काम की खबर: जमीन-फ्लैट की रजिस्ट्री में फंसा पेच, ऑनलाइन पेमेंट के लिए घंटों इंतजार Ranchi News
Jharkhand. स्लो इंटरनेट कनेक्टिविटी से ई-केवाइसी की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है। राजस्व निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग नया सर्वर खरीदने की तैयारी में है।
रांची, राज्य ब्यूरो। जमीन और फ्लैट के निबंधन के लिए प्रभावी नेशनल जेनेरिक डाक्यूमेंट रजिस्ट्रेशन सिस्टम (एनजीडीआरएस) में स्लो इंटरनेट कनेक्टिविटी का पेच फंस रहा है। समस्या निबंधन के लिए तैयार डीड की ऑनलाइन इंट्री के बाद ऑनलाइन पेमेंट में आ रही है। क्रेता जमीन अथवा फ्लैट के लिए क्षेत्रवार निर्धारित सरकारी दर की तीन फीसद राशि बतौर निबंधन शुल्क ऑनलाइन जमा करते हैं।
इसके बाद एनजीडीआरएस सॉफ्टवेयर संबंधित राशि के सरकारी खाते में जमा होने की बात का सत्यापन करता है, परंतु कमजोर कनेक्टिविटी के कारण ई-केवाइसी की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है। बहरहाल, इस समस्या के कारण क्रेता-विक्रेता को बेवजह घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। बताते चलें कि एनजीडीआरएस सॉफ्टवेयर के जरिए निबंधन की प्रक्रिया पिछले वर्ष से प्रभावी है। इसके तहत सबसे पहले बिक्री होने वाली संपत्ति का डाक्यूमेंट तैयार हो जाता है, जिसे एनजीडीआरएस सॉफ्टवेयर में अपलोड किया जाता है।
इसके बाद निबंधन कार्यालय द्वारा निबंधन के लिए समय मुकर्रर किया जाता है। शुल्क के सत्यापन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद क्रेता-विक्रेता का आधार लिंक तथा ऑनलाइन फोटोग्राफी की जाती है। इसके बाद डाक्यूमेंट निबंधित होता है। पिछले दिनों झारखंड दस्तावेज नवीस संघ ने ई-केवाइसी को लेकर आ रही समस्या की ओर से राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग का ध्यान आकृष्ट कराया था।
इधर, विभागीय सूत्रों के अनुसार इस समस्या का तात्कालिक व स्थायी समाधान की कवायद शुरू हो गई है। दीपावली को लेकर निबंधन कराने वालों की संख्या में अचानक वृद्धि के कारण भी समस्या आ रही है। विभाग सोमवार से इसके वैकल्पिक उपाय पर फोकस कर रहा है। हाई स्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी को केंद्र में रखकर नया सर्वर लगाने का मसौदा तय हो गया है। इसके बाद कमजोर कनेक्टिविटी के कारण निबंधन का पेच नहीं फंसेगा।