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नाटक सुनो द्रौपदी का मंचन, विषय था महिला सशक्तीकरण

झारखंड फिल्म एंड थिएटर एकेडमी में सोमवार को नाटक सुनो द्रौपदी का मंचन किया गया। इस तरह का मंचन प्रति सप्ताह होता है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Feb 2020 09:11 PM (IST)Updated: Mon, 17 Feb 2020 09:11 PM (IST)
नाटक सुनो द्रौपदी का मंचन, विषय था महिला सशक्तीकरण
नाटक सुनो द्रौपदी का मंचन, विषय था महिला सशक्तीकरण

जागरण संवाददाता, रांची : झारखंड फिल्म एंड थिएटर एकेडमी में सोमवार को नाटक सुनो द्रौपदी का मंचन किया गया। इस नाटक का विषय महिला सशक्तीकरण था जिसमें महिलाओं के किसी विपत्ति में पड़ने पर समाज द्वारा दिखाई गई उदासीनता पर प्रहार किया गया।

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जेएफटीए द्वारा हर हफ्ते इन हाउस थिएटर का आयोजन किया जाता है, जिसके तहत इस हफ्ते राजीव सिन्हा के लेखन व निर्देशन में सुनो द्रौपदी का मंचन किया गया। इसमें दिखाया गया कि किस तरह जब भरे बाजार में लहूलुहान एक महिला लोगों से मदद की गुहार लगाती है, तो लोग खुद के व्यस्त होने का दिखावा करते हैं। इसके बाद कोई कैंडल मार्च कर विरोध करने की सलाह देता है तो कोई ऐसे लफड़ों में न फंसने की सलाह देता है। कई अवसरों पर प्रशासन भी नो कॉमेंट कह कर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं, जबकि राजनेता इस गंभीर मुद्दे को भी जाति और धर्म से जोड़ने से नहीं कतराते।

समस्याओं से छुटकारा दिलाने के लिए एक पागल करता है द्रौपदी की मदद

नाटक के अंत में दुनिया की रीत बन चुकी इन समस्याओं से छुटकारा दिलाने के लिए एक पागल, द्रौपदी की मदद करता है। वह उसके साथ घटित हो रही इन चीजों को देख अपना आपा खो देता है और अपनी बोरी से एक तलवार निकालकर द्रौपदी को असहाय बने रहने के बजाय खुद सशक्त होकर इस समाज से लड़ने के लिए प्रेरित करता है। इस नाटक में शामिल होने वाले कलाकार मोहित, ललित, अभिषेक, प्रकाश, दिपाशु, सुरोत्तमा, शेखर, सोनू, सृष्टि, अनंत, विनीत, दीपक और मानवीर थे।


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