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Jharkhand News: हेमंत सोरेन की CBI जांच पर अब 24 मई को सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई

Jharkhand News झारखंड के मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन के खदान शेल कंपनी की सीबीआई जांच पर अब सुप्रीम कोर्ट में 24 मई को सुनवाई होगी। यह मामला झारखंड सरकार की ओर से सर्वोच्‍च न्‍यायालय के समक्ष लाया गया है जिसमें झारखंड हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Fri, 20 May 2022 03:26 AM (IST)Updated: Fri, 20 May 2022 12:23 PM (IST)
Jharkhand News: हेमंत सोरेन की CBI जांच पर अब 24 मई को सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई
Jharkhand News: हेमंत सोरेन की CBI जांच पर सुप्रीम कोर्ट में 24 मई को सुनवाई होगी।

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand News झारखंड के मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन के खदान लीज और  शेल कंपनियों के खिलाफ सीबीआइ जांच की याचिका वाले मामले में झारखंड हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ दाखिल एसएलपी पर सुप्रीम कोर्ट अब 24 मई को सुनवाई करेगा। सर्वोच्‍च अदालत ने कहा कि वह इस मामले की सुनवाई वेकेशन कोर्ट में करेगा। बता दें कि इससे पहले झारखंड हाई कोर्ट ने भी इस मामले की सुनवाई की तारीख भी 24 मई को ही निर्धारित कर रखी है।

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झारखंड के मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन की सीबीआई जांच पर आज सुप्रीम कोर्ट में अब 24 मई को सुनवाई होगी। यह मामला झारखंड सरकार की ओर से सर्वोच्‍च न्‍यायालय के समक्ष लाया गया है, जिसमें झारखंड हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई है। सीएम हेमंत सोरेन पर अपने नाम पर खदान लीज लेने और शेल कंपिनयों में निवेश करने के संगीन आरोप लगे हैं। इस मामले में प्रार्थी शिवशंकर शर्मा द्वारा झारखंड हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर केंद्रीय जांच एजेंसी, सीबीआई से पूरे मामले की जांच कराने की मांग की गई है। बीते दिन झारखंड हाई कोर्ट में इस मामले की विशेष सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन की अगुआई वाली डबल बेंच ने कहा कि यह मामला बेहद महत्वपूर्ण है। ईडी की हड़कंप मचाने वाले दस्‍तावेज और सीलबंद रिपोर्ट के देखने के बाद यह जनहित का मामला बनता है।

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बता दें कि हेमंत सोरेन को पत्थर खनन लीज आवंटन और करीबियों के शेल कंपनी में निवेश मामले में झारखंड हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ दाखिल विशेष अनुमति याचिका, एसएलपी पर जल्द सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को मेंशन किया गया। इसके बाद उच्‍चतम न्‍यायालय ने कहा कि वह इस महत्‍वपूर्ण मामले में शुक्रवार को सुनवाई करेगी। आज सुनवाई के क्रम में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले को अदालत 24 मई को वेकेशन कोर्ट में सुनेगी। झारखंड सरकार की ओर से एसएलपी दाखिल करने पर पक्ष रखते हुए वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना और जस्टिस हिमा कोहली की अदालत को बताया कि यह एक गंभीर मामला है।

सिब्‍बल ने कहा कि जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय ने बिना प्रतिवादियों को दस्तावेज दिए ही झारखंड हाई कोर्ट में सीलबंद दस्तावेज दाखिल कर दिया है। अदालत को बताया गया कि झारखंड हाई कोर्ट में इस मामले में एक जनहित याचिका दाखिल की गई थी, जिसे अभी तक स्वीकार नहीं किया गया है। ईडी ने इस मामले में सीलबंद दस्तावेज कोर्ट में दाखिल कर दिया है और हाई कोर्ट ने इसे रिकार्ड पर ले लिया है। जबकि इस मामले में इतनी जल्दबाजी की जरूरत नहीं थी।

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हाई कोर्ट ने सीलबंद रिपोर्ट वापस लेने का सिब्‍बल का आग्रह किया था खारिज

हेमंत सोरेन के खान लीज ओर शेल कंपनियों के मामले में झारखंड हाई कोर्ट में विशेष सुनवाई के दौरान झारखंड सरकार की ओर से हस्तक्षेप याचिका दाखिल की गई थी। जिसमें कहा गया था कि जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट को जांच एजेंसी से सीलबंद रिपोर्ट मंगाने या फिर इसे रिकॉर्ड पर लेने का अधिकार नहीं है। यह गोपनीय रिपोर्ट सभी प्रतिवादियों को मिलनी चाहिए। तब झारखंड सरकार ने अदालत से ईडी को दिए सीलबंद रिपोर्ट जमा कराने का आदेश वापस लेने का आग्रह किया था।

इस पर हाई कोर्ट ने पी चिदंबरम के मामले में सुप्रीम कोर्ट के सिलबंद रिपोर्ट मांगे जाने के आदेश का हवाला देकर झारखंड सरकार की हस्तक्षेप याचिका खारिज कर दी। इस मामले में प्रार्थी शिवशंकर शर्मा ने झारखंड हाई कोर्ट में सीबीआइ जांच की मांग वाली याचिका दाखिल कर हेमंत सोरेन, उनके भाई बसंत सोरेन और उनके करीबियों द्वारा 400 शेल कंपनियां चलाने का संगीन आरोप लगाया है। प्रार्थी ने साक्ष्‍य के तौर पर चार सौ शेल कंपनियों के नाम अदालत में पेश किए हैं।

ईडी ने कहा था हड़कंप मचाने वाला दस्‍तावेज, हाई कोर्ट ने मांगी थी सीलबंद रिपोर्ट

हेमंत सोरेन को खदान लीज लेने और शेल कंपनियों में निवेश करने के मामले में झारखंड हाई कोर्ट के जिस अंतरिम आदेश के खिलाफ झारखंड सरकार सुप्रीम कोर्ट गई है। यह मामला बेहद सनसनीखेज है। हाल के दिनों में हेमंत सोरेन सरकार की खान सचिव आइएएस पूजा सिंघल के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय, ईडी ने ताबड़तोड़ छापेमारी की थी। इस क्रम में ईडी का दावा है कि उसे कई गोपनीय दस्‍तावेज मिले हैं। जिसका सीधा जुड़ाव हेमंत सोरेन के इस केस से है। पूजा सिंघल के ठिकानों से बरामद दस्‍तावेज को अलार्मिंग बताते हुए ईडी ने सीलबंद दस्‍तावेज कोर्ट में पेश किया था। जिसे बाद में हाई कोर्ट ने देखने के बाद फिर से सीलबंद करने का आदेश दिया है।

झारखंड सरकार के वकील कपिल सिब्‍बल ने अदालत के इसी आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी (विशेष अनुमति याचिका) दाखिल की है। आज इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हो रही है। कपिल सिब्बल ने बीते दिन चीफ जस्टिस डा रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत को सुनवाई के दौरान बताया कि हाई कोर्ट के सीलबंद रिपोर्ट वाले आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विशेष याचिका दाखिल की गई है। ऐसे में उच्‍च्‍तम न्‍यायालय का फैसला आने तक इस मामले में सुनवाई अभी स्थगित कर देना चाहिए। हालांकि इसके बाद हाई कोर्ट ने सरकार को स्‍पष्‍ट कहा कि यह बहुत ही महत्वपूर्ण मामला है। बार-बार तारीख आगे बढ़ाने के आग्रह पर अदालत ने इस मामले में 24 मई को सुनवाई की तारीख निर्धारित की है।


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