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Jharkhand: छात्र नेता रवि अग्रवाल बने विपक्ष के विधायक...सदन में उठाया अनुबंध कर्मचारियों का मुद्दा

Jharkhand political Training झारखंड युवा सदन में रविवार को विपक्ष के विधायक रवि अग्रवाल चुने गए। उन्होंने युवा सदन में अनुबंध कर्मचारियों का मामला उठाया। वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र नेता हैं। राजनीति और संसदीय कार्य प्रणाली से रूबरू हुए कई छात्र।

By M EkhlaqueEdited By: Published: Sun, 15 May 2022 05:17 PM (IST)Updated: Sun, 15 May 2022 05:19 PM (IST)
Jharkhand: छात्र नेता रवि अग्रवाल बने विपक्ष के विधायक...सदन में उठाया अनुबंध कर्मचारियों का मुद्दा
Jharkhand News: छात्र नेता रवि अग्रवाल बने विपक्ष के विधायक...सदन में उठाया अनुबंध कर्मचारियों का मुद्दा

रांची, जासं। तीन दिवसीय झारखंड युवा सदन 3.0 के दूसरे दिन रविवार को झारखंड के विभिन्न क्षेत्रों से आए युवाओं और छात्रों का चयन हुआ। जिसमें रांची के अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र नेता रवि अग्रवाल का चयन रांची विधानसभा से विपक्ष के विधायक के रूप में हुआ। सदन में विभिन्न मुद्दों पर बहस हुई।

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संसदीय कार्य प्रणाली से रूबरू हुए छात्र-युवा

इस कार्यक्रम के माध्यम से युवाओं को यह भी सिखाया जा रहा कि किस तरह सदन में कार्रवाई होती है। पक्ष और विपक्ष के सदस्य अपने एजेंडों पर कैसे चर्चा करते हैं। कैसे अपने क्षेत्र की समस्या को सदन के पटल पर रखते हैं। रांची विधानसभा के रवि अग्रवाल ने बिल के विरोध में अपनी बातें रखीं। उन्होंने रोजगार विनियम अधिनियम 1959 के विरोध में कहा कि सरकार बिल तो लाती है, पर उसे घरातल पर नहीं उतार पाती है। राज्य में करीब साढे तीन लाख पद खाली हैं। सरकार रोजगार के नाम पर सिर्फ आश्वासन दे रही है।

सरकारी विभागों में रिक्त पदों का उठाया मामला

उन्होंने कहा कि कुछ दिनों पहले ही सरकार ने उत्पाद सिपाही की भर्ती के लिए 583 पद के लिए वैकेंसी तो निकाली, लेकिन क्या इतनी सीटों से युवाओं का भला होगा? कई सरकारी विभागों में पद रिक्त हैं लेकिन इस दिशा में सरकार कुछ नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने 2018 में अनुबंध पर नियुक्ति की थी। लेकिन सत्ता बदलते ही सरकार सब भूल गई। उन शिक्षकों के बारे कुछ नहीं कर रही है। उन्होंने पूर्व में नियुक्त ऐसे शिक्षकों को ससमय वेतन दिए जाने की मांग की ताकि उनके परिवार का भरण पोषण हो सके।

इन मांगों पर हुई चर्चा :

  • सदन में यूजीसी के दिशा निर्देश पर नौकरी की सुरक्षा की गारंटी के आधार पर सेवाओं का नियमितीकरण
  • डीए सहित अन्य सुविधाओं के साथ समान काम का समान वेतन दिया जाए
  • नियमित शिक्षकों की तरह ही अनुबंध पर बहाल शिक्षकों को अवकाश की समान सुविधा मिले
  • सेवाकाल को स्थाई शिक्षकों की तरह 65 वर्ष तक बढाई जाए
  • राज्य के गभीर मुद्दों पर सरकार काम करे।

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