Tablighi Jamaat: तब्लीगी जमात की महिला पर आपत्तिजनक पोस्ट, यहां धार्मिक भावनाएं भड़काने की मची होड़
Jharkhand Tablighi Jamaat Coronavirus News फेसबुक वाट्सअप और ट्विटर पर भड़काऊ और भावना को ठेस पहुंचाने से संबंधित 30 से अधिक मामले रांची के साइबर थाने में पहुंच चुके हैं।
रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Tablighi Jamaat Coronavirus News लॉकडाउन के दौरान सामान्य अपराध में तो कमी आई है लेकिन साइबर अपराधियों ने इसे मौके की तरह इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। घरों में कैद होने के कारण लोग इंटरनेट का इस्तेमाल अधिक कर रहे हैं, यह साइबर अपराधियों के लिए बोनस की तरह है। कोरोना में मदद देने और रिलीफ फंड के नाम पर फर्जीवाड़ा शुरू हो गया है। गुमला से एक व्यक्ति ने पुलिस से ऑनलाइन शिकायत की कि साइबर अपराधियों ने उनसे ऑनलाइन संपर्क किया। उन्हें कोरोना के कारण अपनी समस्या बताई तो मदद का भरोसा मिला। साइबर अपराधियों ने कहा कि आपको हम पैसे भेजेंगे आप एनी डेस्क एप्लीकेशन डाउनलोड कर लीजिए। इसपर जैसे ही ब्योरा लिया खाते से 40 हजार रुपये उड़ गए।
तब्लीगी जमात की महिला पर आपत्तिजनक पोस्ट
सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने, सांप्रदायिक तनाव भड़काने की कोशिश करने से संबंधित 30 से अधिक मामले रांची के साइबर थाने में पहुंच चुके हैं। यह फेसबुक, वाट्सअप और ट्विटर आदि पर भड़काऊ और दूसरे की भावना को ठेस पहुंचाने से संबंधित है। ऐसे कुछ मामलों में माफीनामा लिखवाने के बाद पुलिस छोड़ रही है तो कुछ मामलों में प्राथमिकी भी दर्ज हो रही है। रांची में तब्लीगी जमात से जुड़ी एक महिला में कोरोना वायरस का पॉजिटिव केस मिलने के बाद फेसबुक पर आपत्तिजनक पोस्ट किए जाने के कई मामले स्थानीय थानों में पहुंचे हैं, जिसकी मॉनीटरिंग साइबर क्राइम थाना कर रहा है।
दस दिनों में आठ मामले
दस दिनों के भीतर पूरे प्रदेश में आठ ऐसे मामले आ चुके हैं। इनसे निपटने के लिए पुलिस एक्शन में आई भी, लेकिन कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए विधि व्यवस्था ड्यूटी के चलते कारगर कार्रवाई नहीं हो सकी है। ज्यादातर मामलों में कॉल कर साइबर अपराधी हमदर्द बने और मदद के नाम पर खाते से रुपये निकाल लिए। अभी लॉकडाउन के दौरान कुछ लोग ऑनलाइन ट्रांजेक्शन पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं, जिसका नतीजा यह हो रहा है कि साइबर अपराधी इसका फायदा उठा रहे हैं। कोरोना रिलीफ फंड के नाम से अनगिनत फर्जी वेबसाइट बना दी गई है, जिसकी जांच चल रही है। उसकेलिंक पर क्लिक करते ही खाते से रुपये निकल जाएंगे।
एनी डेस्क को बना रहे हथियार
एनी डेस्क लोड करने के बाद इससे अटैच होकर साइबर अपराधी आपके सिस्टम को हैक कर लेते हैं और फर्जीवाड़ा को अंजाम देते हैं। बोकारो निवासी रवि ने पुलिस को सूचना दी है कि उन्होंने गूगल पे के हेल्पलाइन नंबर पर कॉल लगाया तो उनसे एनी डेस्क डाउनलोड करवाया गया। पांच अलग-अलग किश्तों में उनके खाते से एक लाख रुपये की निकासी कर ली गई।
साइबर थाना के सुझाव
- साइबर अपराधी कोरोना वायरस या कोविड-19 जैसा मिलता-जुलता लिंक, फिशिंग वेबसाइट बनाकर या इस संदर्भ में आपको जानकारी देने के बहाने आपकी निजी जानकारी प्राप्त कर आपको ठग सकते हैं। सतर्क रहें, ऐसी वेबसाइट या लिंक खोलने से बचें।
- सोशल मीडिया पर प्रकाशित या प्राप्त किसी भी खाते में या ई-वॉलेट में सहायता राशि हस्तांतरित ना करें। इसके लिए केवल अधिकृत विभाग से प्राप्त खाता या ई-वॉलेट का इस्तेमाल करें।