विद्यालय नहीं जाने वाली किशोरियों में एसटी अधिक
महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग ने खुलासा किया, पश्चिमी सिंहभूम की स्थिति सबसे खराब है।
राज्य ब्यूरो, रांची : विद्यालय नहीं जाने वाली किशोरियों में सर्वाधिक अनुसूचित जनजाति समुदाय की है। 11 से 14 साल की किशोरियों को केंद्र में रखकर महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग की ओर से कराए गए हालिया सर्वेक्षण में इसका खुलासा हुआ है। सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक विद्यालय नहीं जाने वाली किशोरियों की सर्वाधिक संख्या पश्चिमी सिंहभूम है।
इस मामले में दूसरे स्थान पर उप राजधानी दुमका, जबकि तीसरे स्थान पर साहिबगंज है। पूरे राज्य की बात करें तो विद्यालय नहीं जानेवाली किशोरियों में अनुसूचित जनजाति की 32,544, अनुसूचित जाति की 13614, जबकि अन्य जाति की किशोरियों की संख्या 25,249 है। तीनों वर्गो की बात करें तो 11 से 14 साल आयु वर्ग की 71,407 किशोरियां विद्यालय नहीं जाती।
विभाग ने यह सर्वे संबंधित आयु वर्ग की किशोरियों तक केंद्र और राज्य संपोषित योजनाओं की पहुंच सुनिश्चित कराने के निमित्त किया है। विभागीय सूत्रों के अनुसार किशोरियों को हर स्तर पर सशक्त बनाने के लिए संचालित योजनाएं सामान्य तौर पर विद्यालयों के माध्यम से उनतक पहुंचाई जा रही है।
इससे इतर विद्यालय से वंचित किशोरियां इससे वंचित रह जारही हैं। अब आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं के माध्यम से चिह्नित किशोरियों तक यह सुविधा बहाल तो होगी ही, स्कूल चले, चलाए अभियान के तहत उन्हें विद्यालयों से जोड़ा जाएगा।
कहां की कितनी किशोरियां नहीं जाती विद्यालय :
पाकुड़ 5715, जामताड़ा 1837, गढ़वा 5209, सिमडेगा 421, लातेहार 775, गिरिडीह 2493, लोहरदगा 393, साहिबगंज 9313, पलामू 4239, चतरा 1386, गोड्डा 7499, दुमका 6227, रामगढ़ 100, बोकारो 431, धनबाद 231, पश्चिमी सिंहभूम 11173, पूर्वी सिंहभूम 646, रांची 1897, हजारीबाग 1155, खूंटी 405, गुमला 4764, कोडरमा 63, देवघर 1854 तथा सरायकेला-खरसावां की 3181 किशोरियां विद्यालय जाने से वंचित हैं।