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पत्थलगड़ी और सामूहिक दुष्कर्म पर रघुवर सरकार को घेरने की तैयारी में विपक्ष

झारखंड में विपक्ष ने खूंटी में पत्थलगड़ी और दुष्कर्म की घटनाओं की आड़ में राज्य सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Tue, 03 Jul 2018 01:33 PM (IST)Updated: Tue, 03 Jul 2018 01:33 PM (IST)
पत्थलगड़ी और सामूहिक दुष्कर्म पर रघुवर सरकार को घेरने की तैयारी में विपक्ष
पत्थलगड़ी और सामूहिक दुष्कर्म पर रघुवर सरकार को घेरने की तैयारी में विपक्ष

राज्य ब्यूरो, रांची। विपक्ष खूंटी में पत्थलगड़ी और दुष्कर्म की घटनाओं की आड़ में राज्य सरकार को घेरेगा। इसकी रणनीति सोमवार को नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन के आवास पर तैयार हुई। तय किया गया है कि उनके नेतृत्व में विपक्षी नेताओं का बड़ा जत्था सात जुलाई को खूंटी रवाना होगा। हालांकि तिथि को लेकर एकमत होने में नेताओं को वक्त लगा। कुछ लोगों की राय थी कि पांच जुलाई के पूर्व खूंटी का दौरा किया जाए। बाद में सात जुलाई की तिथि पर सहमति इस दलील के बाद बनी कि इससे पांच जुलाई के बंद की तैयारी पर असर पड़ सकता है।

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भूमि अधिग्रहण संशोधन बिल के विरोध में आहूत बंद के मद्देनजर सोमवार को विपक्षी दलों की संयुक्त बैठक में ठोस रणनीति बनी। तमाम दिग्गज नेता अपने इलाकों में विरोध व प्रदर्शन का नेतृत्व करेंगे। यह भी आशंका व्यक्त की गई कि बंद के पूर्व प्रशासनिक दमन हो सकता है। हालांकि नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने दावा किया कि हर दमन का विपक्षी दलों के कार्यकर्ता मिलकर मुकाबला करेंगे। सरकार के जनविरोधी फैसले से लोगों में आक्रोश है। इसकी झलक बंद के दौरान देखने को मिलेगी।

बिफरे सीएम पर, बंद की सफलता का दावा

रांची में अपनी पत्नी के नाम पर ली गई जमीन की जांच संबंधी सवाल पर नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन बिफर पड़े। उन्होंने मुख्यमंत्री के बारे में व्यक्तिगत टिप्पणी करते हुए कहा कि वे अपने बाबूजी (पिता) की जमीन पर रहते हैं क्या? आरोप लगाया कि सरकार द्वेष की भावना से काम कर रही है। वे (मुख्यमंत्री) विपक्ष को नीचा दिखाना चाहते हैं। यह पूछे जाने पर कि सरकार ने बीते सालों में कितनी जमीन ली है, हेमंत सोरेन ने कहा कि उन्हें जमीन लेने का मौका ही नहीं मिला। सीएनटी एक्ट में संशोधन की कोशिश नाकाम की गई। जमीन छीनने का असली खेल भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक के जरिए होगा। जमीन गलत तरीके से दखल करने को लेकर बनी एसआइटी को लेकर भी उन्होंने सवाल उठाए। कहा, सरकार को बताना चाहिए कि एसआइटी क्या कर रही है?

आदिवासियों को बदनाम करने की साजिश

सुखदेव प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुखदेव भगत ने आरोप लगाया है कि सरकार आदिवासियों को बदनाम करना चाहती है। आदिवासियों को संविधान विरोधी बताया जा रहा है जबकि असलियत यह है कि वे संविधान के दायरे में अपने अधिकार की मांग कर रहे हैं। उनकी बातों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने की बजाय मुकदमे लादे जा रहे हैं। भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक को उन्होंने गलत बताते हुए कहा कि सरकार का दावा स्कूलों के लिए जमीन लेने का है लेकिन पांच हजार स्कूल मर्ज कर दिए गए। बिजली के लिए जमीन लेने की बातें की जा रही है लेकिन कोई योजना प्रस्तावित नहीं है। सच्चाई यह है कि सरकार चंद कारपोरेट घरानों को कौड़ियों के मोल जमीन देना चाहती है।

फिर नहीं दिखे बाबूलाल मरांडी और प्रदीप यादव

झाविमो प्रमुख बाबूलाल मरांडी विपक्षी दलों की संयुक्त बैठक से दूरी बना रहे हैं। पहली बैठक में भी उनकी दूरी चर्चा में रही। इसके अलावा पार्टी में नंबर दो की हैसियत रखने वाले प्रदीप यादव भी बैठकों में नहीं आ रहे हैं। हालांकि कहा जा रहा है कि पाकुड़ में रहने के कारण बाबूलाल मरांडी बैठक में शामिल नहीं हो पाए। सोमवार को विपक्ष की साझा बैठक में राजद की प्रदेश अध्यक्ष अन्नपूर्णा देवी, बंधु तिर्की, भुवनेश्वर मेहता, गोपीकांत बक्शी समेत अन्य दलों के नेता और जन संगठनों से जुड़े लोगों ने मौजूदगी दर्ज कराई।


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