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चिलचिलाती धूप से लोगों का हाल हुआ बेहाल

बढ़ती गर्मी ने सभी को परेशान कर दिया है, पारा चालीस के पार जाने को है, खुद को कुछ इस तरह रखें सुरक्षित।

By JagranEdited By: Published: Sun, 22 Apr 2018 01:09 PM (IST)Updated: Sun, 22 Apr 2018 01:09 PM (IST)
चिलचिलाती धूप से लोगों का हाल हुआ बेहाल
चिलचिलाती धूप से लोगों का हाल हुआ बेहाल

सुरभि, रांची : गर्मी अपने पूरे जोर पर है। चारों तरफ लोग गर्मी से परेशान दिख रहे हैं। धूप में निकलने से पहले लोग तरह-तरह के उपाय कर रहे हैं। जहा लड़किया त्वचा को धूप में झुलसने से बचाने के लिए सन्सक्रीन, दुप्पटे, छाते आदि का इस्तेमाल कर रही हैं, वही पुरुष भी चेहरे को धूप से बचाने के लिए गमछे, टोपी का इस्तेमाल कर रहे है। तापमान 38 डिग्री सेल्सियस होने के बाद से शहर की चिलचिलाती धूप से परेशान लोग सड़कों पर छाता लेकर और मुंह को गमछे से बाध कर निकल रहे है। लोगों को दैनिक कार्य निपटाने के लिए घर से बाहर निकलना तेज धूप के कारण मुश्किल हो रहा है। दोपहर होते होते गर्मी अपने पूरे चरम आ रही है। जिसके कारण लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा रहा है। लोग घर से बाहर निकलने से कतरा रहे हैं। कामकाजी महिलाएं व युवतिया गर्मी से बचने के लिए छाते आदि का सहारा लेती नजर आ रही हैं।

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लाइफस्टाइल में बदलाव :

चिलचिलाती गर्मी की वजह से युवतियों की लाइफस्टाइल काफी बदल गई है। सूरज की अल्ट्रा वॉयलेट किरणों से अपनी स्किन को बचाने के लिए युवतिया चुन्नी व स्कार्फ का इस्तेमाल करने लगी हैं। ये इन दिनों उनके लाइफस्टाइल का अहम हिस्सा है। युवतियों का कहना है कि छाता हैवी होता है। बैग में रखने पर बैग भारी हो जाता है लेकिन स्कार्फ या स्टोल आसानी से कैरी हो जाते हैं।

राची कॉलेज की छात्र रूबी का कहना है कि पहले मैं छाता लाती थी लेकिन कॉलेज में उसे कैरी करने में काफी परेशानी होती थी। पिछले साल से अब मैं स्कार्फ से सिर व चेहरे को कवर करती हूं। ये काफी कंफर्टेबल हैं, इनसे रंग भी काला नहीं पड़ता जबकि छाते में स्किन डार्क होने लगा था। इसी कॉलेज की आकाक्षा का कहना है कि इन दिनों सनस्क्त्रीन लगाने के बाद भी अगर चेहरे को बिना कवर किए बाहर जाओ तो त्वचा को नुकसान पहुंच रहा है। इसकी वजह से मैं स्टोल से अपने चेहरे को कवर कर लेती हूं।

हल्के रंगों के कपड़ों से सजा बाजार :

गर्मी के दस्तक देने के साथ ही ठंडक का अहसास देने वाले परिधानों की माग भी बढ़ गई है। यही कारण है कि बाजारों में हल्के परिधानों की जोरदार माग देखी जाने लगी है। स्कार्फ, शर्ट, टी-शर्ट, स्कर्ट, टॉप, कुर्ते, बरमुडा, ग्लव्स, रूमाल समेत गर्मी से राहत देने वाले अन्य सामान से दुकानें सज गई हैं। विभिन्न आकार व रंगों में धूप से बचाने वाली टोपिया और छोटे छाते भी लोगों को आकर्षित कर रहे हैं। गर्मी से बचने के यह उपाय आकर्षक डिजाइन और रंगों में उपलब्ध हैं। बाजारों में खरीदारों के नजर आने से दुकानदार भी उत्साहित हैं।

स्टाइलिश गॉगल्स, स्टोल, स्कार्फ का फैशन :

युवतियों के अनुसार अब करीब 2 से 3 महीने तक इसी तरह सिर से पैर तक खुद को ढककर घूमना पडे़गा। धूप और धूल से त्वचा को काफी नुकसान पहुंचता है। इतना बचाने के बाद भी त्वचा डार्क नजर आती है। लड़किया हाथों को कवर करने के लिए लॉन्ग ग्लव्स का इस्तेमाल कर रही हैं और पैरों में स्टाइलिश चप्पल पहन रही हैं। वे स्टाइलिश चप्पलों के साथ एंकल सॉक्स पहन रही है। चेहरे को बचाने के लिए युवतिया स्टोल या स्कार्फ को इस तरह से बाधती हैं कि आखों के अलावा कुछ भी खुला न रहे। इस स्कार्फ से वे बालों तक को कवर कर रही हैं। इसी तरह आखों को धूप से बचाने के लिए युवतिया स्टाइलिश गॉगल्स पहनने लगी हैं।

रख रही स्किन का ख्याल :

स्किन को पहुंचने वाले नुकसान से बचाने के लिए युवतिया ब्यूटी टिप्स भी ले रही हैं। सनस्क्त्रीन के इस्तेमाल के साथ युवतिया फेशियल, मसाज, फेस पैक का खूब इस्तेमाल कर रही हैं। वर्किंग लेडी रीता गुप्ता का कहना है कि धूप से त्वचा को काफी नुकसान पहुंचता है। ऐसे में स्किन का ख्याल तो रखना ही पड़ता है। आधे घटे धूप में रहने पर भी त्वचा रूखी हो रही है।

कितनी कीमत :

कुर्ती 300 से 1500

टोपी 50 रुपये से 800

लेगिग 150 से 500

प्लाजो व स्कर्ट 200 से 999

कॉटन पैंट 500 से 1800

कार्गो पैंट 500 से 2000

स्कार्फ 120 से 600 रुपये

रुमाल 10 से 50 रुपये

डीहाइड्रेशन से बचने के लिए :

गर्मी में डिहाईड्रेशन की समस्या बहुत आम होती है। यह ज्यादातर उन लोगों में होता है जो बाहर गर्मी में ज्यादा काम करते हैं।

दिन में 10 गिलास पानी का पीना चाहिए।

डीहाइड्रेशन में दही का सेवन बहुत ही लाभकारी होता है।

रसीले फल जैसे अंगूर, संतरा, पपीता, तरबूज, खरबूज, मूली, टमाटर आदि का सेवन करें।

डीहाइड्रेशन की शिकायत से शरीर में पोटेशियम की कमी आ जाती है, इसके लिए केला बहुत ही फायदेमंद साबित होता है।

नारियल का पानी है फायदेमंद

प्राकृतिक पदार्थ की बढ़ी बिक्त्री :

प्राकृतिक ठंडे पेय पदार्थ न केवल गर्मी से बचने के उपयुक्त हैं, बल्कि ये कब्ज आदि जैसे रोगों को दूर करने के लिए भी लाभदायक हैं। राजधानी में रास्तों पर नारियल, सत्तू का जूस, बेल का जूस, आम का जूस और नींबू पानी बेचने वालों की संख्या में वृद्धि हुई है। ये पेय पदार्थ न केवल कोल्ड ड्रिंक ठंडे पेय पदार्थो से काफी सस्ते हैं। बल्कि प्यास बुझाने में भी उनसे अधिक कारगर हैं। सड़क किनारे ठंडे पेय पदार्थ बेच रहे दुकानदारों का कहना है कि पिछले 15 दिनों से कारोबार में पचास फीसद तक बढ़ोतरी हुई है।


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