कुत्तों पर जुल्म और गैर कानूनी व्यापार करने वालों पर सरकार हुई सख्त
समाज में कुत्तों को इंसान का सबसे वफादार साथी माना जाता है।
जागरण संवाददाता, राची: समाज में कुत्तों को इंसान का सबसे वफादार साथी माना जाता है। लेकिन कई लोग इन मासूम जानवरों के साथ भी क्रूरता करने से बाज नहीं आते हैं। मगर अब ऐसे लोग आसानी से बच नहीं पाएंगे। राच्य सरकार की कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग ने डॉग ब्रीडिंग सेंटर और पेट शॉप के लिए महत्वपूर्ण निर्देश जारी किया है। इसके तहत वैधानिक रूप से अपंजीकृत डॉग ब्रीडिंग सेंटर एवं पेट शॉप खोलने पर जिला प्रशासन कड़ी कार्रवाई करेगी। इसके साथ ही जिला प्रशासन को पुलिस प्रशासन एवं संयुक्त जाच दल के माध्यम से अपंजीकृत प्रतिष्ठानों पर कार्रवाई करने का सख्त निर्देश दिया है। लॉकडाउन खुलने के बाद राच्य सरकार के द्वारा इसके लिए कड़े कानून बनाए जाएंगे। नए प्रावधान के तहत डॉग ब्रीडिंग सेंटर और पेट शॉप खोलने के लिए राच्य जीव-जंतु कल्याण बोर्ड झारखंड से निबंधन अनिवार्य होगा। हालाकि मौजूदा कानून में ये प्रवधान पहले से है। लेकिन ये अब इसमें थोड़े बदलाव के साथ सख्ती से लागू किया जाएगा। किसी भी जानवर से क्रूरता करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पशुओं के प्रति क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 पहले से देश में है। मगर इसके नियम सख्त नहीं है। इसमें लगभग सारे सेक्सन बेलएबल हैं। ऐसे में अपराध करने वाले को सख्त सजा नहीं होती। मगर राच्य सरकार के नए नियम से कुतों की रक्षा हो सकेगी।
पशुपालन विभाग के निदेशक चितरंजन कुमार ने बताया कि कुतों का व्यवसाय करने वालों को निर्धारित मापदंड के तहत ही निबंधन किए जाने का प्रावधान है। निर्धारित मापदंडों के तहत कागजात की जाच करने के बाद संबंधित लोगों को कुत्तों का व्यवसाय करने की अनुमति प्रदान की जाती है। बताया कि लॉकडाउन में स्ट्रीट डॉग्स के लिए भोजन की व्यवस्था कराने की जिम्मेदारी आपदा प्रबंधन विभाग की है। इसके साथ ही कई ऐसे संगठन हैं जो सड़क पर घूम रहे गाय और कुत्तों के खाने का इंतजाम कर रही है।
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केंद्र सरकार के आदेश के अनुसार झारखंड सरकार ने जीव जंतु क्रूरता निवारण के लिए लॉकडाउन के बाद कड़े कदम उठाने की अनुसंशा की है। पशु-पक्षियों का गैर कानूनी कारोबार और उनपर क्रूरता करने वालों के खिलाफ हम सख्त कार्रवाई करेंगे।
शिवानंद कंशी, नोडल पदाधिकारी, राच्य जीव जन्तु कल्याण बोर्ड झारखंड
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कई लोग कुत्तों को शौक के लिए पाल लेते हैं। इसके बाद उसे संभाल नहीं पाते और क्रूरता करते हैं। ऐसे लोग मानव कहलाने के लायक ही नहीं है। राची में कई गैर कानूनी पेट शॉप हैं। अच्छा होगा इनपर जल्द से जल्द कार्रवाई की जाए।
च्योति शर्मा, पेटा
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कई संस्थान पहले से जानवरों और पक्षियों की रक्षा के लिए शहर में लोगों को जागरूक कर रहे हैं। पशु-पक्षी हमारे पर्यावरण के अभिन्न अंग हैं। इनकी रक्षा भी हमारी जिम्मेदारी है।
पंकज वत्सल, आध्यात्म फाउंडेशन