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स्वस्थ रहने के लिए युवा ले रहे नेचुरोपैथी का सहारा

ऐसे में प्राकृतिक चिकित्सा की मदद से युवा अपने स्वास्थ्य का ख्याल रख रहे है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Sun, 14 Jan 2018 04:14 PM (IST)Updated: Sun, 14 Jan 2018 04:14 PM (IST)
स्वस्थ रहने के लिए युवा ले रहे नेचुरोपैथी का सहारा
स्वस्थ रहने के लिए युवा ले रहे नेचुरोपैथी का सहारा

जागरण संवाददाता, रांची। आज के समय में औद्योगीकरण के विकास और टेक्नोलॉजी ने मानव जीवन के सामने ऐसी स्थिति पैदा कर दी है कि लोगों ने अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देना छोड़ दिया है। आज के वक्त में व्यक्ति अपनी जीवनशैली में इतना अधिक व्यस्त होता जा रहा है कि उसने खुद को प्रकृति से बिलकुल दूर कर दिया है। एक अच्छे स्वास्थ्य के लिए व्यक्ति प्रकृति द्वारा दिए गए रिसोर्सेज को इस्तेमाल करने की बजाय उल्टा उससे दूर जा रहा है। अच्छे स्वास्थ्य से दूर होने के कारण आज कम उम्र में ही मोटापा और अन्य बीमारियां देखने को मिल रही हैं।

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इन दिनों सर्दियों के मौसम में बीमारियां होना आम बात है। ऐसे में प्राकृतिक चिकित्सा की मदद से राजधानी के युवा अपने स्वास्थ्य का ख्याल रख रहे है। वे अपने डायट और रहन-सहन में बदलाव लाकर बेहतर लाइफस्टाइल की ओर बढ़ रहे हैं। नेचुरोपैथी एक अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त करने में मदद करता है। साथ ही जीवन की गुणवत्ता भी बढ़ाता है। कई सारी बीमारियां, जो कि आधुनिक युग ने दी है, जैसे कि स्ट्रोक, कैंसर, मधुमेह और गठिया आदि नियंत्रित होती है। साथ ही अन्य रोग भी नहीं होते हैं।

जानिए, कैसे करता कार्य:

नेचुरोपैथी एक प्राकृतिक चिकित्सा प्रणाली है, जिसमें दवाओं का उपयोग किए बिना रोगों को ठीक किया जाता है। नेचुरोपैथी में कई रोगों को रोकने की क्षमता है और जो रोग हो चुके हैं, उनका इलाज आप कर सकते है।

सिखाता है दिनचर्या को संतुलित रखना:

नेचुरोपैथी का मुख्य उद्देश्य लोगों को अपनी दिनचर्या बदल कर स्वस्थ रहने की कला सिखाना है। इससे ना केवल रोग ठीक होते हैं, बल्कि शरीर भी मजबूत बनता है।

नेचुरोपैथी में शामिल तकनीक:

इसमें भोजन, मिट्टी, पानी और मालिश थेरेपी शामिल है।

जानें, क्या है फूड थेरेपी:

फूड थेरेपी में भोजन को उसके प्राकृतिक रूप में ही खाया जाता है। प्राकृतिक रूप में सेवन करने पर कई खाद्य पदार्थ अपने आप में एक दवा हैं। इसमें ताजे फल, ताजी हरी पत्तेदार सब्जियां और अंकुरित अनाज शामिल हैं।

मिट्टी थेरेपी से होता है इलाज :

शरीर से विशिष्ट पदार्थो को निकालने के लिए मिट्टी का स्नान और लेप दोनों का इस्तेमाल किया जाता है। यह रक्तचाप, तनाव, सिर दर्द और त्वचा के विकार आदि बीमारियों के लिए किया जाता है।

जल चिकित्सा का सहारा :

नेचुरोपैथी में जल चिकित्सा भी अपनाई जाती है, जिसमें स्वच्छ ताजे और ठंडे पानी का उपयोग किया जाता है। 

प्राकृतिक चिकित्सा एक उपचार की पद्धति न होकर एक आदर्श जीवनशैली है। प्राकृतिक चिकित्सा द्वारा रोगी के उपचार में रोगी व्यक्ति के खानपान और रहन-सहन की आदतों पर विशेष ध्यान दिया जाता है। इन दिनों युवा और बुजुर्ग इसे अपना रहे हैं।

- शालिनी नायक, डायटीशियन

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