सुरक्षा मुहैया कराने में भी पक्षपात कर रही सरकार : बाबूलाल मरांडी
Jharkhand Politics विधि व्यवस्था व उग्रवाद पर राज्य सरकार को लगातार नसीहत देने वाले भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी अब इस मामले को लेकर केंद्र सरकार तक पहुंच गए हैं।
रांची, राज्य ब्यूरो। विधि व्यवस्था व उग्रवाद पर राज्य सरकार को लगातार नसीहत देने वाले भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी अब इस मामले को लेकर केंद्र सरकार तक पहुंच गए हैं। बाबूलाल मरांडी ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने राज्य में बढ़ती उग्रवादी व आपराधिक गतिविधियों का जिक्र तो किया ही है, साथ ही भाजपा व इसकी विचारधारा से जुड़े लोगों की सुरक्षा के मसले पर राज्य सरकार पर भेदभाव करने का आरोप लगाया है। बाबूलाल ने इस प्रकरण पर गृहमंत्री से हस्तक्षेप करने का अनुरोध करते हुए कहा है कि सुरक्षा एक अहम मसला है और इस प्रकरण की जांच किसी सक्षम केंद्रीय एजेंसी से कराई जाए।
केंद्रीय मंत्री को प्रेषित पत्र में बाबूलाल ने कहा कि नई सरकार के गठन के बाद से राज्य में नक्सली और आपराधिक मामले में बेतहाशा वृद्धि हुई है। वर्तमान सरकार के पहले छह माह के कार्यकाल में ही 42 से अधिक छोटी-बड़ी उग्रवादी घटनाएं घट चुकी हैं। वहीं, दूसरी तरफ राज्य सरकार कुछ प्रबुद्ध लोगों को (जिनकी जान पर संभावित खतरा है) सुरक्षा मुहैया कराने में भी राजनीतिक चश्मे का उपयोग कर रही है। पक्ष-विपक्ष का भेद कर ऐसे प्रबुद्ध लोगों को खतरे की आग में झोंका जा रहा है, जो या तो भाजपा से जुड़े हैं या भाजपा की विचारधारा के समर्थक हैं।
उन्होंने पत्र में कहा है कि पहले तो राज्य के प्रभारी पुलिस महानिदेशक ने वैश्विक महामारी कोविड-19 के संकट काल के प्रारंभिक दिनों में जनप्रतिनिधियों को छोड़ ऐसे तमाम लोगों की सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मियों को बल की कमी होने का हवाला देकर मुख्यालय वापस बुला लिया, लेकिन इसके ठीक अगले दिन से ही विभिन्न जिलों के पुलिस अधीक्षकों द्वारा सत्तारूढ़ दलों से जुड़े न सिर्फ छोटे-से-छोटे नेताओं, बल्कि चुनिंदा झारखंड मुक्ति मोर्चा समर्थक ठेकेदारों, बिचैलियों, सत्ता के गलियारे में काम कर रहे दलालों को भी सुरक्षा मुहैया कराया गया। यह क्रम आज भी जारी है। बाबूलाल ने केंद्रीय गृह मंत्री से आग्रह किया कि किसी केंद्रीय एजेंसी से झारखंड सरकार द्वारा सुरक्षा मुहैया कराने में मानकों का किए जा रहे घोर उल्लंघन के मामले की जांच कराई जाए।