झारखंड ई-पास को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल, हाई कोर्ट के आदेश को दी चुनौती
Jharkhand E Pass Jharkhand News याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार की ओर से जब से ई पास लागू किया गया है औरइस कारण जिनसे जुर्माने की राशि वसूली की गई और जिन पर आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं उन सभी को वापस लिया जाए।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड सरकार की ओर से लाॅकडाउन (स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह) के दौरान ई-पास लागू किए जाने का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। इसको लेकर प्रार्थी राजन कुमार सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की है। इस याचिका में ई-पास के खिलाफ दाखिल याचिका को झारखंड हाई कोर्ट द्वारा खारिज किए जाने को चुनौती दी गई है। सुप्रीम कोर्ट से ई-पास की बाध्यता को समाप्त करने की मांग की गई है। इसके साथ ही उक्त याचिका में मांग की गई है कि ई-पास लागू होने के दौरान पुलिस द्वारा वसूला गया जुर्माना सभी लोगों को वापस किया जाए और जिन पर आपराधिक मामला दर्ज हुआ है, उन्हें भी वापस लिया जाए। प्रार्थी के अधिवक्ता अनूप कुमार अग्रवाल ने बताया कि जल्द ही इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने की उम्मीद है।
बता दें कि राज्य सरकार की ओर से लागू ई-पास को राजन कुमार सिंह ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। सुनवाई के दौरान कहा गया कि ई-पास बनाने में कई महत्वपूर्ण जानकारी देनी पड़ रही है, जो निजता का हनन है। इसके अलावा आदिवासी बाहुल्य राज्य होने के कारण कई लोग डिजिटली साक्षर नहीं हैं। ऐसे में दूध, सब्जी और दवा जैसी जरूरी सामान के लिए ई-पास बनाना मुश्किल है। ई-पास नहीं होने पर पुलिस जुर्माना वसूल रही है। लेकिन हाई कोर्ट ने इस व्यवस्था को सरकार का नीतिगत मामला बताते हुए याचिका को खारिज कर दिया था। इसके बाद हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।
बता दें कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए झारखंड में 22 अप्रैल से स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह लागू किया है। पहले यह एक सप्ताह के लिए लगाया गया। इसके बाद यह चार बार क्रमवार बढ़ाया गया। स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह में घर से बाहर निकलने के लिए सरकार ने ई पास की व्यवस्था लागू की है। ई पास सबके लिए अनिवार्य किया गया। हालांकि एक दिन पूर्व सरकार की ओर से स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह बढ़ाए जाने की घोषणा में ई पास को अब सबके लिए अनिवार्य नहीं किया गया है।
कई वर्ग के लोगों को इससे छूट प्रदान की गई है। ई पास की व्यवस्था लागू होने से लोगों को इस दौरान काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। जरूरी काम से घर से निकले लोगों के साथ पुलिस ने बिना पास होने पर कार्रवाई की। पूर्व में बिना किसी वैरिफिकेशन के पास बन जाने से लोग इसका गलत इस्तेमाल भी करते नजर आए। हालांकि अब इसमें काफी सुधार किया गया है। यह पास सिस्टम ओटीपी आधारित कर दिया गया है।