बेटियों को चांटा जड़ने वाली पुलिसिग की संस्कृति को भी दूर करे राज्य की पुलिस
झारखंड पुलिस की कार्यशैली पर लगातार उठ रहे सवाल
राज्य ब्यूरो, रांची : बच्चियों से दुष्कर्म की घटनाओं पर राज्य पुलिस के प्रमुख यह बयान देकर अपनी जिम्मेदारियों से बच नहीं सकते कि सिर्फ पुलिस के बूते नहीं होगी बच्चियों की सुरक्षा। अभिभावकों व समाज का रोल अपनी जगह है, लेकिन पुलिस को भी अपना चेहरा बदलने की जरूरत है। और जिम्मेदार होने की जरूरत है। पुलिस की संस्कृति में सकारात्मक बदलाव व संवेदनशीलता का होना भी आवश्यक है, तभी बेटियां भी खुद को सुरक्षित महसूस करेंगी। पुलिस को बेटियों को चांटा जड़ने वाली पुलिसिग की संस्कृति को छोड़ना होगा। तभी यह माहौल बनेगा कि एक बेटी बेधड़क थाने में जाए और अपनी शिकायत दर्ज करा सके। पुलिस संवेदनशील होगी, तब ही समाज व परिवार का भी साथ मिलेगा।
एक दिन पूर्व ही पूरे राज्य में सभी जिलों के पुलिस कप्तान ने पुलिस मुख्यालय के आदेश पर एक वाट्सएप नंबर जारी किया है। उद्देश्य है महिलाएं व लड़कियां अपनी परेशानी को उस नंबर पर कॉल कर या वाट्सएप कर बता सके। यह पुलिस का सराहनीय प्रयास है, लेकिन इसका लाभ तभी मिलेगा जब पुलिस का चेहरा आम जनता के प्रति मैत्रीपूर्ण हो। जब तक थाने में आम जनता के साथ पुलिस सही तरीके से पेश नहीं आएगी, जब थाने में आम जनता से दुर्व्यवहार थमेगा, तब ही शिकायतें भी थाने पहुंचेंगी और इन वाट्सएप नंबरों को जारी करने का लाभ भी मिलेगा।
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केस 1
बरहेट के पूर्व थानेदार ने युवती को मारे थे चांटे :
साहिबगंज जिले के बरहेट में इसी वर्ष जुलाई महीने में तत्कालीन थानेदार हरीश पाठक ने एक युवती से न सिर्फ लप्पड़-थप्पड़ की थी, बल्कि भद्दी-भद्दी गालियां भी दी थी। मामला तब तूल पकड़ा, जब इससे संबंधित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने तत्काल इस मामले में संज्ञान लिया और उनके आदेश पर बरहेट के तत्कालीन थानेदार हरीश पाठक को वहां के एसपी अनुरंजन किस्पोट्टा ने निलंबित कर दिया था। पीड़िता ने एसपी को लिखे पत्र में बताया था कि 22 जुलाई को बरहेट के तत्कालीन थानेदार हरीश पाठक ने उसे थाने बुलाया था। थाना जाने पर थानेदार ने उससे कहा था कि उसकी मां ने शिकायत की है कि उसने भागकर रामू मंडल नामक युवक से शादी कर ली है। इसपर युवती ने कहा कि वह व रामू मंडल बालिग हैं, एक-दूसरे से प्यार करते हैं। इतना सुनते ही थाना प्रभारी ने उसे भद्दी-भद्दी गालियां दीं और मारपीट करने लगे। थानेदार ने उसकी इतनी पिटाई की कि उसकी नाक से खून तक निकलने लगा।
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केस 2
कोडरमा में चेकिग के दौरान इंस्पेक्टर ने नाबालिग को जड़ा थप्पड़ :
कोडरमा में पदस्थापित पुलिस इंस्पेक्टर राम नारायण ठाकुर पर एक नाबालिग बच्ची से मारपीट का आरोप लगा है। आरोप है कि उन्होंने पिछले दिनों डोमचांच में वाहन चेकिग के दौरान नाबालिग बच्ची को थप्पड़ मार दिया। लड़की अपने किसी परिजन के साथ बाइक पर बैठकर जा रही थी। वाहन चेकिग के दौरान उनलोगों का पुलिस से विवाद हो गया, जिसके बाद इंस्पेक्टर ने थप्पड़ जड़ दिया। इसकी शिकायत परिजन ने तो नहीं की, लेकिन कुछ लोगों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ट्वीट कर इसकी जानकारी दे दी। मुख्यमंत्री के आदेश पर कोडरमा के एसपी पूरे मामले की जांच कर रहे हैं। इंस्पेक्टर राम नारायण ठाकुर विवादित रहे हैं। पूर्व में पांच अगस्त को झुमरीतिलैया के एक प्रतिष्ठित चिकित्सक व डोमचांच रेफरल अस्पताल के पूर्व मेडिकल अफसर डा. वीरेंद्र कुमार के साथ मारपीट मामले में भी इंस्पेक्टर राम नारायण ठाकुर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज है।