सीएम की पहल पर अफसरों का आंदोलन टला, सरकार को राहत
Jharkhand Administrative Service. झारखंड प्रशासनिक सेवा के अधिकारी अपनी मांगों के समर्थन में 16 जनवरी से वर्क टू रूल पर काला बिल्ला लगाकर काम कर रहे थे।
रांची, राज्य ब्यूरो। अपनी विभिन्न मांगों के समर्थन में 16 जनवरी से वर्क टू रूल पर काला बिल्ला लगाकर काम कर रहे राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसरों ने तत्काल प्रभाव से अपना आंदोलन वापस ले लिया है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री की पहल पर लिखित आश्वासन मिलने के बाद अफसरों ने यह फैसला किया है। राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसर सोमवार से पूर्व की तरह अपने दायित्वों का निर्वहन करेंगे। आंदोलन पर अड़े अफसरों ने विगत तीन दिनों से विधि-व्यवस्था से जुड़े कार्यो का बहिष्कार कर रखा था।
झारखंड राज्य प्रशासनिक सेवा संघ (झासा) ने आंदोलन वापस लेने की घोषणा शुक्रवार को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई वार्ता के बाद लिया। वार्ता में मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी, अपर मुख्य सचिव कार्मिक केके खंडेलवाल, अपर मुख्य सचिव योजना सह वित्त सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सुनील कुमार वर्णवाल आदि शामिल थे। झासा की ओर से कार्यकारी अध्यक्ष राम कुमार सिन्हा के अलावा यतींद्र प्रसाद, अरविंद कुमार मिश्रा, पवन कुमार, अभय कुमार झा आदि ने शिरकत की।
प्रीमियर सेवा व चाइल्ड केयर लीव के लिए बनेगी कमेटी : बिहार की तर्ज पर झारखंड प्रशासनिक सेवा को पुनगर्ठित करते हुए प्रीमियर सेवा का दर्जा दिए जाने से संबंधित मसले पर विचार करने के लिए विकास आयुक्त की अध्यक्षता में कमेटी गठित करने का निर्णय लिया गया। यह कमेटी इसी तरह सातवें वेतन आयोग की अनुशंसाओं को लागू करने के लिए गठित फिटमेंट कमेटी द्वारा मूल कोटि, अपर सचिव एवं विशेष सचिव के लिए की गई सिफारिश की भी समीक्षा करेगी। कमेटी में अपर मुख्य सचिव कार्मिक तथा अपर मुख्य सचिव योजना सह वित्त बतौर सदस्य शामिल रहेंगे।
महिला अफसरों को चाइल्ड केयर लीव, बीडीओ नहीं करेंगे एफटीओ : मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई वार्ता में महिला अफसरों के लिए बिहार में प्रभावी सुविधा की तर्ज पर चाइल्ड केयर लीव देने पर भी सहमति बनी। मनरेगा के तहत फंड ट्रांसफर के कार्य से बीडीओ को मुक्तकरने से संबंधित झासा की मांगों पर भी सरकार ने अपनी सहमति दे दी। इसी तरह इससे इतर झासा के कार्यालय सह सभागार के निर्माण के लिए कोर कैपिटल एरिया में तीन एकड़ भूमि टोकन राशि पर मुहैया करने के मसले पर राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग निर्णय लेगा।
संयुक्तसचिव के होंगे 120 पद, कार्रवाई 31 तक, प्रोन्नति पूर्व की ही तरह : संयुक्तसचिव के 120 पद होंगे। ग्रामीण विकास विभाग में उप विकास आयुक्तके 18 में से तीन पद भारतीय वन सेवा तथा अन्य तीन संविदा आधारित पद होने से संयुक्तसचिव के पद महज 114 रह गए थे। सरकार ने पदों के सृजन तथा विलोपन का कार्य 31 जनवरी तक पूरा कर लेने का आश्वासन झासा को दिया है। अफसरों की लंबित प्रोन्नति पर 28 फरवरी तक विचार करने का फैसला लिया गया।
इन मांगों पर भी बनी सहमति -अंचलों में अंचलगार्ड की तैनाती पर दो-तीन दिनों में होगा निर्णय। -बहरहाल 21 में से तीन-चार अफसर ही होंगे निलंबन मुक्त। शेष पर गंभीर मामला। -प्रतिमाह 1000 रुपये की चिकित्सा भत्ता की जगह अफसरों के लिए स्वास्थ्य बीमा की नीति पर एक सप्ताह के अंदर होगा निर्णय। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में होगी बैठक। -कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा रेवेन्यू प्रोटेक्शन एक्ट का मामला।