तीसरी लहरः कोरोना की तीसरी लहर से पहले आयुर्वेद और योग से करें खुद को मजबूत
Jharkhand News कोरोना संक्रमण की तीसरी संभावित लहर आने वाली है। ऐसे में अपने साथ अपने परिवार का ख्याल रखना बेहद जरूरी है। कोरोना संक्रमण से लड़ने में शरीर की बेहतर रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी मददगार साबित हुई है।
रांची, जासं। कोरोना संक्रमण की तीसरी संभावित लहर आने वाली है। ऐसे में अपने साथ अपने परिवार का ख्याल रखना बेहद जरूरी है। कोरोना संक्रमण से लड़ने में शरीर की बेहतर रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी मददगार साबित हुई है। इसके साथ ही योग के उपयोगिता के प्रमाणिक रूप से सिद्ध होने के बाद, इसे कोरोना मरीजों के इलाज के प्रोटोकाल में भी शामिल किया गया है। रांची स्थित राज योग केंद्र के प्रभारी डा एमके दीक्षित बताते हैं कि कोरोना संक्रमण काल में जिन लोगों ने खुद को फिट रखने के लिए आयुर्वेद और योग का साथ लिया, उनमें से न के बराबर लोगों में संक्रमण का घातक असर हुआ है। ऐसे में तीसरी लहर से पहले से लोगों को कोविड वैक्सीन लेने के साथ योग और आयुर्वेद को अपनाना चाहिए।
वैक्सीन के साथ योग और आयुर्वेद साथ सबसे बेहतर
डा एमके दीक्षित बताते हैं कि संक्रमण के दूसरी लहर में वो खुद भी संक्रमित हो गए थे। मगर उनकी सीटी वैल्यू काफी कम होने के बाद भी मुझे किसी तरह की परेशानी नहीं हुई। वहीं मेरी सलाह से कम से कम 100 लोगों ने संक्रमण के बाद भी डाक्टरी चिकित्सा के साथ योग और प्राणायाम चालू रखा जिससे उन्हें अस्पताल में भर्ती नहीं होना पड़ा। कोविड-19 एक ऐसी बीमारी है जिससे बचाव के लिए सबसे पहले वैक्सीन लें। इसके साथ ही आयुष मंत्रालय के द्वारा बताए आयुर्वेदिक काढ़े का नियंत्रित प्रयोग करने साथ रोज कम से कम एक घंटा योग जरूर करें।
सांस वाले व्यायाम करना जरूरी
डा एमके दीक्षित बताते हैं कि कोरोना संक्रमण में पाया गया है कि संक्रमित के फेफड़ों पर वायरस का सबसे ज्यादा असर होता है। ऐसे में हमें अभी से सांस से जुड़े योग और प्राणायाम करना चाहिए। इस वक्त अनुलोम-विलोम, भ्रामरी, कपालभाती, भस्त्रिका, लीप ब्रिदिंग आदि प्राणायाम को कम से कम रोज 20 मिनट करें।
फेफड़ों की क्षमता सुधारता है प्राणायाम
प्राणायाम से फेफड़ों की कार्य क्षमता में तेजी से सुधार होता हुआ पाया गया है। डा एमके दीक्षित बताते हैं कि प्राणायाम प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने के साथ श्वसन क्रिया में प्रयुक्त नसों को आराम देने वाले सबसे प्रभावी व्यायामों में से एक माना जाता है। प्राणायाम खाली पेट करने की सलाद दी जाती है। इसलिए इसे सुबह-सुबह ताजे हवा में करना सबसे बेहतर है।