पहले तब्लीगी अब रोहिंग्या ने बढ़ाई मुश्किलें, खुफिया सूचना से हड़कंप; झारखंड के इन जिलों मे छिपे हैं रोहिंग्या मुसलमान
धनबाद में एक अप्रैल को तीन रोहिंग्या पकड़े गए थे जबकि लोहरदगा में भी कई के छिपे रहने की सूचना मिल रही है। खुफिया सूचनाओं पर अन्य जिलों में भी पुलिस सर्च अभियान चला रही है।
रांची, राज्य ब्यूरो। भारत में अवैध रूप से छिपकर रह रहे म्यांमार के रोहिंग्या मुसलमानों की झारखंड के भी कई हिस्सों में उपस्थिति और सक्रियता के प्रमाण मिले हैं। तब्लीगी जमातियों की तलाश में पिछले दिनों हुई छापेमारी के क्रम में जहां धनबाद के बैंक मोड़ इलाके में तीन रोहिंग्या मुसलमानों को भी पकड़ा गया था, वहीं लोहरदगा में भी कई रोहिंग्या के छिपकर रहने की सूचना मिली है। खुफिया विभाग के इनपुट पर राज्य पुलिस के अधिकारी सूचना के सत्यापन में जुटे हुए हैं। वहीं रोहिंग्या मुसलमानों को शरण देने वालों की भी तलाश शुरू हो गई है। लोहरदगा के ऐसे 13 लोगों का नाम व पता भी सामने आ चुका है। इन 13 लोगों पर रोहिंग्या व बांग्लादेशी घुसपैठियों को छिपाने का आरोप है।
लोहरदगा के जिन मुहल्लों में बांग्लादेशी व रोहिंग्या मुसलमानों के रहने की सूचना पुलिस तक पहुंची है, उनमें लोहरदगा थाना के ईदगाह मुहल्ला, राहत नगर, इस्लाम नगर, जूरिया, सेन्हा के चितरी, कुड़ू के जीमा व बगडु के हिसरी आदि गांव शामिल हैं। जानकारी के अनुसार बांग्लादेश व बंगाल से सटे जिलों में भी बांग्लादेशी व रोहिंग्या मुसलमानों के छिपे होने की जानकारी है।
लोहरदगा में हुए उपद्रव में भी शामिल होने की आशंका
लोहरदगा में पिछले दिनों एनआरसी व सीएए के समर्थन में निकले जुलूस पर हमला हुआ था। इस दौरान लूट, आगजनी व पथराव में पुलिसकर्मियों समेत कई घायल हो गए थे। तनाव को देखते हुए वहां कई दिनों तक कफ्र्यू लगाया गया था। इस बवाल में भी बांग्लादेशी व रोहिंग्या मुसलमानों के शामिल होने की आशंका है। सूचनाओं के आधार पर पुलिस ने इन्हें खोज निकालने के लिए जांच तेज की है।
प्रतिबंधित पीएफआइ संगठन को भी सहयोग करने की सूचना
झारखंड सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआइ) को यह बताते हुए प्रतिबंधित कर दिया था कि उसकी गतिविधियां आतंकी संगठनों जैसी हैैं। खुफिया विभाग ने भी अपनी रिपोर्ट में यह जिक्र किया था कि राज्य के पाकुड़, साहिबगंज, गोड्डा व दुमका आदि क्षेत्रों में बांग्लादेशी, रोहिंग्या व आतंकी संगठनों को पीएफआइ के सदस्य संरक्षण दे रहे हैं, जो घातक है। ये गौ-तस्करी कर रहे हैं और यहां के पशुओं को गंगा नदी को पार कराते हुए बांग्लादेश तक पहुंचा रहे हैं।