मिड डे मील में एक्शन पर रिएक्शन में शिक्षक
कई स्कूलों में प्रभारी शिक्षकों के निलंबन का दिया गया है आदेश शिक्षक कर रहे विरोध
कई स्कूलों में प्रभारी शिक्षकों के निलंबन का दिया गया है आदेश, शिक्षक कर रहे विरोध, सीएम से मिलकर देंगे जानकारी
रांची, राब्यू : सरकारी स्कूलों में मिड डे मील बंद होने पर संबंधित शिक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई को लेकर शिक्षकों में रोष है। शिक्षक अपने संघों के वाट्सएप पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के इस आदेश का विरोध कर रहे हैं। साथ ही, इस आदेश के विरोध में आंदोलन शुरू करने की मांग कर रहे हैं।
इधर, अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने इसके विरोध में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन तथा शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो से मिलकर इसकी जानकारी देने का निर्णय लिया है।
दरअसल, सोशल ऑडिट में जिन स्कूलों में लंबे समय से मिड डे मील बंद पाया गया, वहां के प्रभारी शिक्षकों को निलंबित करने तथा विद्यालय प्रबंधन समिति तथा सरस्वती वाहिनी समिति माता समिति को भंग करने का आदेश दिया गया है। दूसरी तरफ, शिक्षक मिड डे मील में सहभागिता नहीं बताते हुए इसका विरोध कर रहे हैं। अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के महासचिव राममूर्ति ठाकुर ने कहा है कि एमडीएम बंद होने के कारण शिक्षकों पर की जा रही कार्रवाई गलत है।
एक तरफ निदेशक स्तर से पत्र निर्गत है कि एमडीएम में शिक्षकों की कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष भागीदारी नही है तथा शिक्षकों की जिम्मेदारी छात्रों की दैनिक उपस्थिति उपलब्ध कराने तक सीमित है। दूसरी तरफ, एमडीएम बाधित होने पर शिक्षकों पर ही जवाबदेही तय कर दी जाती है, जबकि एमडीएम की राशि निकासी और रोकड़ पंजी संधारण में शिक्षकों को हस्ताक्षर करने का भी अधिकार नहीं है। कई स्कूलों में एमडीएम की राशि नहीं होने के बावजूद उधार में काम चलाकर एमडीएम संचालित किया जा रहा है। राशि की अनुपलब्धता के लिए विभाग अपनी जिम्मेदारी से मुक्त होकर शिक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई कर रहा है। उनके अनुसार, संघ शीघ्र ही पूरे मामले पर मुख्यमंत्री से एक स्पष्ट नीति बनाने तथा एमडीएम के नाम पर शिक्षकों पर की गई कार्रवाई को निरस्त करने की मांग करेगा।
रसोईया के मानदेय में कटौती
स्कूलों में मिड डे मील बंद रहने पर महिला रसोइया को उक्त अवधि का मानदेय भुगतान नहीं करने का आदेश दिया गया है। इसे लेकर रसोइया के बीच भी असंतोष है। वर्ष 2018 में दो माह पारा शिक्षकों की हड़ताल के कारण मिड डे मील बंद था। इस अवधि का भी मानदेय भुगतान नहीं किया जाएगा। बता दें कि रसोइया को पहले ही एक साल में 10 माह का ही मानदेय मिलता है।