65 किमी दूरी तय कर डीसी से प्राचार्य की शिकायत करने रांची पहुंचे छात्र-छात्राएं
Education. राजकीयकृत प्लस टू उवि लापुंग के छात्र-छात्राएं प्राचार्य के रवैये से परेशान होकर डीसी के शिकायत करने पहुंचीं।
रांची, जासं। राजकीयकृत प्लस टू उवि लापुंग के छात्र-छात्राएं प्राचार्य के रवैये से परेशान होकर 65 किलोमीटर की दूरी तय कर डीसी से शिकायत करने रांची पहुंच गए। डीसी नहीं मिले तो आरडीडीइ कार्यालय पहुंचे। आरडीडीइ एक कार्यक्रम में भाग लेने जिला स्कूल गए थे। इसके बाद छात्राओं ने सीधे आरडीडीइ को फोन लगा दिया और कहा कि आप जहां हैं हमलोग वहीं आ रहे हैं। इस पर आरडीडीई अशोक शर्मा ने छात्राओं को फोन पर ही समझाया। कहा, शाम हो गई है आपलोग घर लौट जाएं, जो भी समस्या है तत्काल सुलझाएंगे। इसके बाद छात्र-छात्राएं वापस लापुंग लौट गए। इधर आरडीडीइ ने कहा कि पहले भी प्राचार्य की शिकायत मिली है। उनके वेतन पर रोक लगा दी गई है। शनिवार को निलंबन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
स्कूल नहीं आ रहे प्राचार्य : विद्यार्थियों ने डीसी व आरडीडीइ कार्यालय में ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की। इनका कहना था कि कक्षा नौ का रजिस्ट्रेशन आठ से 18 जनवरी तक होना है। यह सूचना अखबार से मिली। प्राचार्य रामरुचि सिंह नौ जनवरी से स्कूल नहीं आ रहे हैं।
14 जनवरी को स्कूल में छुट्टी रहेगी। फिर रजिस्ट्रेशन के लिए चार दिन ही समय मिलेगा। 200 छात्र-छात्राओं का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन इतने कम समय में संभव नहीं होगा। 18 के बाद विलंब शुल्क के साथ फार्म जमा करना पड़ेगा। पहले भी शिकायत कर चुके हैं विद्यार्थी इससे पहले भी 28 दिसंबर को इसी स्कूल के विद्यार्थियों ने इंटर का फार्म भरने में प्राचार्य पर अधिक पैसे लेने का आरोप लगाकर रांची पहुंचकर डीसी व आरडीडीइ से शिकायत की थी। प्राचार्य पर आरोप था कि फार्म के लिए 595 की जगह 915 रुपया लिया जाता है। इसके बाद आरडीडीइ ने एसडीओ एजुकेशन को मामले की जांच करने को कहा था। एसडीओ ने जांच कर रिपोर्ट सौंप दी है।
पोशाक की राशि भी ले लेते हैं प्राचार्य : छात्राओं का कहना था कि प्राचार्य उनलोगों से पोशाक की राशि भी ले लेते हैं। पोशाक की राशि रमसा खाते में 1550 रुपये जमा की जाती है। इस राशि में से प्राचार्य के हस्ताक्षर से 600 रुपया ड्रेस और 200 रुपये कॉपी खरीदने के लिए छात्राओं के खाते में ट्रासफर कर दिया जाता है। 750 रुपये रमसा खाते में ही किताब खरीदने के लिए रहते हैं। छात्राओं के खाते में राशि तो जमा करा दी जाती है, लेकिन प्राचार्य छात्राओं से कहते हैं कि वे पैसे निकाल कर दें। उन्हें स्कूल द्वारा ही पोशाक दिया जाएगा, लेकिन बाद में उन्हें पोशाक नहीं मिलती है। इसके अलावा किताबें भी पायरेटेड देते हैं।
प्राचार्य का होगा निलंबन : प्राचार्य के बारे में पहले भी शिकायत मिली थी। जांच करवाया हूं। रिपोर्ट भी मिल गई है। शनिवार को निलंबन की प्रक्रिया शुरू करेंगे। अशोक कुमार शर्मा, आरडीडीइ