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हाजिरी बनाने में गुरुजी बेहाल, छत व पेड़ पर नेटवर्क की तलाश

वायोमेट्रिक हाजिरी बनाने में शिक्षकों को परेशानी होती है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Sep 2018 09:35 PM (IST)Updated: Thu, 20 Sep 2018 09:35 PM (IST)
हाजिरी बनाने में गुरुजी बेहाल, छत व पेड़ पर नेटवर्क की तलाश
हाजिरी बनाने में गुरुजी बेहाल, छत व पेड़ पर नेटवर्क की तलाश

सब हेड : बायोमीट्रिक अटेंडेंस बनाने में परेशानी, स्कूलों में नहीं पकड़ रहा नेटवर्क

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क्रासर

-सोशल मीडिया में उठा रहे सवाल, फोटो वायरल

-ई-विद्यावाहिनी कार्यक्रम के तहत शिक्षकों को दिए गए हैं टैब

राज्य ब्यूरो, रांची : राज्य सरकार ने ई-विद्यावाहिनी कार्यक्रम के तहत जहां प्रभारी शिक्षकों को स्कूल से जुड़ी विभिन्न रिपोर्ट भेजने के लिए टैब दिए हैं, वहीं उसके माध्यम से सभी शिक्षकों को बायोमीट्रिक उपस्थिति भी बनानी है। लेकिन स्कूलों में नेटवर्क नहीं पकड़ने से उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उनका काफी समय नेटवर्क खोजकर उपस्थिति बनाने में लग जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में तो और भी गंभीर स्थिति है। कोई छत पर तो कोई पेड़ पर चढ़कर नेटवर्क तलाश रहे हैं।

नेटवर्क नहीं होने की परेशानियों को लेकर शिक्षक सोशल मीडिया पर तरह-तरह की बातें कर रहे हैं। उनके द्वारा इस व्यवस्था पर सवाल उठाए जा रहे हैं। एक कामचोर शिक्षक (अनाम) के नाम से मुख्यमंत्री के नाम खुला पत्र भी वायरल हो रहा है। इसमें मुख्यमंत्री से स्कूलों में वाच टावर की तरह एक ऊंचे टावर के निर्माण की मांग की गई है ताकि शिक्षक वहां बायोमीट्रिक उपस्थिति बना सकें। इस पत्र में कहा गया है कि मोबाइल नेटवर्क नहीं पकड़ने से शिक्षकों को कभी स्कूल के छत पर तो कभी पेड़ पर चढ़कर नेटवर्क ढूंढ़ना पड़ रहा है।

रियासत अंसारी के नाम से एक शिक्षक का पत्र भी वायरल हो रहा है जिसमें लोहरदगा के भंडरा बीईईओ से बायोमीट्रिक उपस्थिति बनाने के लिए स्कूल से अनुपस्थित होने का आवेदन दिया गया है। उसमें कहा गया है कि उपस्थिति बनाने के लिए इमली का पेड़ चढ़ना होगा। वहां भी नेटवर्क नहीं मिला तो किसी के घर की छत पर चढ़कर हाजिरी बनानी होगी। हालांकि बीईईओ ने इस नाम से किसी शिक्षक के नहीं होने की बात कही है। एक-दो वीडियो भी वायरल है जिसमें शिक्षक उपस्थिति बनाने के लिए पेड़ पर चढ़ने का प्रयास कर रहे हैं तथा छत पर नेटवर्क ढूंढ़ रहे हैं।

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क्या कहते हैं शिक्षक

-नेटवर्क नहीं पकड़ने से उपस्थिति बनाने में काफी परेशानी हो रही है। प्रशिक्षण भी ठीक ढंग से नहीं मिला।

-पुष्कर पराशर, शिक्षक, साहिबगंज - मेरे कांके स्थित स्कूल में ही नियमित रूप से नेटवर्क नहीं पकड़ रहा तो सुदूर क्षेत्रों के स्कूलों में क्या हाल होगा? उपस्थिति बनाने में ही आधा से लेकर एक घंटा लग जा रहा।

-नसीम अहमद, प्रवक्ता, अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ।

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