सुखदेव सिंह हो सकते हैं मुख्य सचिव, नए CS की दौड़ में 1987 बैच के अफसरों का दबदबा
31 मार्च को झारखंड के मुख्य सचिव डीके तिवारी सेवानिवृत्त हो रहे हैं। ऐसे में नए मुख्य सचिव के चयन में महज 15 दिन बचे हैं। सुखदेव सिंह अलका तिवारी और खंडेलवाल प्रबल दावेदार हैं।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड में नए मुख्य सचिव की तलाश तेजी से की जा रही है। सरकार इन्हीं अधिकारियों में से किसी एक को मुख्य सचिव बनाएगी जिसमें से सुखदेव सिंह, अलका तिवारी और खंडेलवाल खास तौर पर प्रबल दावेदार दिख रहे हैं। मुख्य सचिव का चयन राज्य के 10 अपर मुख्य सचिव स्तर के अधिकारियों के बीच से ही होना है। इनमें से दो तो इसी वर्ष रिटायर कर रहे हैं जबकि तीन एक साल के अंदर सेवानिवृत्त होंगे।
ऐसे में सरकार को तय करना है कि वरीयता के आधार पर मुख्य सचिव का चयन होगा अथवा लंबे कार्यकाल के आधार पर। जो भी हो 1987 बैच के आइएएस अधिकारियों को पार कर पाना किसी भी अधिकारी के लिए मुश्किल होगा। सबसे सीनियर बैच के अधिकारियों में तीन अपर मुख्य सचिव हैं। इसके अलावा सात अपर मुख्य सचिव जूनियर बैच से हैं। राज्य के मुख्य सचिव डॉ. डीके तिवारी 31 मार्च को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। उन्होंने न तो सेवा विस्तार की कोई बात की है और न ही सरकार की ऐसी कोई मंशा है।
ऐसे में अगले 15 दिनों के अंदर नए मुख्य सचिव का चयन हो जाना है। मुख्य सचिव से वरीय दो आइएएस अधिकारी फिलहाल नई दिल्ली में वरीय पदों पर कार्यरत हैं और उनका रांची आना मुश्किल प्रतीत हो रहा है। राजीव गौबा कैबिनेट सचिव हैं और अमित खरे उच्च शिक्षा विभाग के सचिव। गौबा और खरे की सेवा अगले साल क्रमश: अगस्त और सितंबर तक है। इसके बाद के सीनियर आइएएस अधिकारियों में तीन 1987 बैच के हैं।
इनमें एनएन सिन्हा भी शामिल हैं जबकि इंदुशेखर चतुर्वेदी प्रदेश में वन एवं पर्यावरण विभाग के अपर मुख्य सचिव हैं। इन्होंने दिल्ली प्रतिनियुक्ति के लिए आवेदन किया था जिसे तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास के स्तर से ही स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। ऐसे में उन्हें दिल्ली पदस्थापन मात्र का इंतजार है। अब सीनियर अधिकारियों में विकास आयुक्त सुखदेव सिंह झारखंड में मार्च 2024 तक सेवा में रहेंगे। सुखदेव सिंह सरकार की पसंद भी हो सकते हैं लेकिन अभी कुछ कहा नहीं जा सकता।
अपर मुख्य सचिव स्तर के अन्य अधिकारियों में सबसे प्रबल दावेदार अलका तिवारी को माना जा रहा है। तिवारी झारखंड और नई दिल्ली में सफलता पूर्वक काम कर चुकी हैं और उनके पास अभी पांच वर्षों का कार्यकाल भी बाकी है। ऐसे केके खंडेलवाल और अरुण कुमार सिंह के अलावा एल.के. ख्यांगते भी रेस में हैं। सरकार इन्हीं अधिकारियों में से किसी एक को मुख्य सचिव बनाएगी जिसमें से सुखदेव सिंह, अलका तिवारी और खंडेलवाल खास तौर पर प्रबल दावेदार दिख रहे हैं।