रघुवर के वीडियो वाले 41 हजार टैब की वारंटी खत्म हो गई थी दिसंबर 2018 को
एनुअल मेंटेनेंस के लिए कंपनी ने मागे प्रति टैब 3599 रुपये सालाना खर्च होते हैं 15.82 करोड़
एनुअल मेंटेनेंस के लिए कंपनी ने मागे प्रति टैब 3,599 रुपये, सालाना खर्च होते हैं 15.82 करोड़ रुपये, नहीं मिली स्वीकृति, कहा गया इतनी राशि में तो खरीदे जा सकते हैं 21 हजार नए टैब
रांची, राब्यू : ई-विद्यावाहिनी योजना के तहत सरकारी स्कूलों को दिए गए 41 हजार टैब के मेंटनेंस की भी समस्या है। इन सभी टैब की वारंटी दिसंबर 2018 में ही खत्म हो गई है। इस कारण इसमें किसी प्रकार की खराबी आने पर उसे ठीक कराने की जवाबदेही स्कूलों पर थोप दी गई है।
26.33 करोड़ रुपये खर्च होंगे
दरअसल, वारंटी खत्म होने के बाद टैब के एनुअल मेंटेनेंस के लिए आपूर्ति करने वाली कंपनी एचपी से दर मांगी गई थी। इसपर कंपनी ने बिना बैटरी बदले एक वर्ष के मेंटेनेंस के लिए 3,599 रुपये तथा दो वर्ष के लिए 5,988 रुपये प्रति टैब की दर दी। यह बड़ी राशि थी, क्योंकि एक वर्ष के मेंटनेंस पर कुल 15.82 करोड़ तथा दो वर्ष पर 26.33 करोड़ रुपये खर्च होते, जबकि इसके लिए बजट में कोई राशि ही निर्धारित नहीं है।
इस राशि से 21 हजार टैब खरीदे जा सकते हैं
बताया जाता है कि स्कूलों को डेवलपमेंट फंड से इस खर्च का वहन करने का प्रस्ताव मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद की राज्य कार्यकारिणी समिति के समक्ष रखा गया था, लेकिन इस पर स्वीकृति नहीं मिली। कहा गया कि इतनी अधिक राशि से तो 21 हजार नए टैब खरीदे जा सकते हैं।
हालांकि, टैब के खराब होने पर स्कूल स्तर पर ही विकास मद की राशि से बनाने पर सहमति दी गई। अभी टैब खराब होने पर मरम्मत की जिम्मेदारी स्कूलों को ही दे दी गई है। स्कूल विकास मद में मिली राशि से टैब की मरम्मत कराते हैं। बता दें कि शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने 41 हजार टैब से पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास का वीडियो हटाने का आदेश दिया है। इससे स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की परेशानी बढ़ गई है, क्योंकि इस प्रक्रिया में न केवल बड़ी राशि खर्च होगी, बल्कि कई माह तक स्कूलों की रिपोर्टिग तथा शिक्षकों की बायोमीट्रिक उपस्थिति भी बाधित होगी।