंप, बोकारो में दो कैंप, चाईबासा में एक व लातेहार में तीन कैंप संचालित होते रहे हैं। इस तरह इन क्षेत्रों में 22 कैंप चल रहे हैं। सुरक्षा कैंपों के संचालन के कारण उक्त क्षेत्र में माओवादी गतिविधियां नहीं के बराबर है। 30 नए कैंप बनने से माओवादियों के विरुद्ध अभियान में सफलता मिलेगी। कल्याणकारी योजनाएं सफल हों, इसलिए स्थापित हो रहे सुरक्षा कैंप : पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार राज्य के घोर उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में विकास व कल्याणकारी योजनाओं की सफलता के लिए ही नए सुरक्षा कैंप स्थापित किए जा रहे हैं। मसलन, उग्रवादी लेवी की मांग करते हैं और नहीं देने पर विकास से जुड़े संसाधनों को आग लगाकर क्षति पहुंचाने की कोशिश करते हैं। नए सुरक्षा कैंप में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, इंडियन रिजर्व बटालियन, झारखंड सशस्त्र पुलिस व सैप के जवान प्रतिनियुक्त किए जा रहे हैं।
वर्तमान में संचालित कैंप
- पारसनाथ में पांच (धोलकट्टा, मनियाडीह, एमबी-1, एमबी-2 व एमबी-3)।
- गुमला में चार (जोरी, जमटी, बानालात व कुरूमगढ़)।
- लोहरदगा में एक (चैनपुर)।
- पलामू में दो (ताल व कुकुकलां)।
- बोकारो में दो (चतरो चट्टी व जगेश्वर बिहार)।
- चाईबासा में एक (गुदड़ी)।
- लातेहार में सात (कुमंडी, सेरेनदाग, चैपट, डोमारखांड़, सिमारवास, टोंगारी व करमडीह)