Jharkhand Lockdown: जारी रहेगी सख्ती, लॉक डाउन पर केंद्र ने मांगा एक्जिट प्लान; पढ़ें काम की खबर
Jharkhand Lockdown. लॉकडाउन में लगभग सात लाख झारखंडी अन्य राज्यों से घर लौटने की राह देख रहे हैं। मुंबई में सबसे ज्यादा लोग फंसे हैं। राज्य में स्कूल-कॉलेज फिलहाल बंद रहेंगे।
रांची, प्रदीप सिंह। Jharkhand Lockdown कोरोना से बचाव के मद्देनजर लागू लॉकडाउन खत्म होने का समय जैसे-जैसे करीब आ रहा है, वैसे-वैसे सरकार इसके बाद की परिस्थितियों से निपटने की पुख्ता तैयारी में जुट गई है। इस कड़ी में केंद्र सरकार ने झारखंड सरकार से उन लोगों को वापस लाने के लिए एक्जिट प्लान मांगा है जो अन्य राज्यों में हैं और वापस आने की राह देख रहे हैं। फिलहाल राज्य के लगभग सात लाख लोग विभिन्न राज्यों में हैं। इसमें सबसे ज्यादा एक लाख लोग महानगर मुंबई में हैं।
इस प्रक्रिया को नियंत्रित तरीके से अंजाम देना है ताकि आपाधापी नहीं मचे। राज्य सरकार द्वारा पुख्ता प्लान दिए जाने के बाद इस दिशा में आगे की कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल लॉकडाउन की अवधि बढ़ाने को लेकर राज्य सरकार ने कोई निर्णय नहीं किया है। एक वरीय अधिकारी के मुताबिक अभी तक कोरोना से संक्रमण की महज चार मरीजों की पुष्टि राज्य में हुई है।
अगर यही स्थिति रही तो लॉकडाउन के बाद नियंत्रित तरीके से लोगों को छूट दी जा सकती है। इस बारे में फिलहाल फैसला नहीं लिया गया है। लॉकडाउन के तत्काल बाद एहतियात के तौर पर स्कूल-कॉलेज, सिनेमा हॉल, शापिंग मॉल, भीड़भाड़ के स्थान कुछ अïवधि के लिए बंद रखे जा सकते हैैं। निजी वाहनों की सर्विस में कुछ ढील दी जा सकती है।
इसका पूरा ख्याल रखा जाएगा कि ज्यादा लोगों की मौजूदगी एक स्थान पर नहीं हो। निषेधाज्ञा (धारा-144) का भी सख्ती से पालन होगा। जिन क्षेत्रों से संक्रमण के मामले आएंगे, वे एहतियात के तौर पर बंद रखे जा सकते हैैं। फिलहाल निर्माण कार्य पूरी तरह बंद है। इसे भी धीरे-धीरे खोला जा सकता है ताकि इससे जुड़े लोगों को राहत मिल सके। आवागमन की छूट भी शर्तों के आधार पर दी जा सकती है।
अन्य राज्यों के संपर्क में हैं वरीय अफसर
राज्य सरकार ने अन्य प्रदेशों में रह रहे झारखंड के लोगों को प्राथमिकता के स्तर पर राहत देने की कवायद आरंभ से की है। इसके तहत लगभग एक दर्जन भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरीय अधिकारी तैनात हैं। अलग-अलग अधिकारियों के जिम्मे विभिन्न राज्यों का प्रभार है। वहां रह रहे लोगों की जरूरत के हिसाब के तमाम सहूलियतें मुहैया कराई जा रही है। राज्य सरकार ने उनके लिए हेल्पलाइन सर्विस की शुरूआत नई दिल्ली स्थित झारखंड भवन में भी की की है।