अक्षय तृतीया पर मा लक्ष्मी व भगवान विष्णु की विशेष आराधना
शहर के विभिन्न हिस्सों में रविवार को अक्षय तृतीया उल्लासपूर्वक मनाया गया ।
जागरण संवाददाता, राची : शहर के विभिन्न हिस्सों में रविवार को अक्षय तृतीया उल्लासपूर्वक मनाया गया। धर्मावलंबी प्रात: काल गंगाजल युक्त जल से स्नान आदि करने के बाद भगवान नारायण व मा लक्ष्मी की पूजा अर्चना की। उपवास रख कर कथा का श्रवण किया। पूजा के बाद ब्राह्मणों व जरूरतमंदों को यथा संभव दान-दक्षिणा दिया। जरूरतमंदों को भोजन, शर्बत आदि पिलाया गया। कई लोगों ने अपने घरों में सत्यनारायण पूजा भी कराई। भगवान परशुराम और मा गंगा की पूजा अर्चना भी कई गई। मान्यता है कि इसी दिन मा गंगा व भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम धरती पर अवतरित हुए थे। भगवान परशुराम के जन्मोत्सव पर दीये जलाकर ब्राह्मणों की पूजा की गई। आरती उतारी गई। अक्षय तृतीया पर शहर के विभिन्न मंदिरों में भी विशेष पूजा-अर्चना हुई। पहाड़ी मंदिर में 4.30 बजे प्रथम पूजा किया गया। सुबह सात बजे भगवान विष्णु एवं शिव की संयुक्त पूजा हुई। समस्त पूजा मंदिर के मुख्य पुजारी मनोज मिश्रा के देखरेख में संपन्न हुआ। हालाकि, लॉक डाउन के कारण राजधानी के सभी प्रमुख मंदिरों में आम श्रद्धालुओं का प्रवेश वर्जित रहा। मंदिर के पुजारियों ने ही पूजा-अर्चना संपन्न कराया।
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दीया जलाकर मनाया परशुराम का जन्मोत्सव
विश्व ब्राह्मण संघ के कार्यकर्ताओं ने राज्य भर में अपने-अपने घरों में भगवान परशुराम का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया। इस अवसर पर भगवान परशुराम का चालीसा पाठ, कथा श्रवण किया। पूजा के उपरात आरती-हवन किया गया। असहाय लोगों में दान भी दिया। संध्या में घर को दीये से सजाकर भगवान की आरती उतारी गई। संघ के प्रदेश अध्यक्ष धमर्ेंद्र तिवारी ने चुटिया के न्यू अमरावती कॉलोनी स्थित आवास में भगवान परशुराम की पूजा के बाद संध्या में दीपोत्सव मनाया।
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आखा तीज पर लड्डू गोपाल को लगाया गया विशेष खिचड़ी का भोग
मारवाड़ी समाज ने अक्षय तृतीया को आखा तीज के रूप में मनाया। मा लक्ष्मी-विष्णु के साथ लड्डू गोपाल की विशेष पूजा अर्चना की गई। विशेष प्रकार के खिचड़ी का भोग लगाया गया। इस दिन मारवाड़ी समाज में पतंगबाजी का रिवाज है। धर्मावलंबियों ने पूजा के दौरान पतंग भी भगवान के समक्ष रखे गये फिर उत्सव मनाया गया। मिट्टी के घड़े की पूजा के बाद उसका जल ग्रहण किया गया। मनपंसद मिष्ठान्न के साथ विशेष तौर पर आम के टिकोले की शर्बत बना। ब्राह्मणों को भोजन व दान-दक्षिणा के रूप में अन्न, छाता, चप्पल, कपड़ा आदि दिये गए।
........................ बालाजी की तिरूआराधना
रातू रोड स्थित वेंकटेश मंदिर में विषणु रूप भगवान बालाजी का विशेष अनुष्ठान किया गया। सुबह छह बजे भगवान को विश्वरूप का दर्शन कराया गया। षोडषोपचार विधि से तिरू आराधना की गई। इसके बाद नक्षत्र, कुंभ और कर्पूर से बारी-बारी से आरती उतारी गई। भगवान को बालभोग में गुड़ान्न का नैवेद्य चढ़ाया गया। वैदिक मंत्रोच्चार और श्रीविष्णु सहस्त्रमानार्चना का जाप किया गया गया। इसके बाद आरती उतारी गई। कोरोना संक्रमण से मुक्ति के लिए विशेष प्रार्थना की गई।
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चुटिया श्री राम मंदिर के 336वें स्थापना दिवस पर सुंदरकाड का पाठ
जासं, राची : चुटिया प्राचीन श्रीराम मंदिर का 336वा स्थापना दिवस रविवार को सादगीपूर्वक मनाया गया। इसी दिन साल 1685 में नागवंशीय राजा के द्वारा मंदिर बनवाया गया था। अक्षय तृतीया के दिन ही 1993 में पूर्व पार्षद विजय साहू ने अपनी माता की पुण्य स्मृति में मंदिर परिसर में मा दुर्गा की मूर्ति स्थापित की थी। इस अवसर पर मंदिर को सुगंधित फूलों से भव्य श्रृंगार किया गया। नियमित पूजा मंदिर के महंथ गोकुल दास के देखरेख में छोटू शर्मा ने संपन्न किया। संध्या 5.30 बजे से सुंदर काड का सस्वर पाठ शुरु हुआ।