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आतंकी कनेक्‍शन मामले में 10000 सिमकार्ड की जांच जारी, ट्राई में रजिस्टर्ड है कंपनी

सिमबॉक्स मामले में तीसरे दिन भी आतंकवाद निरोधी दस्ता (एटीएस) को कोई खास सफलता हाथ नहीं लगी है। तीनों युवकों से अब भी पूछताछ जारी है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Fri, 26 Oct 2018 12:46 PM (IST)Updated: Fri, 26 Oct 2018 12:46 PM (IST)
आतंकी कनेक्‍शन मामले में 10000 सिमकार्ड की जांच जारी, ट्राई में रजिस्टर्ड है कंपनी
आतंकी कनेक्‍शन मामले में 10000 सिमकार्ड की जांच जारी, ट्राई में रजिस्टर्ड है कंपनी

रांची, राज्य ब्यूरो। रांची पुलिस व एटीएस की छापेमारी में रांची के दो ठिकानों से बरामद सिमबॉक्स मामले में तीसरे दिन भी आतंकवाद निरोधी दस्ता (एटीएस) को कोई खास सफलता हाथ नहीं लगी है। तीनों युवकों से अब भी पूछताछ जारी है। पूछताछ में युवकों ने अपनी कंपनी वन एक्सटेल से संबंधित दस्तावेज एटीएस को दिखा दिया है। उनकी कंपनी टेलीकॉम रेगुलेटरी अथारिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) से रजिस्टर्ड मिली है।

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इस कंपनी का मुख्यालय नोएडा सेक्टर 63 में है, इसकी फ्रेंचाइजी लेकर जावेद अहमद रांची के कांटाटोली स्थित हसीबा इंक्लेव में चला रहा था। यह कंपनी बल्क में एसएसएम और ईमेल भेजने के साथ-साथ मिस कॉल सर्विस, वाइस एसएमएस, लांग कोड सर्विस और शार्ट कोड सर्विस उपलब्ध कराती है। एटीएस के अधिकारी पूछताछ में कंपनी के पंजीयन को लेकर अपने संदेह मिटा चुके हैं।

अब एटीएस बल्क में करीब 10 हजार सिमकार्ड आवंटित किए जाने के मामले की जांच कर रही है। सभी सिमकार्ड एक ही नेटवर्किंग कंपनी के हैं। सभी सिमकार्ड वन एक्सटेल मीडिया प्राइवेट लिमिटेड के नाम से आवंटित कराए गए थे, जिसमें लिखा गया है कि व्यवसाय के उद्देश्य से ये सिमकार्ड लिए गए हैं। एटीएस ने सिमकार्ड उपलब्ध कराने वाली कंपनी के अधिकारी को पत्राचार कर पूछताछ के लिए रांची बुलाया है।

उनके आने के बाद ही यह स्थिति स्पष्ट होगी कि बल्क में सिमकार्ड कैसे आवंटित किए गए। चर्चा है कि रिश्वत लेकर नेटवर्किंग कंपनी के अधिकारियों ने यह सिमकार्ड उपलब्ध कराया था। हालांकि, जांच पूरी होने के बाद ही इन आरोपों की सत्यता से पर्दा हटेगा।

धार्मिक उन्माद फैलाने व आतंकी कनेक्शन की जांच अब भी जारी : बल्क मैसेजिंग के माध्यम से धार्मिक उन्माद फैलाने व सिमबॉक्स से कॉलिंग कर आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता की आशंका अभी पुष्ट नहीं हुई है। एटीएस के अधिकारियों की मानें तो इन बिंदुओं पर जांच अब भी जारी है, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी है। 


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