महिलाएं ठान लें तो बदल जाएगी गांव की सूरत:आशा लकड़ा
रांची हापौर आशा लकड़ा ने कहा कि महिलाएं अगर ठान लें तो गांव की तस्वीर बदल सकती है।
जागरण संवाददाता, रांची : महापौर आशा लकड़ा ने कहा कि महिलाएं अगर ठान लें तो गांव की तस्वीर बदल सकती है। इच्छा शक्ति और कुछ कर दिखाने की जिद होनी होनी चाहिए। वे मंगलवार को मोरहाबादी स्थित रामकृष्ण मिशन में आयोजित शक्ति दिवस पर कृषिरत महिला सशक्तीकरण विचार गोष्ठी को संबोधित कर रही थी। इसका आयोजन दिव्यायन कृषि विज्ञान केंद्र व इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर को ऑपरेटिव की ओर से किया गया था। महिलाओं को अर्थव्यवस्था की रीढ़ बताते हुए उन्होंने कहा कि खेती हो या अंतरिक्ष महिलाएं कंधे से कंधे मिलाकर भारत की उन्नति में अपना योगदान दे रहीं हैं। मौके पर उन्होंने पारंपरिक खेती व प्लास्टिक मुक्त गांव पर बल दिया। विधायक गंगोत्री कुजूर ने कहा कि महिलाएं वट वृक्ष की समान हैं। समाज का पालन पोषण करती हैं। आज कई कुटिर उद्योग की संचालन महिला स्वयं कर रही है। आवश्यक्ता है कुटिर उद्योग के लिए बाजार उपलब्ध कराने का। इसके लिए हमसब को ध्यान देना होगा। महिलाएं स्वयं आगे बढ़कर सशक्त :
रामकृष्ण मिशन के सचिव स्वामी भवेशानंद ने कहा कि महिलाएं स्वयं आगे बढ़कर सशक्त हो सकती है। सिस्टर निवेदिता का उदाहरण देते हुए महिलाओं को कृषि क्षेत्र में अपनी भागीदारी सुनिश्चत करने की अपील की। उन्होंने रांची जिला के तीन क्षेत्र गुडगुडजारी, मांडर, अनगड़ा आदि में सरकार द्वारा चलाये जा रहे योजनाओं की सफलता में आगे आने का आह्वान किया। समिति के निदेशक सुभाष सिंह ने कहा कि मां के शिक्षित होने से कई पीढि़यां शिक्षित होंगी। मां ही बच्चों के लिए प्रथम पाठशाला होती है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाये बिना देश का वास्तविक विकास संभव नहीं है। कार्यक्रम को इफको के प्रबंधक आरके सिंह, दिव्यायन कृषि केंद्र के कार्यक्रम समन्वयक डॉ. अजीत कुमार सिंह ने भी संबोधित किया। उत्कृष्ट कार्य के लिए पांच महिला को मिला सम्मान
कार्यक्रम के दौरान जिले के पांच स्वयं सहायता समूहों की पांच महिलाओं को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया। प्रश्नोत्तरी सत्र में सही जवाब देने के लिए पांच महिलाओं को स्प्रे मशीन देकर पुरस्कृत किया गया। तकनीकी सत्र में शामिल हुई 223 महिलाएं
कार्यक्रम के दूसरे चरण में तकनीकी सत्र का आयोजन किया गया जिसमें विभिन्न गांवों से 223 महिलाएं शामिल हई। तकनीकी सत्र में कृषि कार्य से जुड़ी महिलाओं को खेती से जुड़ी जानकारी दी गई। कृषि विज्ञान केंद्र के डॉ. राजेश कुमार, डॉ. भरत महतो, डॉ. रवींद्र कुमार, नेहा राजन, मनोज कुमार सिंह ने वैज्ञानिक खेती के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।