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Lalu Prasad Yadav Latest News: लालू यादव के जेल मैनुअल उल्लंघन मामले में 5 फरवरी को होगी सुनवाई, एसओपी पर गृह विभाग से मांगा जवाब

Lalu Prasad Yadav Latest News चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद के जेल मैनुअल उल्लंघन मामले में शुक्रवार को झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान सरकार की ओर से कैदियों को अस्पताल में भर्ती के दौरान सुरक्षा सहित अन्य सुविधाओं को लेकर एसओपी की जानकारी दी गई।

By Alok ShahiEdited By: Published: Fri, 22 Jan 2021 07:40 AM (IST)Updated: Fri, 22 Jan 2021 12:11 PM (IST)
Lalu Prasad Yadav Latest News: लालू यादव के जेल मैनुअल उल्लंघन मामले में 5 फरवरी को होगी सुनवाई, एसओपी पर गृह विभाग से मांगा जवाब
Lalu Prasad Yadav Latest News: राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव।

रांची, राज्य ब्यूरो। Lalu, Lalu Yadav News, Lalu Yadav Health चारा घोटाला मामले में सजा काट रहे लालू प्रसाद के जेल मैनुअल उल्लंघन मामले में शुक्रवार को झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान सरकार की ओर से कैदियों को अस्पताल में भर्ती के दौरान सुरक्षा सहित अन्य सुविधाओं को लेकर एसओपी की जानकारी दी गई। सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता आशुतोष आनंद ने बताया कि रिवाइज एसओपी गृह सचिव के पास भेजा गया है और उन्हें 2 सप्ताह का समय दिया जाए ताकि रिवाइज एसओपी पर निर्णय लिया जा सके। जिसको देखते हुए अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई 5 फरवरी को निर्धारित की है।

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हालांकि पिछले आदेश के तहत रिम्स की ओर से लालू प्रसाद से संबंधित मेडिकल रिपोर्ट अदालत में नहीं दाखिल की गई थी। इस पर अदालत ने रिम्स को जवाब देने के लिए रिमाइंडर भेजने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही अदालत ने एसओपी पर गृह विभाग और जेल आइजी से रिपोर्ट में मांगी है। सुनवाई के दौरान अदालत ने जेल आईजी की ओर से दाखिल रिपोर्ट का अवलोकन किया और पूछा कि लालू की सुरक्षा में कितने पुलिस बल की नियुक्ति की गयी है इस दौरान अदालत को बताया गया कि तीन पालियों में पुलिसकर्मी उनकी सुरक्षा करते हैं और एक मजिस्ट्रेट की भी तैनाती की गई है।

जिस पर अदालत ने कहा कि ऐसा क्यों किया गया है, इससे पहले तो मजिस्ट्रेट की तैनाती नहीं थी। जिस पर सरकार की ओर से कहा गया कि सितंबर माह से ही मजिस्ट्रेट की नियुक्ति की गई है ताकि अगर लॉ एंड ऑर्डर की किसी भी तरह की स्थिति उत्पन्न होती है तो तत्काल निर्णय लिया जा सके। अदालत ने कहा कि कैदियों की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों को बाहरी लोगों से मिलने के लिए रजिस्टर मेंटेन करना चाहिए लेकिन किसी उच्च अधिकारी को इसकी अचानक जांच करनी चाहिए। इस पर सरकार की ओर से कहा गया कि वह आश्वस्त करते हैं कि उच्च अधिकारी 15 दिनों में ऐसा जरूर करेंगे। बता दें कि झारखंड हाई कोर्ट ने जेल मैनुअल उल्लंघन मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए जेल आईजी और रिम्स प्रबंधन से जवाब मांगा था।


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