Sushma Swaraj Passes Away ...हमारे लिए भगवान थीं सुषमा मैडम
Jharkhand. सऊदी अरब में फंसे झारखंड के 41 मजदूरों को रिहा कराने में तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अहम भूमिका निभाई थी।
By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Wed, 07 Aug 2019 08:22 AM (IST)Updated: Wed, 07 Aug 2019 05:35 PM (IST)
रांची/गिरिडीह, जेएनएन। सऊदी अरब की राजधानी रियाद में हम नरक की जिंदगी गुजार रहे थे। न हमें दो जून का खाना दिया जाता था और न सही व्यवहार किया जाता था। बहुत प्रलोभन देकर हमें वहां ले जाया गया था लेकिन आठ माह की मजदूरी रोक ली गई। हम परिवार से मिलने को तरस रहे थे। किसी तरह तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज तक हमारी पीड़ा पहुंची। मैडम को जैसे ही जानकारी मिली वे पूरी ताकत के साथ हमें छुड़ाने में लग गईं।
उनके प्रयासों का नतीजा था कि सऊदी सरकार ने कंपनी पर दबाव दिया और उन्होंने हमें रिहा किया। हम अपने परिवार से मिल पाए। सुषमा मैडम हमारे लिए भगवान हैं। रिहा होने के बाद यह झारखंड के उन 41 मजदूरों में से कुछ के उद्गार थे जिन्हें रियाद में बंधक बना लिया गया था। ये मजदूर गिरिडीह और हजारीबाग के थे। गौरतलब है कि एलएनटी कंपनी में नौकरी की आस लिए सउदी अरब गए गिरिडीह एवं हजारीबाग के 41 प्रवासी मजदूर कंपनी व एजेंट की धोधाधड़ी का शिकार होकर सउदी अरब के रियाद में बुरी तरह से फंस गए थे।
नौकरी देने वाली कंपनी इन मजदूरों को पिछले आठ महीने से वेतन देना तो दूर की बात दो वक्त का खाना तक नहीं दे रही थी। सभी 41 मजदूरों को एक कमरे में रखा गया था। इन लाचार मजदूरों ने अपना वीडियो भेजकर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से इंसाफ दिलाने एवं वतन वापसी कराने की गुहार लगाई थी। एक एजेंट के माध्यम से गिरिडीह जिले के बगोदर, पीरटांड़ एवं बोकारो जिले के गोमिया व हजारीबाग जिले के विष्णुगढ़ के 41 मजदूर छह जुलाई 2016 को एलएनटी कंपनी में नौकरी के लिए रियाद गए थे।
वहां पहुंचने पर पता चला कि वे धोखाधड़ी के शिकार हो गए हैं। एलएनटी के बजाय उन्हें अरबियन टीम्स कांट्रेक्टिंग इस्टेब्लिसमेंट (एटीसी) में काम पर लगाया गया। कुछ महीने तक लड़कर उनलोगों ने कंपनी से वेतन लिया लेकिन उसके बाद कंपनी ने एक पैसा भी देना बंद कर दिया था।
उनके प्रयासों का नतीजा था कि सऊदी सरकार ने कंपनी पर दबाव दिया और उन्होंने हमें रिहा किया। हम अपने परिवार से मिल पाए। सुषमा मैडम हमारे लिए भगवान हैं। रिहा होने के बाद यह झारखंड के उन 41 मजदूरों में से कुछ के उद्गार थे जिन्हें रियाद में बंधक बना लिया गया था। ये मजदूर गिरिडीह और हजारीबाग के थे। गौरतलब है कि एलएनटी कंपनी में नौकरी की आस लिए सउदी अरब गए गिरिडीह एवं हजारीबाग के 41 प्रवासी मजदूर कंपनी व एजेंट की धोधाधड़ी का शिकार होकर सउदी अरब के रियाद में बुरी तरह से फंस गए थे।
नौकरी देने वाली कंपनी इन मजदूरों को पिछले आठ महीने से वेतन देना तो दूर की बात दो वक्त का खाना तक नहीं दे रही थी। सभी 41 मजदूरों को एक कमरे में रखा गया था। इन लाचार मजदूरों ने अपना वीडियो भेजकर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से इंसाफ दिलाने एवं वतन वापसी कराने की गुहार लगाई थी। एक एजेंट के माध्यम से गिरिडीह जिले के बगोदर, पीरटांड़ एवं बोकारो जिले के गोमिया व हजारीबाग जिले के विष्णुगढ़ के 41 मजदूर छह जुलाई 2016 को एलएनटी कंपनी में नौकरी के लिए रियाद गए थे।
वहां पहुंचने पर पता चला कि वे धोखाधड़ी के शिकार हो गए हैं। एलएनटी के बजाय उन्हें अरबियन टीम्स कांट्रेक्टिंग इस्टेब्लिसमेंट (एटीसी) में काम पर लगाया गया। कुछ महीने तक लड़कर उनलोगों ने कंपनी से वेतन लिया लेकिन उसके बाद कंपनी ने एक पैसा भी देना बंद कर दिया था।
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