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जेल में छपेंगी शिक्षा की किताबें, सरकार को होगी करोड़ों की बचत Ranchi News

Jharkhand Government ने विचाराधीन कैदियों को पढ़ाने की भी व्यवस्था करेगी। इसके अलावा कैदियों द्वारा तैयार कंबल बेडशीट का इस्तेमाल राज्‍य के आवासीय स्कूलों में होगा।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Tue, 20 Aug 2019 06:57 PM (IST)Updated: Wed, 21 Aug 2019 09:39 AM (IST)
जेल में छपेंगी शिक्षा की किताबें, सरकार को होगी करोड़ों की बचत Ranchi News
जेल में छपेंगी शिक्षा की किताबें, सरकार को होगी करोड़ों की बचत Ranchi News

रांची, राज्य ब्यूरो। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग तथा झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद की किताबें व पत्रिकाएं अब जेलों के प्रिंटिंग प्रेस में छपेंगी। शुरू में सरकारी स्कूलों में कक्षा तीन से पांच तक के बच्चों के बीच निश्शुल्क वितरण की जानेवाली संथाली भाषा की किताबें रांची स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा, होटवार में छपेंगी। हाल ही में ये किताबें तैयार हुई हैं। प्रेस की क्षमता व गुणवत्ता संतोषजनक होने के बाद अन्य किताबें व पत्रिकाएं भी राज्य के विभिन्न केंद्रीय काराओं में कार्यरत प्रिंटिंग प्रेस में छपेंगी।

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स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के प्रधान सचिव एपी सिंह ने केंद्रीय काराओं के प्रिंटिंग प्रेस को प्रोत्साहित करने के लिए इस संबंध में निर्देश झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद तथा झारखंड शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (जेसीईआरटी) के निदेशक उमाशंकर सिंह को दिया है। शिक्षा सचिव ने जेलों में कैदियों द्वारा तैयार किए जानेवाले कंबल तथा बेडशीट का इस्तेमाल कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों तथा अन्य आवासीय विद्यालयों में करने का भी निर्देश दिया है।

साथ ही, वैसे विचाराधीन कैदियों जो साक्षर होना चाहते हैं या अपनी पढ़ाई जारी रखना चाहते हैं, उनके लिए भी आवश्यक व्यवस्था करने को कहा है। उन्होंने पढ़ाई से लेकर परीक्षा फॉर्म भरने तक में सहयोग करने का निर्देश दिया है। शिक्षा सचिव ने निदेशक को कारा महानिरीक्षक के साथ बैठक कर सभी पहलुओं की जानकारी हासिल करने तथा इस संबंध में योजना तैयार करने का निर्देश दिया है। साथ ही, सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को अपने-अपने जिलों में जेलों में होनेवाले मुद्रण कार्य की जानकारी लेकर अगली बैठक में रिपोर्ट देने को कहा है।

उन्होंने खासकर दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल के आरडीडीई तथा रांची के जिला शिक्षा पदाधिकारी को केंद्रीय कारा, रांची जाकर सभी बिंदुओं का अध्ययन कर तत्काल संथाली भाषा की किताबें मुद्रण कराने तथा रांची के आवासीय विद्यालयों के लिए आवश्यकता के अनुसार कंबल व बेडशीट खरीदने का निर्देश दिया है। उन्होंने इन सभी कार्य शुरू करने के लिए एक सितंबर की तिथि भी तय कर दी है। सभी उपायुक्तों को अपने स्तर से भी इसकी पहल करने का निर्देश दिया है।

करोड़ों रुपये की छपती हैं पत्रिकाएं

राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में प्रत्येक वर्ष करोड़ों रुपये की पत्रिकाएं छपती हैं। इनमें विभाग की उपलब्धियां, स्मारिका, पत्रों का संकलन आदि शामिल हैं। इन सभी का प्रकाशन निजी प्रिंटिंग प्रेस में होता है। जेलों में इनका प्रकाशन होने से राज्य सरकार को करोड़ों रुपये की बचत हो सकती है।


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