बीमारी तो बहाना है साहब! नशेड़ियों को पहुंचा रहे प्रतिबंधित सीरप व टैबलेट
रांची रांची में नशीली दवाओं का कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है। दवा दुकानों की संलिप्तता सामने आ रही है।
जागरण संवाददाता, रांची : रांची में नशीली दवाओं का कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है। शहर के अलग-अलग इलाकों में इसके कई नए-नए केंद्र बन गए हैं। पुलिस और ड्रग विभाग की ओर से की गई जांच में यह खुलासा हुआ है। पुलिस को पता चला है कि लॉकडाउन का फायदा उठाकर इस कारोबार को तेजी से फैलाया गया है। पूरे कारोबार में कई दवा दुकानों की भी संलिप्तता है। दवा कंपनियों और एमआर के साथ सांठगांठ कर इसे तेजी से बढ़ाया जा रहा है।
कोरोना संक्रमण काल में अपनी नौकरी खो चुके कई युवाओं को भी इस गिरोह का हिस्सा बनाया गया है। ये दवाएं ग्राहक के रूप में उन्हें ही उपलब्ध कराई जा रही हैं जो पहले से इसका सेवन कर रहे हैं। ऐसे लोगों के जरिए ही दवाएं दूसरे ग्राहकों तक भी पहुंचाई जा रही हैं। पुलिस और ड्रग विभाग की टीम अलग-अलग इस केस पर काम कर रही हैं। जल्द ही इस मामले में बड़ी छापेमारी हो सकती हैं।
---------------------
नसों में डालते हैं नशीला इंजेक्शन
शहर में कई इलाकों में नशीला कफ सीरप के अलावा इंजेक्शन व टैबलेट की भी बिक्री हो रही है। फोर्टविन, पेंटविन सहित अन्य इंजेक्शन का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। दर्दनाक तरीके से युवा अपने हाथ की नसों में इंजेक्ट कर रहे हैं।
-------------------
चार से पांच गोलियां खाकर कर रहे नशा
कुछ नशेड़ी ऐसे हैं, जो नाइट्रोजन-10, स्पास्मो प्रॉक्सिीवान, मार्फिन और ट्राइका की चार से पांच गोलियां खाकर नशा कर रहे हैं।
--------------------------
बिना डॉक्टरी परामर्श के बिक रही दवाइयां
सभी दवाइयों का इस्तेमाल किसी न किसी बीमारी में किया जाना है। ये दवाइयां डॉक्टरों के परामर्श पर ही बिकने है, लेकिन दुकानदार बिना डॉक्टरों की पर्ची के धड़ल्ले से इसकी बिक्री कर रहे हैं। इन नशीली दवाओं के ज्यादातर खरीदार शहर के अपराधी हैं। इन नशीली दवाओं का सेवन कर लूट ओर झपटमारी करते हैं।
------------------------
हाल में पंडरा इलाके में मारा गया था छापा
रांची के पंडरा इलाके में नशीला इंजेक्शन का कारोबार चल रहा था। पुलिस और ड्रग इंस्पेक्टर की टीम ने आरती मेडिकल शॉप में छापेमारी की। छापेमारी के दौरान 850 इंजेक्शन और 400 नशीला टैबलेट बरामद किया गया। वहीं मौके से दुकानदार को गजेंद्र नाग उर्फ राजेंद्र को गिरफतार कर लिया गया। मामले में ड्रग इंस्पेक्टर उत्कल मणि के बयान पर एफआइआर दर्ज की गई थी।