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खूंटी, सरायकेला-खरसावां में दर्ज हैं पत्थलगड़ी के सर्वाधिक मामले Ranchi News

Jharkhand. पत्थलगड़ी अफीम की खेती व नक्सलियों के संरक्षण का माध्यम है। डेढ़ दर्जन से ज्यादा पत्थलगड़ी समर्थक सलाखों के भीतर हैं।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Wed, 22 Jan 2020 12:33 PM (IST)Updated: Wed, 22 Jan 2020 05:15 PM (IST)
खूंटी, सरायकेला-खरसावां में दर्ज हैं पत्थलगड़ी के सर्वाधिक मामले Ranchi News
खूंटी, सरायकेला-खरसावां में दर्ज हैं पत्थलगड़ी के सर्वाधिक मामले Ranchi News

रांची, राज्य ब्यूरो। पत्थलगड़ी प्रभावित क्षेत्रों में बगैर ग्राम प्रधान की अनुमति के कोई भी बाहरी व्यक्ति प्रवेश नहीं कर सकता है। चाहे वह पुलिस-प्रशासन का अधिकारी ही क्यों न हो? यही कारण है कि संबंधित क्षेत्रों में अफीम की खेती बेखौफ होती रही है और पत्थलगड़ी की आड़ में नक्सलियों को संरक्षण भी मिलता रहा है। अलबत्ता, दंडात्मक कार्रवाई के तौर पर पुलिस ने सैकड़ों एकड़ में लगी अफीम की खेती को नष्ट भी किया है, परंतु सुदूर जंगल और पहाड़ी क्षेत्रों में यह धंधा आज भी फल फूल रहा है।

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पुलिस की खुफिया रिपोर्ट में भी इस ओर इशारा किया जाता रहा है। पत्थलगड़ी समर्थकों पर सबसे ज्यादा प्राथमिकियां खूंटी व सरायकेला जिले में ही है। खूंटी के खूंटी, मुरहू व अड़की थाने में तथा सरायकेला के कुचाई थाने में पत्थलगड़ी से संबंधित मामले दर्ज हैं, जिसके दर्जनभर से ज्यादा आरोपित व नेता जेल में बंद हैं। इन पर पूर्व में ही देशद्रोह का मुकदमा चलाने के लिए सरकार की स्वीकृति भी मिल चुकी है और मामला न्यायालयों में लंबित है। अब सरकार ने इन्हें वापस करने का आदेश दिया है।

खूंटी व सरायकेला के कुछ गांवों में पूर्व में ताबड़तोड़ पत्थलगड़ी हुई थी। पूर्व की रघुवर सरकार ने यह दावा किया था कि जहां पत्थलगड़ी हुई थी, वहां के नेताओं के बहकावे में आकर सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों ने समानांतर सरकार चलाने की कोशिश की। ग्राम सभा के अधिकारों की गलत व्याख्या की गई थी और यह भी कहा गया था कि ग्रामीण सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं लेंगे।

इतना ही नहीं, गांवों में पत्थलगड़ी कर संबंधित क्षेत्रों में पुलिस-प्रशासन को जाने तक से रोका गया था। उन्हें बंधक तक बनाया गया था। पत्थलगड़ी की आड़ में अफीम की खेती व नक्सल को बढ़ावा देने का भी आरोप लगा था। सरकार के आदेश नहीं मानने, विधि-व्यवस्था को अपने हाथों में लेने, अपना बैंक खोलने की कोशिश करने व अपना सिक्का चलाने की भी पत्थलगड़ी समर्थकों ने कोशिश की थी। इस मामले में पुलिस ने सख्ती बरती थी और देशद्रोह सहित अन्य धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की थी।

सरायकेला और खूंटी में इन पत्थलगड़ी समर्थकों पर दर्ज है देशद्रोह का मुकदमा

  • जोसेफ पूर्ति उर्फ युसूफ पूर्ति : उदबुरू, मुरहू, खूंटी।
  • पतरस हस्सा : चिरूबेड़ा चिटुंग, कुचाई, सरायकेला-खरसांवा।
  • सिंगराय मुंडा : तराम्बा, कुचाई, सरायकेला-खरसांवा।
  • बलराम समद : कुरुंगा, अड़की, खूंटी।
  • जिरेन कांडिर : सियाडिह टोला पटायता, कुचाई, सरायकेला-खरसावां।
  • जेवियर सोय : सियाडीह टोला तिरूलडिह, कुचाई, सरायकेला-खरसांवा।
  • श्यामलाल मुंडा उर्फ श्यामल मुंडा : सियाडीह टोला, पटायता, कुचाई, सरायकेला-खरसावां।
  • गुरुवा मुंडा : सियाडीह टोला, तिरूलडीह, कुचाई।
  • हालान मुंडा : सियाडीह टोला, तिरूलडीह, कुचाई।
  • बलराम मुंडा : सियाडीह टोला, बुरसुपीढ़ी, कुचाई।
  • अमित मुंडा : सियाडीह टोला, नावाडीह, कुचाई।
  • चैतन मुंडा : सियाडीह टोला, नावाडीह, कुचाई।
  • दीपक सोय : सियाडीह टोला, तिरूलडीह, कुचाई
  • जॉन जुनास तिड़ू : पिता अनिद्रयस तिड़ू, कुरुंगा, अड़की, खूंटी।
  • बलराम समद : पिता टोको समद, कुरुंगा, अड़की, खूंटी।
  • मोगो सेबेयन बोदरा : पिता स्व. जोगो बोदरा, बाड़ीईकिर, अड़की, खूंटी।
  • ठाकुर मुंडा : पिता स्व. सनिका मुंडा, ओमटों, मारंगहादा, खूंटी।
  • पौलुस टुटी : पिता दसाय टुटी,, डेरा दशमफॉल, रांची।
  • बैजनाथ पाहन : पिता स्व. बुधुवा पाहन, केवड़ा, मुरहू, खूंटी।
  • नेता नाग मुंडा : पिता स्व. सुखराम मुंडा, केवड़ा, मुरहू, खूंटी।

धारा 124-ए पर एक नजर

  • भारतीय दंड संहिता की धारा 124-ए के तहत उन लोगों को गिरफ्तार किया जाता है, जिनपर देश की एकता और अखंडता को नुकसान पहुंचाने का आरोप होता है।
  • अगर कोई भी व्यक्ति सरकार विरोधी सामग्री लिखता या बोलता है। ऐसी सामग्री का समर्थन करता है।
  • राष्ट्रीय चिह्नों का अपमान करने के साथ संविधान को नीचा दिखाने की कोशिश करता है।
  • धारा 124-ए भादवि में अगर न्यायालय में आरोपितों पर दोष साबित हुआ तो आरोपितों को आजीवन कारावास या तीन साल की सजा हो सकती है।

पत्थलगड़ी के ये नेता व समर्थक हुए थे गिरफ्तार

कार्तिक महतो, पावल टुटी, दुर्गा मुंडा, मोगो सेबियन बोदरा उर्फ मोसो मुंडा, बलराम समद, जॉन जुनास तिड़ू, सुरेंद्र सिंह मुंडा, नेता नाग मुंडा, सुखराम मुंडा, प्रभू सहाय पूर्ति उर्फ गेंदा मुंडा, लेबो एग्नेस टुटी, करम सिंह मुंडा, ठाकुरा मुंडा, पौलुस टुटी व विजय कुजूर।


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