फाइलेरिया नियंत्रण में सिमडेगा अव्वल, केंद्र ने की सराहना Ranchi News
Jharkhand. केंद्र सरकार ने प्रायोगिक तौर पर फाइलेरिया मुक्त अभियान झारखंड बिहार उत्तर प्रदेश कर्नाटक तथा महाराष्ट्र के एक-एक जिले में चलाया था।
रांची, राज्य ब्यूरो। फाइलेरिया मुक्त अभियान के तहत आयोजित ट्रिपल ड्रग थेरेपी आइडीए कार्यक्रम में झारखंड का सिमडेगा जिला अव्वल रहा है। केंद्र सरकार ने प्रायोगिक तौर पर यह अभियान पांच राज्यों झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक तथा महाराष्ट्र के एक-एक जिले में चलाया था, जिसमें झारखंड का सिमडेगा सबसे आगे रहा। यहां कुल आबादी के 91 फीसद को फाइलेरिया से बचाने के लिए तीन तरह की दवाएं खिलाई गईं।
नई दिल्ली में सोमवार को राष्ट्रीय वैक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम की हुई एक बैठक में इसके लिए झारखंड की सराहना हुई। स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों के अनुसार, फाइलेरिया नियंत्रण के लिए अभी तक मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम के तहत केवल डीईसी तथा अल्बेंडाजोल नामक फाइलेरिया रोधी दवा ही लोगों को खिलाई जाती थी।
इसे और प्रभावकारी बनाने के लिए भारत सरकार ने इसमें एक नई दवा आइवरमेक्टिन को भी शामिल किया। इसे लागू करने के लिए पूरे भारत में पांच राज्यों के एक-एक जिले का चयन किया गया था, जिसमें झारखंड का सिमडेगा भी शामिल था। बता दें कि 71 फीसद आदिवासी आबादी वाले इस जिले में मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कभी चलाया नहीं गया था। पहली बार यहां ट्रिपल ड्रग थेरेपी आइडीए कार्यक्रम चलाया गया जो बिलकुल नया था। यह अभियान इसी साल 10-24 जनवरी तक चलाया गया था।
इसे सफल बनाने के लिए वहां 'भाग फाइलेरिया भाग' जागरुकता अभियान भी चलाया गया, जिसके तहत 377 स्कूलों में बच्चों को भी जागरुक किया गया। इसमें राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान, झारखंड की मलेरिया नियंत्रण इकाई के अलावा सिमडेगा के उपायुक्त तथा सिविल सर्जन ने भी बड़ी भूमिका निभाई। बता दें कि झारखंड के 17 जिले फाइलेरिया से प्रभावित हैं।
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