Move to Jagran APP

Jharkhand: अपने बच्चे के लिए मां हो गई कुर्बान, साथियों ने भी दी जान

हादसे की रात हिरणों के झुंड में एक गर्भवती मादा को प्रसव पीड़ा हुई होगी। उसका गर्भकाल पूरा हो गया था। बच्चा जन्म लेने वाला था।

By Vikram GiriEdited By: Published: Fri, 04 Sep 2020 05:14 PM (IST)Updated: Fri, 04 Sep 2020 05:18 PM (IST)
Jharkhand: अपने बच्चे के लिए मां हो गई कुर्बान, साथियों ने भी दी जान
Jharkhand: अपने बच्चे के लिए मां हो गई कुर्बान, साथियों ने भी दी जान

रांची (संदीप कुमार) । लातेहार में हिरणों का झुंड ट्रेन से कैसे कटा यह रहस्य बना हुआ है। हल्की आहट पर भी चौंक जाने वाले हिरण ट्रेन की आवाज सुनकर भी ट्रैक से हटे क्यों नहीं, इसकी गुत्थी उलझी हुई है। हालांकि, मौत की एक वजह है, जिससे वन्य प्राणी के जानकार और पोस्टमार्टम करने वाले डाक्टर इत्तेफाक रखते हैं। वजह है झुंड के एक मादा हिरण की प्रसव पीड़ा। जानकार बताते हैं कि हादसे की रात हिरणों के झुंड में एक गर्भवती मादा को प्रसव पीड़ा हुई होगी। उसका गर्भकाल पूरा हो गया था। बच्चा जन्म लेने वाला था। दर्द से कराहती मादा हिरण पलामू व्याघ्र परियोजना क्षेत्र के कोर इलाके से गुजरती रेलवे लाइन के ट्रैक पर बैठ गई।

loksabha election banner

झुंड में शामिल तीन हिरण भी उसके पास खड़े हो गए, ताकि नवजात की सुरक्षा कर सकें। इसी बीच, ट्रैक पर ट्रेन आ गई, मादा हिरण उठ नहीं पाई और अपने जन्म लेने वाले बच्चे के साथ कट गई। दूसरे हिरण भी अपनी साथी मादा को छोड़कर हटे नहीं और धड़धड़ाती ट्रेन सबको रौंदती चली गई। हादसे के बाद ट्रैक के किनारे उस मादा हिरण का मृत बच्चा भी मिला, पेट फट जाने की वजह से वह मां के गर्भ से बाहर आ गया था। पांच हिरणों की दर्दनाक मौत हो गई। शव पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया, तो डाक्टर ने पाया कि एक और मादा गर्भवती थी। 

हिरणों के व्यवहार के जानकार पूर्व प्रधान मुख्य वन संरक्षक एलआर सिंह कहते हैं, सामान्य परिस्थितियों में यह संभव ही नहीं कि हिरण ट्रेन आती देख ट्रैक से हटे नहीं। जबकि, हिरणों की श्रवण शक्ति बहुत तेज होती है, हल्की आहट पर भी वे चौकन्ने हो जाते हैं। चूंकि एक हिरण गर्भवती थी और वह बच्चे की जन्म देने वाली थी, तो संभव है कि उसकी प्रसव पीड़ा को देखते हुए हिरण वहीं डटे रहे और उनकी जान चली गई। हिरण छोटे झुंड में रहते हैं और अपने साथी का साथ नहीं छोड़ते। 

गौरतलब है कि बरकाकाना-डालटनगंज रेलखंड पर केचकी रेलवे स्टेशन के समीप सोमवार को ट्रेन की चपेट में आने से हिरणों की मौत हो गई थी। सभी हिरण पलामू व्याघ्र परियोजना क्षेत्र के बेतला नेशनल पार्क के थे। इस मामले में रेलवे के दस ड्राइवर व गार्ड पर वन विभाग ने प्राथमिकी दर्ज कराई है।

पोस्टमार्टम के दौरान स्पष्ट हुआ कि एक मादा हिरण अपने 165 दिनों का गर्भकाल पूरा कर चुकी थी। उसके बच्चे का शव भी ट्रैक किनारे मिला है। वहीं, एक और मादा गर्भवती थी। - डॉ. चंदन, हिरणों का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.