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20 वर्ष के युवाओं को बुजुर्गो से मिलेगी चुनौती

रांची खेल के मैदान में 20 वर्षीय युवाओं को 60 वर्ष के बुजुर्ग को चुनौती देते ना सुना है और ना। ताइची का खेल आयोजित किया जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Wed, 24 Apr 2019 07:34 AM (IST)Updated: Wed, 24 Apr 2019 07:34 AM (IST)
20 वर्ष के युवाओं को बुजुर्गो से मिलेगी चुनौती
20 वर्ष के युवाओं को बुजुर्गो से मिलेगी चुनौती

रांची : खेल के मैदान में 20 वर्षीय युवाओं को 60 वर्ष के बुजुर्ग को चुनौती देते ना सुना है और ना देखा। लेकिन अब ऐसा नहीं है। बुजुर्ग भी खेल के मैदान में पटखनी देकर पदक जीत सकते हैं। पदक जीतने का उनका सपना ताइची (वुशु की एक स्टाइल) से पूरा हो सकता है। यह खेल विश्व में तेजी से बढ़ रहा है और इसमें स्वस्थ बुजुर्ग भाग ले रहे हैं। पदक जीतने के साथ वह खुद को स्वस्थ रखने में भी कामयाब हो रहे हैं। ताइची का भारत में बढ़ रहा प्रचलन : भारत में भी इस खेल का प्रचलन बढ़ रहा है। देश में पहली बार राष्ट्रीय स्तर पर प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है। यह प्रतियोगिता रांची के होटवार स्थित इंडोर स्टेडियम में जून माह में होगी। झारखंड वुशु संघ इसकी मेजबानी कर रहा है। 400 से अधिक खिलाड़ी लेंगे भाग : प्रतियोगिता में देशभर से 400 से अधिक खिलाड़ी भाग लेंगे। ये खिलाड़ी 20 से लेकर 60 साल तक के होंगे। बुजुर्ग व्यक्ति, जो स्वस्थ हैं और हाथ-पैर हिला सकते हैं, वे इसमें भाग ले पाएंगे। रिदमिक जिम्नास्टिक की तरह यह होगा, लेकिन इसमें उछल कूद नहीं होगा। इसकी स्पद्र्धाएं काफी कुछ योग से मेल खाती है। संघ ने सरकार को दिया पूरा खाका : ताइची के विकास और प्रतियोगिता आयोजन को लेकर झारखंड वुशु संघ ने पूरा खाका खेल विभाग को देकर सहयोग की मांग की है। झारखंड राज्य वुशु संघ के महासचिव शिवेंद्र दुबे ने बताया कि अधेड़ उम्र के लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता बढ़ी है और ऐसे लोगों के लिए ताइची काफी उपयोगी है। क्या है ताइची : ताइची चीन में काफी लोकप्रिय है। यह स्वास्थ्य को बढ़ावा देने, आत्मरक्षा कौशल विकसित करने और एकाग्रता और ओवर ऑल हेल्थ में सुधार लाने में काफी महत्वपूर्ण साबित होती है। हालाकि यह चीनी मार्शल आर्ट (वुशु) की एक ब्राच है, लेकिन 16 वीं शताब्दी से ही इसका अभ्यास सामान्य स्वास्थ्य और फिटनेस के लिए किया जा रहा है। ताई ची के धीमे, लाइट और शात मूवमेंट से हमारे मन और शरीर के बीच हार्मोनी बैठती है, जिससे हमारी बॉडी को बेहतर गतिशीलता, लचीलापन और मानसिक सतर्कता जैसे फायदे भी मिलते हैं। इसमें शारीरिक चोट आने की आशंका नहीं रहती है। कोई भी व्यक्ति जो अपने शरीर को मूव कर सकता है, वह इसका अभ्यास कर सकता है। भारत में पहली बार ताइची का आयोजन रांची में किया जा रहा है। चुनाव के बाद जून में इसका आयोजन होटवार के स्टेडियम में किया जाएगा। इसमें अधेड़ भी पदक जीत कर युवाओं को चुनौती दे पाएंगे। -

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शिवेंद्र दुबे, महासचिव, झारखंड राज्य वुशु संघ


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