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केंद्राधीक्षक कर रहे मनमानी, नहीं मानते जैक का निर्देश

मैट्रिक व इंटरमीडिएट का रिजल्ट जल्द जारी करने को लेकर जैक का निर्देश कई केंद्राधीक्षक नहीं मानते हैं। सरहुल के दिन कॉपी की जांच नहीं करवाई गई। इससे समय पर परिणाम निकलने में संशय उत्पन हो गया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 09 Apr 2019 06:55 AM (IST)Updated: Wed, 10 Apr 2019 06:49 AM (IST)
केंद्राधीक्षक कर रहे मनमानी, नहीं मानते जैक का निर्देश
केंद्राधीक्षक कर रहे मनमानी, नहीं मानते जैक का निर्देश

जागरण संवाददाता, रांची : मैट्रिक व इंटरमीडिएट का रिजल्ट जल्द जारी करने को लेकर झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) खूब मशक्कत कर रहा है। जैक ने सरहुल की छुंट्टी के बाद भी आठ अप्रैल को उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन का समय बदलकर सभी केंद्र निदेशक को निर्देश दिया कि सुबह आठ बजे से एक बजे तक मूल्यांकन कराएं ताकि समय पर रिजल्ट आए और छात्रों को नामांकन में दिक्कत नहीं हो। लेकिन बालकृष्णा प्लस टू उवि विद्यालय मूल्यांकन केंद्र के केंद्र निदेशक सह प्राचार्या दिव्या सिंह ने जैक के निर्देश को नहीं मानते हुए सोमवार को केंद्र को पूरी तरह बंद रखा। ये अपने हिसाब से केंद्र खुला रखने का दिन व समय तय करती हैं। वहीं 100 मीटर की दूरी पर दो अन्य मूल्यांकन केंद्र मारवाड़ी प्लस टू उवि व जिला स्कूल में मूल्यांकन कार्य चला। इधर इस विषय पर दिव्या सिंह ने कहा कि ज्यादातर परीक्षकों ने सोमवार को मूल्यांकन से मना किया था इस कारण बंद करना पड़ा। सवाल यह उठता है कि केंद्र खुला या बंद रखने का निर्णय केंद्र निदेशक लेती हैं या फिर परीक्षक। जब इस विषय पर डीईओ रजनीकांत वर्मा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि केंद्र निदेशक से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। साथ ही उन पर कड़ी कारवाई के लिए जैक को पत्र भी लिखेंगे।

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15 तक मूल्यांकन संभव नहीं

जैक सचिव ने सभी केंद्र निदेशकों को स्पष्ट निर्देश दिया था कि हर हाल में 15 अप्रैल तक मूल्यांकन कार्य पूरा करा लें। लेकिन परीक्षकों की कमी, जो हैं उनकी मनमानी तथा कुछ केंद्र निदेशक की लापरवाही की वजह से निर्धारित तिथि तक मूल्यांकन पूरा होना संभव नहीं होगा। कुछ केंद्रों पर अब तक मूल्यांकन के लिए बची उत्तरपुस्तिकाओं व परीक्षकों की संख्या के आधार पर सब कुछ स्पष्ट हो रहा है। कंप्यूटर साइंस, अंग्रेजी, इकोनॉमिक्स, सोशियोलॉजी, फिजिक्स जैसे विषय रिजल्ट को फंसाएगा। मारवाड़ी प्लस टू विद्यालय में सोशियोलॉजी में 7361 उत्तरपुस्तिकाएं मूल्यांकन के लिए बची हैं। यहां इस विषय के छह परीक्षक हैं। ऐसे में एक परीक्षक प्रतिदिन 40 कॉपियों का मूल्यांकन करते हैं तो अभी और 30 दिन मूल्यांकन चलेगा। यह सिर्फ राजधानी के कुछ केंद्रों की स्थिति है। पूरे राज्य में 69 मूल्यांकन केंद्र हैं। मूल्यांकन केंद्रों की स्थिति

जिला स्कूल

विषय- कॉपियां-परीक्षक-कब तक

अंग्रेजी-3590-16-20 अप्रैल

फिजिक्स -5993-11-22 अप्रैल

गणित-3974-12 -19 अप्रैल मारवाड़ी प्लस टू विद्यालय

सोशियोलॉजी -7361-6-10 मई

साइकोलॉजी-2419-3-29 अप्रैल एलएलईबी स्कूल

इतिहास- 3600-7- 21 अप्रैल

हिदी- 10000- 2-जुलाई तक

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इन विषयों में एक भी परीक्षक नहीं

एलएलईबी मूल्यांकन केंद्र पर अंग्रेजी के 10500 और इकोनोमिक्स के 6500 उत्तरपुस्तिकाएं हैं। इन विषयों के एक भी परीक्षक ज्वाइन नहीं किए हैं। इसी तरह मारवाड़ी पल्स टू विद्यालय में अंग्रेजी के 10000, इकोनोमिक्स के 8000, उर्दू के 1000 और गणित की 300 कॉपियां हैं। जिला स्कूल में कंप्यूटर साइंस के 105 और बांग्ला के 300 कॉपियां हैं। इन सभी में एक भी परीक्षक ज्वाइन नहीं किए हैं। इन कारणों से फंसेगा रिजल्ट

- सैकड़ों परीक्षक ज्वाइन ही नहीं किए, लेकिन जैक अभी तक ऐसे शिक्षकों पर कार्रवाई नहीं कर रहा है।

- कुछ शिक्षक अपने स्कूल में ही रहने के लिए को-आर्डिनेटर बन गए। जबकि इन्हें परीक्षक बनाया गया था।

- कुछ शिक्षकों को कार्यक्रम में प्रतिनियोजित किया गया। विशेषकर लैंग्वेज के शिक्षकों के प्रतिनियोजन से बचना जरूरी था।

-कई परीक्षक कई दिन मूल्यांकन केंद्र नहीं पहुंचते हैं। फिर दूसरे दिन रजिस्ट्रर में अटेंडेंस भी बना लेते हैं।

-जैक ने बायोमीट्रिक तो लगा दिया लेकिन कभी चेक नहीं किया कि कौन परीक्षक कितने बजे आते-जाते हैं।


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