GST में 43 फेक ट्रांजेक्शन- 25 पर एफआइआर, टैक्स कलेक्शन में 28.57% इजाफा
वाणिज्य कर सचिव ने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष (2019-20) में जुलाई माह तक 4740.57 करोड़ टैक्स कलेक्शन हो चुका है जो पिछले वित्तीय वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 28.57% ज्यादा है।
रांची, राज्य ब्यूरो। वाणिज्यकर विभाग के स्तर से कारोबारियों की सुगमता के लिए उठाए गए कदमों का राज्य सरकार के टैक्स कलेक्शन में वृद्धि हुई है। लेकिन, इस वृद्धि के साथ ही जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) से जुड़े फर्जीवाड़े के भी कई मामले सामने आए हैं। फेक ट्रांजेक्शन से जुड़े कुल 43 मामले वाणिज्यकर विभाग ने पकड़े हैं। इनमें 25 पर एफआइआर भी दर्ज की गई है। शुक्रवार को सूचना भवन में मीडिया से बातचीत में विभागीय सचिव प्रशांत कुमार ने फेक ट्रांजेक्शन से जुड़े मामलों को स्वीकार किया।
प्रशांत कुमार ने बताया कि जीएसटी लागू होने के बाद से कुछ फर्म फेक ट्रांजेक्शन कर टैक्स चोरी कर रहे हैं। ऐसे मामले राष्ट्रीय स्तर पर सामने आ रहे हैं। ये फर्म वस्तु का क्रय-विक्रय किए बगैर ही फेक ट्रांजेक्शन कर रहे हैं। फेक ट्रांजेक्शन पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। अबतक 43 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें 25 मामलों में प्राथमिकी दर्ज की गई है और बाकी मामलों में अनुसंधान चल रहा है।
इस तरह के मामलों की निगरानी के लिए राज्य में इंटेलिजेंस सेल का गठन किया गया है। कहा, ऐसे प्रकरणों को छोड़ दें तो झारखंड में कारोबार के माहौल को बेहतर करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। कारोबारियों को टैक्स संबंधी शिकायतों के निपटारे में राहत देने पर विभाग का विशेष फोकस है।
इसके तहत निबंधन, कर भुगतान, विवरणी दाखिला और प्रपत्र निर्गमन को ऑनलाइन कर दिया गया है। इसके साथ व्यवसायियों को कर में छूट समेत कई अन्य रियायतें दी जा रही हैं। संवाददाता सम्मेलन में ज्वाइंट कमिश्नर ऑफ स्टेट टैक्स शिवचंद्र भगत और शिव सहाय सिंह, स्टेट टैक्स ऑफिसर ब्रजेश और सूचना एवं जनसंपर्क के निदेशक रामलखन प्रसाद गुप्ता सहित अन्य मौजूद थे।
टैक्स कलेक्शन में 28.57 फीसद का इजाफा
वाणिज्य कर सचिव ने बताया कि टैक्स कलेक्शन में लगातार इजाफा हो रहा है। चालू वित्तीय वर्ष (2019-20) में जुलाई माह तक 4740.57 करोड़ टैक्स कलेक्शन हो चुका है, जो पिछले वित्तीय वर्ष (2018-19) की इसी अवधि की तुलना में 28.57 फीसद ज्यादा है। इसमें जीएसटी क्लेक्शन 3268.51 करोड़ और नॉन जीएसटी कलेक्शन 1472 करोड़ रुपये है। नॉन जीएसटी कलेक्शन में लगभग 72 प्रतिशत की ग्रोथ दर्ज की गई है। विभाग ने चालू वित्तीय वर्ष में 16,700 करोड़ रुपये राजस्व संग्रह का लक्ष्य रखा है।
व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए की गई पहल
प्रशांत कुमार ने बताया कि सरकार का फोकस व्यवसाय को ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा देने पर है। इसके अंतर्गत पिछले साढ़े चार सालों के दौरान विभाग की ओर से कई निर्णय लिए गए हैं। एक ओर जहां मेगा आइटी इकाइयों और रिन्यूबल एनर्जी सोर्स से ऊर्जा उत्पादन करने वाले ऊर्जा संयंत्रों को विद्युत देयता में 50 प्रतिशत तक छूट दी गई है, वहीं सोलर पावर प्लांट को बढ़ावा देने के लिए प्रयोग में आने वाले उपकरणों को टैक्स फ्री कर दिया गया है। दो करोड़ रुपये तक के कारोबार करने वाले वाले व्यवसायियों को कर निर्धारण से छूट दी गई है। इसके साथ माल और सेवा कर प्रणाली के तहत निबंधन की सीमा 20 लाख से बढ़ाकर 40 लाख कर दी गई है।
कई वस्तुओं पर टैक्स की दर में कमी से मिली राहत
उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा कई सामानों की टैक्स दर में कमी किए जाने का फायदा कारोबारियों के साथ आम लोगों को भी मिल रहा है। इसके तहत घर और फ्लैट पर जीएसटी की दर को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत, स्कूली बैग पर टैक्स की दर को 28 से घटाकर 18 प्रतिशत, इंसुलिन पर कर की दर को 12 से घटाकर 5 प्रतिशत, रेस्टोरेंट में टैक्स की दर को 18 से घटाकर 5 प्रतिशत, सिनेमाघरों में 100 रुपये से अधिक की टिकटों पर कर की दर को 28 से घटाकर 18 प्रतिशत और उससे कम की टिकट पर 5 प्रतिशत कर और सैनिटरी नैपकिन को कर मुक्त कर दिया गया है।
1,82,696 कारोबारियों का हो चुका निबंधन
वाणिज्य कर सचिव ने बताया कि 1 जुलाई 2017 से झारखंड में माल एवं सेवा कर प्रणाली (जीएसटी) लागू है। राज्य में अबतक 1,82,696 व्यवसायी निबंधन करा चुके हैं, जबकि 2017 में निबंधित कारोबारियों की संख्या 1,07,280 थी।