कहीं बांधे जा रहे हैं जानवर तो कहीं हो रही पार्किंग
रांची जिला के विलय किए गए 312 विद्यालयों में से 200 के भवनों का किसी भी तरह का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है।
जागरण संवाददाता रांची : रांची जिला के विलय किए गए 312 विद्यालयों में से 200 के भवनों का किसी भी तरह का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है। यही कारण है कि लंबे समय से खाली पड़े इन विद्यालयों के भवन पर अब कब्जा होने लगा है। ऐसा नहीं है कि इसकी जानकारी शिक्षा विभाग को नहीं है, बावजूद विद्यालय के भवनों पर असामाजिक तत्वों का कब्जा है। कहीं पार्किंग हो रही है तो कहीं जानवरों को भी बांधा जा रहा है। जिन 312 विद्यालयों को बंद किया था, उसमें से 110 के भवन को जेएसएलपीएस को दिया गया है। शेष 202 भवन का उपयोग नहीं हो रहा। विद्यालय के बाहर सजने लगे बाजार
बीच शहर में स्कूलों के भवन पर कब्जा हो रहा है। जो कब्जे से मुक्त है, उन भवनों की स्थिति जर्जर हो रही है। रांची में सबसे अधिक 32-32 विद्यालयों का विलय बुढ़मू व तमाड़ प्रखंड में किया गया था। डोरंडा के राजकीयकृत प्राथमिक विद्यालय के बाहर बाजार सजता है। प्राथमिक विद्यालय गांगूटोला का विलय के बाद भवन बेकार हो गया। ग्रामीण यहां मवेशियों को रख रहे हैं। डोंगासरई विद्यालय में ग्रामीण पुआल रख रहे हैं। सहेदा विद्यालय के तीन कमरों में कुछ लोगों ने कब्जा कर रखा है। यह एक उदाहरण है। यह हाल कई स्कूलों का है। शिक्षा विभाग को इस पर ध्यान देने की जरूरत है। प्रखंडवार विलय किये गये विद्यालयों की संख्या
प्रखंड - विद्यालय
खलारी 20
लापुंग 27
मांडर 09
नगड़ी 15
नामकुम 20
ओरमांझी 07
राहे 22
रांची सदर 20
रातू 08
सिल्ली 17
सोनाहातू 14
तमाड़ 32
अनगड़ा 05
बेड़ो 11
बुंडू 25
बुढ़मू 32
चान्हो 05
इटकी 02
कांके 21