लोगों को लुभा रही तमासिन फॉल की सुंदरता
झारखंड में कई बड़े फॉल हैं मगर तमासिन फॉल लोगों को आकर्षित कर रहा है। इसकी सुंदरता देखते बनती है। रांची से यह 182 किमी दूर है।
जागरण संवाददाता, रांची : झारखंड में कई बड़े फॉल हैं मगर तमासिन फॉल बिहार और झारखंड ही नहीं देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए स्वर्ग से कम नहीं है। यहां जैसी प्राकृतिक सुंदरता कहीं नहीं है। यहां की अनुपम सुंदरता के कारण पर्यटकों का मन बार-बार आने को करता है। जिस पहाड़ पर ये फॉल है उसकी सबसे बड़ी खासियत है कि ये अनोखी और गुणकारी जड़ी बूटियों से भरी पड़ी है। इसके साथ ही ये पूरा पहाड़ अभ्रक और बेशकीमती पत्थरों से भरा हुआ है। यहा की प्राकृतिक छटा को कोयल की कूक, झरनों की कल-कल छल-छल कलरव तथा पक्षियों की चहचहाहट और मोहक बना देती है। तमासिन में प्रमुख तीन झरने हैं। जहा करीब 40 फुट ऊपर से गहरी खाई में पानी गिरता है। झरनों की फव्वारे व तरह-तरह की बूंदें देख लोग आनंद विभोर हो जाते हैं। यहा की मछलिया भी पानी में रहकर तमासिन की खूबसूरती बढ़ा देती है। हर मौसम में यहां आते हैं लोग
तमासिन पहाड़ पर कई प्रकार के पेड़ पौधे और रंग बिरंगे फूलों की मादकता से खूबसूरती में और चार चांद लग जाता है। गर्मी और ठंड के मौसम में लोगों का यहां आना जारी रहता है। यहां का अध्यात्मिक महत्व भी है। सनातन धर्मावलंबियों की आस्था यहां से जुड़ी हुई है इसलिए लोग इसे तमासिन मां के नाम से पूजते हैं। लोगों की तमासिन माता में काफी आस्था है। मुंडन संस्कार से लेकर मनौती मानने के लिए लोग आते हैं। इसके साथ ही यहां साल में एक बार मेले का आयोजन भी किया जाता है। नवरात्र में लगती है भारी भीड़
इस फॉल तक पहुंचने और माता के दर्शन के लिए लोगों को 350 सीढि़यां नीचे उतरना पड़ता है। इन सीढि़यों का निर्माण वन विभाग के द्वारा कराया गया है। यहां के बारे में मान्यता है कि इस झरने के पानी में बना खाना खाने से कई प्रकार के रोग दूर हो जाते हैं। इसका एक कारण पहाड़ पर मौजूद विभिन्न प्रकार के औषधीय पौधे भी हैं। नवरात्र और सावन में यहां माता की विशेष पूजा के लिए भक्तों की भारी भीड़ होती है। इस स्थान पर कैसे पहुंचे
रांची से इस स्थान पर पहुंचने के लिए बस या स्वयं के वाहन का उपयोग कर सकते हैं। रांची से 182 किमी इसकी दूरी है। चतरा जिला मुख्यालय से 32 किमी दूर है। चतरा से वहां तक पहुंचने के लिए सड़क की स्थिति ठीक है। जिला प्रशासन द्वारा सैलानियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए एक यात्री सेड, शौचालय, चबूतरा, चापानल आदि का निर्माण कराए गए हैं।