झारखंड में डिजिटल बैंकिंग को बढ़ावा देगी सिडबी, अभियान से बिहार-असम भी जुड़े
Digital Banking Jharkhand News डिजिटल बैंकिंग को बढ़ावा देने के लिए झारखंड स्टेट लाईवलीहुड प्रमोशन सोसायटी ने गुरुवार को सिडबी के साथ मिलकर एक कार्यक्रम लांच किया। झारखंड के ग्रामीण इलाकों में सखी मंडल की महिलाओं ने बैंकिंग सेवाओं को सुलभ बनाया है।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड में सखी मंडल की महिलाएं बैंकिंग कोरेस्पांडेंट के रूप में प्रशिक्षित होकर पंचायतों में डोर स्टेप बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध करा रहीं हैं। अब इस कार्य को स्मॉल इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट बैंक ऑफ इंडिया (सिडबी) के साथ मिलकर और गति दी जाएगी। डिजिटल बैंकिंग को बढ़ावा देने के लिए झारखंड स्टेट लाईवलीहुड प्रमोशन सोसायटी (जेएसएलपीएस) ने गुरुवार को सिडबी के साथ मिलकर एक कार्यक्रम लांच किया। सिडबी द्वारा ऑनलाइन आयोजित कार्यक्रम में झारखंड के अलावा बिहार एवं असम को भी जोड़ा गया।
बता दें कि झारखंड में अब तक सखी मंडल की 4620 महिलाएं बैंकिंग कोरेस्पांडेंट सखी के रूप में करीब 3137 पंचायतों में बैंकिंग सेवाएं पहुंचा रहीं हैं। ऑनलाइन लांचिंग कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव एनएन सिन्हा उपस्थित थे। उन्होंने झारखंड की बीसी सखी की तारीफ करते हुए कहा कि लॉकडाउन के समय देश की इन बीसी सखियों ने करीब 6000 करोड़ का लेन-देन किया।
ग्रामीण इलाकों में बैंकिंग सेवाओं को सुलभ बनाया। सिन्हा ने सिडबी को इस नई शुरुआत के लिए शुभकामनाएं दी और आने वाले दिनों में फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी एवं आजीविका मिशन के अन्य उद्यमियों को भी सहयोग करने की अपील की। ऑनलाइन कार्यक्रम में जेएसएलपीएस की सीईओ नैंसी सहाय ने भी शिरकत की।
सखी मंडल की उद्यमियों को मुहैया कराएं मुद्रा ऋण : मनीष रंजन
ग्रामीण विकास विभाग के सचिव मनीष रंजन ने झारखंड स्टेट लाईवलीहुड प्रमोशन सोसायटी के अंतर्गत संचालित विभिन्न परियोजनाओं के सफल क्रियान्वयन को लेकर गंभीर पहल करने का निर्देश उपायुक्तों को दिया है। इस संदर्भ में उपायुक्तों को लिखे गए पत्र में नए समूहों को बैंक ऋण से जोड़ने, पुराने समूहों की ऋण निकासी की परेशानी दूर करने और सखी मंडल की उद्यमी सदस्यों को प्रमुखता के तौर पर मुद्रा ऋण पर मुहैया कराने का निर्देश दिया है।
सचिव ने बीमा योजना को लेकर राज्य भर में चलाए जा रहे अभियान पर भी फोकस करने की नसीहत उपायुक्तों को दी है। इसके अलावा सखी मंडल के सदस्यों में से बीसी सखी का चयन कर उन्हें सभी ग्राम पंचायतों में स्थापित करने की बात भी उन्होंने कही है। जिलों में तीन आजीविका संसाधन केंद्र तथा सभी प्रखंडों में एक-एक चूजा हार्डनिंग केंद्र स्थापित करने में मदद करने का भी उन्होंने निर्देश दिया है। वन धन केंद्रों द्वारा खरीदे जाने वाले लघु वनोपज को झाम्कोफेड के द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य में क्रय पर भी फोकस करने पर उन्होंने जोर दिया है।