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भाजपा एसटी मोर्चा ने ईसाई मिशनरियों के खिलाफ खोला मोर्चा

रांची भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा ने एक बार फिर ईसाई मिशनरियों के खिलाफ मोर्चा खोला दिया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Aug 2019 05:57 AM (IST)Updated: Tue, 27 Aug 2019 06:44 AM (IST)
भाजपा एसटी मोर्चा ने ईसाई मिशनरियों के खिलाफ खोला मोर्चा
भाजपा एसटी मोर्चा ने ईसाई मिशनरियों के खिलाफ खोला मोर्चा

रांची : भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा ने एक बार फिर ईसाई मिशनरियों के खिलाफ मोर्चा खोला है। सोमवार को भाजपा एसटी मोर्चा ने सीएनटी-एसपीटी एक्ट के उल्लंघन के मामले को लेकर रांची उपायुक्त को बकायदा ज्ञापन सौंपा। मोर्चा ने इस एक्ट के उल्लंघन के ज्यादातर मामलों के लिए ईसाई मिशनरियों को जवाबदेह ठहराया।

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भाजपा एसटी मोर्चा की रांची महानगर और ग्रामीण इकाई की ओर से उपायुक्त को इस संदर्भ में ज्ञापन सौंपा गया।

प्रेषित ज्ञापन में एसटी मोर्चा ने कहा कि झारखंड में सीएनटी-एसपीटी अधिनियम प्रदेश जनजाति समाज की भूमि के संरक्षण के लिए बनाए गए थे। इसके बावजूद उनकी जमीन गैर जनजाति दबंगों, भूमि दलाल एवं खासकर ईसाई मिशनरियों द्वारा गैर वाजिब तरीके से कब्जा की जा रही हैं। काश्तकारी अधिनियम में निहित प्रावधानों के बावजूद जनजातीय भूमि का हस्तांतरण ईसाई मिशनरियों के द्वारा किया गया है। मिशनरियों का फादर या ब्रदर भोले-भाले जनजाति समाज को गलत आश्वासन देकर धर्म परिवर्तन करवाते हैं, उसके बाद उनकी जमीन को चर्च के नाम पर करवा लेते हैं।

ज्ञापन सौंपने वाले में माडर विधायक गंगोत्री कुजूर, एडवर्ड सोरेन, मोर्चा प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक बड़ाईक, प्रदेश मंत्री अनु लकड़ा, सुनील फकीरा कच्छप, रीता मुंडा, नकुल तिर्की, रूप लक्ष्मी मुंडा, अर्जुन मुंडा, कृष्णा भगत, प्रेम बड़ाईक सहित कई लोग शामिल थे।

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धर्म-परंपरा त्याग चुके अनुसूचित जनजाति के नहीं हो सकते : समीर उरांव :

भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष व राज्यसभा सदस्य समीर उरांव ने उपायुक्त को ज्ञापन सौंपने के बाद कहा कि जिन लोगों ने धर्म, परंपरा, अनुष्ठान, रीति-नीति को त्याग दिया है, वे अनुसूचित जनजाति नहीं हो सकते। विडंबना है कि ऐसे लोग मुखिया चुनाव से लेकर लोकसभा चुनाव तक लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि 2004 में सुप्रीम कोर्ट ने केरल के चंद्रमोहन की याचिका पर सुनवाई करते हुए अनुसूचित जनजाति कौन है, इस पर अपना फैसला दिया है। कहा, मिशनरी संस्था द्वारा राजनीतिक संरक्षण में असंवैधानिक तरीके से अनुसूचित जनजातियों की जमीन हस्तांतरण की गई है। सीएनटी-एसपीटी एक्ट आदिवासियों का सुरक्षा कवच है। इसका असंवैधानिक लाभ किसी को नहीं लेने देंगे। मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष व विधायक रामकुमार पाहन ने यह भी आरोप लगाया कि चर्च द्वारा मिशनरी सेवा के नाम पर अस्पताल व स्कूल बनाकर जमीन पर कब्जा किया जा रहा है। प्रलोभन देकर आदिवासियों का धर्मातरण किया जा रहा है।

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