चैंबर ने बजट में घोषित कई योजनाओं को व्यापारी, किसान, उद्यमी एवं मिडिल क्लास के लिए समर्पित बताया
आम बजट के प्रसारण की व्यवस्था रांची के चैंबर भवन में की गई थी। चैंबर के लोगों ने बजट की सराहना की।
जागरण संवाददाता, रांची : आम बजट के प्रसारण की व्यवस्था रांची के चैंबर भवन में की गई थी। इस अवसर पर काफी संख्या में चैंबर ऑफ कॉमर्स के सदस्य उपस्थित थे। बातचीत में अधिकतर व्यापारियों ने आम बजट को चैंबर की अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं बताया। हालांकि घोषित कई योजनाओं को व्यापारी, उद्यमी, मिडिल क्लास एवं किसान के लिए समर्पित बताया। सरकार का बजट मिला जुला है। ये देश में रोजगार के अवसर उत्पन्न करने वाला है। इस बजट से व्यापारी, उद्यमी, मिडिल क्लास एवं किसान सभी को फायदा होगा। भ्रष्टाचार को लेकर सरकार ने कई दावे किये हैं किंतु ग्राउंड लेवल पर इसके प्रभाव नहीं दिख रहे हैं।
--- दीपक कुमार मारु, अध्यक्ष, चैंबर ऑफ कॉमर्स बजट भारत को उपभोक्ता देश से उत्पादक देश की ओर अग्रसर करने की दिशा देने वाला है। देश में निवेश बढाने के लिए बजट में योजनाएं लाई गई हैं। बजट में जनसंख्या नियंत्रण पर कोई पहल नहीं करना चिंतनीय है।
कुणाल अजमानी, महासचिव यह एक साधारण बजट है। इसमें एमएसएमई के लिए कोई खास प्रावधान नहीं है। इस क्षेत्र का जीडीपी में 29 प्रतिशत का योगदान है।
एसके अग्रवाल, अध्यक्ष, जेसिया अर्थव्यवस्था में महिलाओं की भागीदारी बढाने के लिए बजट में समिति के गठन का प्रस्ताव स्वागतयोग्य है।
सोनी मेहता, उपाध्यक्ष बजट के माध्यम से मझौले उद्योगों में रोजगार बढाने पर जोर दिया गया है। इस हेतु उद्यमियों को ब्याज में दो प्रतिशत की छूट के लिए 350 करोड़ रुपये का आवंटन स्वागतयोग्य है। सभी राज्यों को सस्ती बिजली पहुंचाने का प्रयास अच्छा है।
प्रवीण जैन छाबड़ा, सह सचिव मोदी सरकार का बजट गाव गरीब और किसानों को समर्पित है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हर वर्ग का ध्यान रखते हुए पहला और ऐतिहासिक बजट पेश किया है।
संदीप नागपाल, रेलवे सलाहकार समिति स्टार्टअप को एंजेल टैक्स पर भारी राहत देने की घोषणा प्रशंसनीय है। इस बजट में प्राय: प्रत्येक सेक्टर को राहत देने की कोशिश की गई है।
राहुल मारु, कोषाध्यक्ष बजट में छोटे दुकानदारों के लिए पेंशन की व्यवस्था करना सराहनीय प्रयास है। इसके अलावा गाव-देहात तक पानी, बिजली, शौचालय और गैस कनेक्सन को व्यापक स्तर पर मुमकिन बनाने पर जोर दिया गया है।
पवन शर्मा, पूर्व अध्यक्ष
सरकार ने इसबार टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया है, जबकि डीजल और पेट्रोल पर प्रति लीटर एक रुपये का टैक्स लगाया है। इससे सामान्य उपयोग की वस्तुएं महंगी होंगी।
विनय अग्रवाल, पूर्व अध्यक्ष
बजट में आम आदमी को कोई विशेष राहत नहीं दी गयी है। केवल घर खरीदार को आयकर में विशेष छुट देने की बात कही गयी है।
सीए आदित्य शाह, मेंबर डायरेक्ट टैक्स बैंकों का एक लाख करोड़ एनपीए कम हुआ है, यह सूचना अच्छी है, इससे बैंकिंग व्यवस्था में सुधार आयेगा। इसी प्रकार छोटे कारोबारियों एवं दुकानदारों को पेंशन योजना का लाभ देने की घोषणा है।
ओमप्रकाश अग्रवाल, पूर्व अध्यक्ष जनता की अपेक्षाओं का बजट है। बजट के माध्यम से हर गाव में ठोस कचरा प्रबंधन एवं दो करोड़ गावों को डिजीटल साक्षर बनाने का लक्ष्य प्रशंसनीय है।
मुकेश अग्रवाल, कार्यकारिणी सदस्य बजट देश में बेरोजगारी पर वार करने वाला है। सिंगल ब्राड रिटेल में एफडीआइ की अनुमति सराहनीय है।
परेश गट्टानी, कार्यकारिणी सदस्य वित्त मंत्री ने नए सिक्कों को लाने की घोषणा की है जबकि पुराने सिक्कों का क्या होगा, इसपर कोई निर्देश नहीं दिया है जिससे व्यापार जगत चिंतित है। वैसे बजट संतुलित है।
संजय अखौरी, सचिव, कंज्यूमर प्रोडक्ट्स डिस्ट्रीब्यूटर्स एसोसिएशन ब्याज पर छूट की सीमा 2 से बढकर 3.5 लाख एवं हाउसिंग लोन पर 3.5 लाख की छूट स्वागतयोग्य है। मुद्रा स्कीम के अंतर्गत महिलाओं को एक लाख तक का ऋण उपलब्ध करान अच्छा कदम है।
आनन्द गोयल, कार्यकारिणी सदस्य कस्टम ड्यूटी बढ़ाई गई है, इससे सोना और महंगा होगा। इससे लोगों की जेब पर बड़ा असर पड़ेगा। साथ ही सोना के व्यापारियों की समस्या भी बढ़ेगी।
आरके गाड़ोदिया, सीए 59 सेकेंड में एक करोड़ तक का व्यापार ऋण की व्यवस्था करने से व्यापार को बढावा मिलेगा।
अंजय सरावगी, चैंबर सदस्य बजट के माध्यम से स्टार्टअप के लिए विषेष प्रोत्साहन नीति को प्रस्तुत करने से युवाओं को बल मिलेगा। हालांकि इस बजट में आम लोगों को कोई विशेष राहत नहीं दी गई है।
काशी प्रसाद कनोई, कार्यकारिणी सदस्य देश की अर्थव्यवस्था में गति देने के लिए अच्छा बजट है। अफोर्डेबल हाउसिंग के लिए ब्याज में छूट बढ़ाई गई है। बजट में कैस लेन देन घटाने के लिए कई सारे बदलाव किये गये हैं।
श्यामसुंदर अग्रवाल, सदस्य सूखा की स्थिति में खेतों में पानी, सिंचाई की व्यवस्था, पर्यावरण प्रदूषण के बढते प्रभाव को कम करने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता थी, किंतु फोकस नहीं किया गया है।
किशन अग्रवाल, पर्यावरण उप समिति चेयरमैन