Move to Jagran APP

जून में पटना से लिया था 3000 सिमकार्ड, नोएडा के वन एक्सटेल कंपनी में काम करता है सरगना जावेद

रांची के हसीबा इनक्लेव से बल्क में पोस्‍टपेड सिमकार्ड के जरिए धार्मिक उन्‍माद फैलाने और आतंकी गतिविधियों में संलिप्‍त गिरोह का सरगना नोएडा की कंपनी में काम करता है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Thu, 25 Oct 2018 11:59 AM (IST)Updated: Thu, 25 Oct 2018 11:59 AM (IST)
जून में पटना से लिया था 3000 सिमकार्ड, नोएडा के वन एक्सटेल कंपनी में काम करता है सरगना जावेद
जून में पटना से लिया था 3000 सिमकार्ड, नोएडा के वन एक्सटेल कंपनी में काम करता है सरगना जावेद

रांची, राज्‍य ब्‍यूरो। रांची पुलिस व एटीएस की छापेमारी में कांटाटोली से बरामद सिमबॉक्स मामले में हिरासत में लिए गए युवकों ने पूछताछ में कई अहम जानकारियां दी हैं। उन्हें धार्मिक उन्माद के मैसेज वायरल करने व आतंकी साठगांठ के जुर्म में हिरासत में लिया गया है।

loksabha election banner

पूछताछ में यह बात सामने आई है कि रैकेट का सरगना जावेद अहमद नोएडा के सेक्टर 63 की वन एक्सटेल नामक कंपनी के लिए काम करता है। वह कांटाटोली के हसीबा इनक्लेव से बल्क में एसएसएम और ईमेल भेजता था। यह कंपनी मिस कॉल सर्विस, वाइस एसएमएस, लांग कोड सर्विस और शार्ट कोड सर्विस उपलब्ध कराती है।

जून में पटना से लिया था 3000 पोस्टपेड सिमकार्ड : जावेद ने जून में ही पटना के पाटलीपुत्र इंडस्ट्रीयल एरिया स्थित एक नेटवर्किंग कंपनी के दफ्तर से 3000 पोस्टपेड सिमकार्ड लिए थे। ये सिमकार्ड वन एक्सटेल मीडिया प्राइवेट लिमिटेड के नाम से आवंटित कराए गए थे, जिसमें लिखा गया है कि व्यवसाय के उद्देश्य से ये सिमकार्ड लिए गए हैं। इससे संबंधित दस्तावेज भी एटीएस को मिले हैं, जिसकी जांच जारी है। जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि 115 रुपये के प्लान से प्रत्येक सिमकार्ड से प्रत्येक महीने 3000 एसएमएस भेजा जा सकता है।

इसका बिल भी जावेद की वह कंपनी ही करती थी। पूछताछ में युवकों ने बताया है कि बल्क में दो तरह के मैसेज भेजे जाते हैं, जिसके लिए ट्राई (टेलीकॉम रेगुलेटरी अथारिटी ऑफ इंडिया) से स्वीकृति लेनी होती है। ट्राई को इसके एवज में दस से 18 पैसे तक भुगतान करना होता है। आरोपितों ने इससे बचने का तरीका ढूंढ निकाला था। सिमबॉक्स के जरिये अवैध तरीके से बल्क मैसेजिंग शुरू कर दिया, जिससे अच्छी आमदनी होने लगी थी।

बीसीए के छात्र रहे हैं हिरासत में लिए गए तीन युवक : पकड़े गए तीन युवकों की पृष्ठभूमि सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग से रही है। तीनों बीसीए पासआउट छात्र बताए जातेे हैं। तीनों सूचना एवं प्रौद्योगिकी की जानकारी रखते हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार तीनों ने अपने फ्लैटों में कंप्यूटर के साथ सिमबॉक्स लगा रखे थे। दो ने अपने कमरे में ही मोबाइल का मिनी टावर लगा रखा था। वहीं दर्जनों मोबाइल के मदरबोर्ड में सिम लगाकर रखा गया था। इससे बल्क एसएमएस और बायपास कॉलिंग का काम होता था।

मेधावी छात्रों को जोड़ते हैं आतंकी : आतंकी सगठनों की नजर ऐसे मेधावी छात्रों पर रहती है, जो तकनीकी रूप से दक्ष हों। मंजर इमाम का नाम आतंकी गतिविधियों से जुड़ा था, लेकिन 2004-05 तक वह भी मोहल्ले का आम लड़का था। पढऩे में तेज, शांत-सौम्य, मृदुभाषी और अच्छा क्रिकेटर भी था। वर्ष 2006 में रांची विवि की पीजी परीक्षा में वह यूनिवर्सिटी टॉपर रहा था। 18 अप्रैल 2007 को रांची विवि के 23वें दीक्षांत समारोह में तत्कालीन केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री अर्जुन सिंह व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की उपस्थिति में उसे राज्यपाल सैयद सिब्ते रजी ने गोल्ड मेडल दिया था। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.