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एक Idea जो रंग लाया, थे 10 लाख के कर्जदार; अब कर रहे सौ करोड़ का कारोबार

बैंक की नौकरी छोड़ रांची के शक्ति सिंह ने 2012 में अपनी कंपनी खोली। शक्ति की फैक्ट्री युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Tue, 03 Jul 2018 12:32 PM (IST)Updated: Wed, 04 Jul 2018 10:52 AM (IST)
एक Idea जो रंग लाया, थे 10 लाख के कर्जदार; अब कर रहे सौ करोड़ का कारोबार
एक Idea जो रंग लाया, थे 10 लाख के कर्जदार; अब कर रहे सौ करोड़ का कारोबार

संजय कृष्ण, रांची। मेहनत और लगन से क्या कुछ हासिल नहीं किया जा सकता, शक्ति सिंह उसका एक सशक्त उदाहरण हैं। पांच साल पहले उन्होंने दस लाख का लोन लिया था और आज उनकी कंपनी इतने छोटे से समय में ही सौ करोड़ का कारोबार करती है। खादी से जुड़कर और आर्गेनिक उत्पादों में हाथ आजमाकर वे आज इस मुकाम पर पहुंचे हैं। आज इनके उत्पादों की सप्लाई कई देशों में होती है। आठ लोगों के साथ शुरू हुई कंपनी आज सौ लोगों को रोजगार दे रही है।

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रांची में हटिया के अलावा दिल्ली के बवाना में शक्ति की फैक्ट्री युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है। प्रतिष्ठित बैंक एचडीएफसी की नौकरी छोड़ रांची के शक्ति सिंह ने 2012 में अपनी कंपनी खोली। 2013 में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमइजीपी) से दस लाख रुपये का ऋण लिया और इसके बाद काम शुरू किया। खादी आयोग से जुड़ गए। शुरुआत आर्गेनिक नीम हैंड सोप बनाने से की। इसके बाद इसमें कई प्रयोग किए। चारकोल का साबुन बनाया। सौंफ का साबुन बनाया तो लोगों ने काफी पसंद किया। होटलों के लिए साबुन, शैंपू बनाने लगे।

यह काम तेजी से चलने लगा। कारोबार भी बढ़ने लगा। एयर इंडिया को पिछले तीन साल से इनकी कंपनी परफ्यूम सप्लाई कर रही है। कंपनी का टर्नओवर और कारवां बढ़ता जा रहा है। रोजगार से लोग तो जुड़ ही रहे हैं। किसान भी उनके साथ हर्बल खेती कर अपना मुनाफा बढ़ा रहे हैं। आज शक्ति की कंपनी के उत्पाद दुबई, सिंगापुर एक्सपोर्ट किए जाते हैं। अब रसिया को भी निर्यात शुरू हो गया है। शक्ति सिंह की शानदार उपलब्धियों पर रविवार को रांची में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री रघुवर दास ने उन्हें सम्मानित किया।

खादी से जुड़ने का मिला फायदा

शक्ति सिंह कहते हैं, खादी से जुड़ने का फायदा मिला। खादी इंडिया का देश भर में नेटवर्क है। इसके माध्यम से भी उत्पादों की बिक्री शुरू हुई। खादी सबसे बड़ा रोजगार का माध्यम है। खादी आयोग भी इस दिशा में प्रयत्नशील है।

सौ तरह के उत्पाद

पिछले पांच सालों में सौ तरह के उत्पाद इनकी कंपनी बनाने लगी है। कई तरह के शैंपू, साबुन, तेल से लेकर अन्य बहुत सी चीजें। फ्लैक्स सीड हेयर ऑयल, वालनट शैंपू, मेथी बीज व भृंगराज से बना तेल, नीम से बना तेल, चॉकलेट अलमंड सोप, खादी रीठा आमला सिकाकाई हेयर क्लीनर, खादी चारकोल फेशियल सहित कई आइटम हैं। विदेशों में आर्गेनिक की काफी डिमांड है।

खादी रोजगार का सबसे बड़ा प्लेटफार्म है। पीएमइजीपी ऋण देता है। खादी आयोग भी मदद करता है। युवा ऋण लेकर अपना कारोबार शुरू कर सकते हैं। अब सभी आर्गेनिक चीजें इस्तेमाल करना चाहते हैं। इसलिए, बाजार की चिंता नहीं करनी है। खादी आयोग भी बाजार उपलब्ध कराता है।

-शक्ति सिंह, निदेशक, अबीर्स ग्रामोद्योग।


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