तीन अन्य बच्चों को बेचने की सिस्टर ने दी जानकारी
बिचौलिया लिंक खंगालने में जुटी पुलिस, तीन लोगों के नाम का सिस्टर ने की खुलासा।
जागरण संवाददाता, रांची : मिशनरीज ऑफ चैरिटी की निर्मल हृदय से बच्चों की बिक्री प्रकरण मामले की जांच जारी है। रिमांड अवधि में सिस्टर कांसिलिया और अनिमा इंदवार ने पुलिस के समक्ष कई खुलासा की। सिस्टर कांसिलिया ने तीन अन्य बच्चों के बेचने की जानकारी पुलिस को दी। उनलोगों ने पुलिस को पूरी जानकारी दी है कि किसके जरीये, कितने पैसों में बच्चे को बेचा है। पुलिस तीनों बच्चे के बारे में सत्यापन कर रही है।
ताकि, तीनों को सुरक्षित निकाल कर सीडब्लूसी के हवाले सौंपा जायेगा। पुलिस की एक टीम बच्चों के सत्यापन में लगी हुई है। सत्यापन के बाद तीनों को पुलिस सुरक्षित निकालने का प्रयास करेगी। इधर, एसएसपी अनीश गुप्ता ने कहा कि सिस्टर ने कई जानकारी दी है। जिस पर पुलिस टीम काम कर रही है। इस प्रकरण में संलिप्त एक भी दोषियों को पुलिस नहीं छोड़ने वाली है।
बिचौलिया लिंक को खंगालने में जुटी पुलिस :
रिमांड पर आने के बाद सिस्टर ने पुलिस को बिचौलिया लिंक के बारे में भी जानकारी दी। पुलिस सूत्रों की मानें, तो सिस्टर कांसिलिया ने सदर अस्पताल में कार्यरत कर्मी और दो महिला व पुरुष नौकर का नाम बतायीं है। पुलिस उनकी धर पकड़ के लिए कई जगहों पर जानकारी एकत्रित कर रही है। कई जगहों पर छापेमारी भी चल रही है। हालांकि, पुलिस के अधिकारी तीनों के नाम का खुलासा नहीं कर रही है। ना ही इस बिचौलिया लिंक के जानकारी देने के बारे में स्वीकारा है।
चार दिनों की रिमांड पर पूछताछ के बाद भेजा जेल :
निर्मल हृदय से बच्चा बेचने में पुलिस ने दोनों सिस्टर से रिमांड पर लेने के बाद चार दिनों तक पूछताछ की। न्यायालय से आदेश मिलने के बाद चार दिनों के लिए रिमांड की अनुमति मिली थी। पूछताछ में दोनों ने केवल चार बच्चों की बिक्री में अपनी संलिप्तता जाहिर की थी। दोनों ने पूछताछ में पुलिस को काफी उलझाने और जांच को भ्रमित करने की कोशिश भी की थी। रिमांड पर आई अनिमा के पास से बरामद पर्चा की भी पुलिस जांच कर रही है।
पुलिस ने जो पर्चा बरामद किया था, उसमें लिखा है कि मैं अनिमा इंदवार मेरे पास 78 हजार रुपये रखे हैं, जिसे करिश्मा को वापस करना है। इसके अलावा 22 हजार रुपये किसी और को देना है। सिस्टर कांसिलिया को इसकी जानकारी नहीं है। इसमें अनिमा को पूरे मामले का आरोप खुद स्वीकार करने के लिए भी लिखे गए हैं। इससे स्पष्ट है कि जांच प्रभावित करने की कोशिश भी की गई है।