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वर्तमान परिस्थिति को अवसर के रूप में लें, प्रवासियों को जोड़े तसर रेशम उद्योग से

नगड़ी स्थित केंद्रीय तसर अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान में सोमवार को संस्थान का 56वां स्थापना दिवस मनाया गया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 03 Aug 2020 11:11 PM (IST)Updated: Tue, 04 Aug 2020 06:14 AM (IST)
वर्तमान परिस्थिति को अवसर के रूप में लें, प्रवासियों को जोड़े तसर रेशम उद्योग से
वर्तमान परिस्थिति को अवसर के रूप में लें, प्रवासियों को जोड़े तसर रेशम उद्योग से

पिस्कानगड़ी : नगड़ी स्थित केंद्रीय तसर अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान में सोमवार को संस्थान का 56वां स्थापना दिवस मनाया गया। इस अवसर पर संस्थान के निदेशक प्रभारी डॉ. सीएम वाजपेयी ने सभी को स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दीं।

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उन्होंने वैज्ञानिकों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों का आह्वान करते हुए कहा कि इस संस्थान की गरिमा को बनाए रखें। जिस मुख्य उद्देश्य अर्थात ग्रामीण आदिवासी आबादी के रोजगार के अवसर प्रदान करने एवं उनकी आजीविका में अभिवृद्धि करने के लिए इस संस्थान की स्थापना की गई है, उस दिशा में संस्थान सदैव प्रत्यनशील रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में उत्पन्न परिस्थितियों को हम एक अवसर के रूप में लेकर देश के विभिन्न भागों से राज्य में लौटे प्रवासियों को तसर रेशम उद्योग से जोड़ सकते हैं। स्थापना दिवस के अवसर पर संस्थान के पूर्ववर्ती वैज्ञानिक डॉ. एसएस सिन्हा, निदेशक डॉ. अजीत कुमार सिन्हा, निदेशक एवं कुलपति, विनोबा भावे विश्वविद्यालय, हजारीबाग डॉ. बीसी प्रसाद, निदेशक डॉ. आलोक सहाय, निदेशक, डॉ. ज्योत्सना तिर्की, निदेशक डॉ. आरबी सिन्हा आदि अनेक लोगों ने अपने शुभकामना संदेश भेजे हैं। साथ ही भारतीय राल एवं गोद संस्थान, नामकुम के निदेशक डॉ. केके शर्मा, प्रो. उमापति सहाय, पूर्व सदस्य अनुसंधान सलाहकार समिति ने भी स्थापना दिवस के अवसर पर अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की हैं। निदेशक प्रभारी ने सभी के प्रति शुभकामनाओं के लिए कृतज्ञता व्यक्त की। इस अवसर पर संस्थान की राजभाषा पत्रिका रेशम वाणी के स्वर्ण जयंती अंक का विमोचन भी किया गया। पर्यावरण संरक्षण की अपनी वचनबद्धता को जारी रखते हुए संस्थान परिसर में वरिष्ठतम कुशल प्रक्षेत्र कार्मिक सोमा मुंडा द्वारा तसर खाद्य पौधे अर्जुन का पौधारोपण किया गया। इस अवसर पर डॉ. निरंजन कुमार, डॉ. जेडएमएस खान, डॉ. जीपी सिंह, सुष्मिता दास, डॉ. जेपी पाण्डेय, कमल किशोर बडोला, डॉ. हरेन्द्र यादव, सीमित संख्या में वैज्ञानिक अधिकारी एवं कर्मचारी कोविड-19 के प्रसार को देखते हुए आयोजन में शारीरिक दूरी का पालन करते हुए उपस्थित हुए ।


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