नए मेडिकल कालेजों से निकली स्वास्थ्य में स्वावलंबन की राह, राज्य गठन तक नहीं खुला था कोई मेडिकल कालेज
Ranchi News संयुक्त बिहार में इस क्षेत्र में पहला मेडिकल कालेज 1960 में रांची मेडिकल कालेज के रूप में रांची में खुला। बाद में इसका नाम बदलकर राजेंद्र मेडिकल कालेज तथा वर्तमान में राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान हुआ। वहीं 1961 में जमशेदपुर में महात्मा गांधी मेमोरियल कालेज सह अस्पताल की स्थापना
रांची, राज्य ब्यूरो। किसी भी राज्य में स्वास्थ्य संरचनाओं का आकलन वहां उपलब्ध मेडिकल कालेजों और बड़े अस्पतालों से भी होता है। झारखंड में कई वर्षों तक नए मेडिकल कालेज तो नहीं खुले, लेकिन जब खुले तो एक साथ चार-चार। दो अन्य मेडिकल कालेजों का भवन निर्माण चल रहा है, जबकि दो और मेडिकल कालेज पाइपलाइन में हैं। कह सकते हैं कि झारखंड नए मेडिकल कालेजों के सहारे स्वास्थ्य में स्वावलंबन की राह में लगातार आगे बढ़ रहा है।
राज्य गठन के 19 वर्ष बाद झारखंड में एक साथ खुले एम्स सहित चार मेडिकल कालेज
संयुक्त बिहार में इस क्षेत्र में पहला मेडिकल कालेज 1960 में रांची मेडिकल कालेज के रूप में रांची में खुला। बाद में इसका नाम बदलकर राजेंद्र मेडिकल कालेज तथा वर्तमान में राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान हुआ। वहीं, 1961 में जमशेदपुर में महात्मा गांधी मेमोरियल कालेज सह अस्पताल की स्थापना हुई। वहीं वर्ष 1969 में पटना में स्थापित पाटलिपुत्र मेडिकल कालेज का स्थानांतरण 1971 में धनबाद में हुआ। इन तीन मेडिकल कालेजों के बाद यहां वर्षों तक किसी नए मेडिकल कालेज का निर्माण नहीं हुआ। योजनाएं तो कई बार ली गईं, लेकिन कभी जमीन का पेंच फंसा तो कभी योजना पर कुछ काम ही नहीं हुआ।
वर्ष 1971 के बाद राज्य गठन तक नहीं खुला था कोई मेडिकल कालेज
वर्ष 1971 में धनबाद में मेडिकल कालेज खुलने के 48 वर्षों के बाद वर्ष 2019 में एक साथ पलामू, हजारीबाग तथा दुमका में तीन नए मेडिकल कालेज खुले। वहीं, पिछले वर्ष देवघर में एम्स जैसे प्रतिष्ठित संस्थान की भी स्थापना हुई। चार मेडिकल कालेज अभी भी पाइपलाइन में हैं, जिनके खुलने से राज्य में स्वास्थ्य सुविधाएं और भी बढ़ेंगी। इनमें कोडरमा तथा चाईबासा में मेडिकल कालेज के भवन का निर्माण जारी है तो खूंटी और गिरिडीह में मेडिकल कालेज खोलने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया है। इन दोनों जगहों पर जमीन भी उपलब्ध हो गई। राज्य में पहली बार जमशेदपुर और पलामू में निजी मेडिकल कालेज भी खुले। राज्य गठन के बाद यहां अन्य स्वास्थ्य संरचनाओं में भी सुधार हुआ है। साथ ही स्वास्थ्य के कई इंडिकेटर लगातार सुधार की ओर अग्रसर रहे हैं।
स्वास्थ्य इंडिकेटर वर्ष 2000 वर्ष 2021
शिशु मृत्यु दर 72 प्रति हजार जन्म 27 प्रति हजार जन्म
मातृ मृत्यु दर प्रति लाख जन्म पर 400 208
बच्चों का पूर्ण टीकाकरण नौ प्रतिशत 90 प्रतिशत
संस्थागत प्रसव 13.9 फीसद 60 फीसद
जन्म दर 26.5 22.3
मृत्यु दर 9.0 5.3
संसाधनों की उपलब्धता
मेडिकल कालेज : 07
ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य उपकेंद्र : 3848
ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेंद्र : 291
ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र : 171