झारखंड के देवघर में विश्वप्रसिद्ध श्रावणी मेला शुरू, रघुवर ने भोलेनाथ से मांगा राज्य की खुशहाली का आशीर्वाद
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने देवघर को देश के प्रसिद्ध धार्मिक सांस्कृतिक स्थल की तरह विकसित करने की घोषणा की।
रांची, जेएनएन। सावन का महीना शुरू होते ही झारखंड के शिव मंदिरों में भी आस्था उमड़ पड़ी है। भगवान शंकर के द्वादश जयोर्तिलिंगों में से एक माने जाने वाले वैद्यनाथ धाम देवघर के रावणेश्वर महादेव मंदिरों में जल चढ़ाने के लिए देश भर से कांवरियों का हुजूम उमड़ पड़ा है। शनिवार को मुख्यमंत्री रघुवर दास ने देवघर और दुमका में एक महीने तक चलने वाले सावन मेले का उद्घाटन किया।
मेले का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री ने देवघर को देश के प्रमुख धार्मिक, सास्कृतिक स्थल के रूप मे विकसित करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि बाबा भोलेनाथ ने झारखंड का मुख्य सेवक बनाया है। इसलिए जिम्मेदारी को पूरे दिल से निभाने की कोशिश करता हूं। भोलेनाथ की पूजा कर राज्यवासियों की खुशहाली की कामना की। उन्होंने कहा कि 2019 तक न्यू झारखंड बनाएंगे। मुख्यमंत्री के ट्वीटर व फेसबुक पर भी बता सकते हैं समस्या शिवभक्तों से सीएम ने अपील की कि श्रद्धालु श्रावणी मेला के दौरान होने वाली परेशानियों व समस्याओं को हमारे ट्वीटर या फेसबुक अकाउंट पर भी दर्ज करें।
हर सोमवार सीएम पहुंचेंगे देवघर, करेंगे शिवभक्तों से संवाद सीएम ने कहा है कि वह पूरे सावन हर सोमवार को राची से देवघर पहुंच कर शिवभक्तों से सीधा संवाद करेंगे। उद्घाटन से पहले सीएम ने विधि-विधान पूर्वक ज्योर्तिलिंग की पूजा अर्चना की। उनके साथ पर्यटन मंत्री अमर बाउरी, श्रम एवं नियोजन मंत्री राज पालिवार, कल्याण मंत्री लुईस मरांडी समेत कई विधायक व अधिकारी भी इस मौके पर उपस्थित थे। 120 किलोमीटर पैदल चलकर ज्योर्तिलिंग पर जल चढ़ाते हैं कांवरिए विश्वप्रसिद्ध इस मेले में भगवान को जल चढ़ाने पूरे महीने देश विदेश से श्रद्धालु पहुंचते है। सुल्तानगंज में गंगा नदी से गंगाजल लेकर कांवरिए 120 किलोमीटर की पैदल यात्रा तय कर वैद्यनाथधाम में शिवलिंग का अभिषेक करते हैं।
इस दौरान यहां लाखों की भीड़ उमड़ती है। इसके बाद श्रद्धालु यहां से 46 किलोमीटर दूर बासुकीनाथ जाकर भी जल चढ़ाते हैं। सीएम ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री समेत सभी मंत्रियों को दिया देवघर आने का न्यौता मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत सभी केंद्रीय मंत्रियों, राज्यों के राज्यपाल और मुख्यमंत्रियों को देवघर आने का आमंत्रण दिया है। सीएम ने बताया कि राष्ट्रपति ने स्वयं बाबाधाम आने की इच्छा जताई थी। गेरुआ कपड़े पहन जवान कर रहे कांवरियों की सुरक्षा श्रावणी मेले में जसीडीह स्टेशन की व्यापक सुरक्षा को लेकर सहायक कमांडेंट केसी नायक ने व्यवस्था का जायजा लेते हुए पदाधिकारियों व जवानों का विशेष दिशानिर्देश दिए। इस क्रम में उन्होंने बताया कि श्रद्धालु की सुरक्षा के लिए परिसर में 275 आरपीएफ व एसआरपी जवानों को तैनात किया गया है। आठ इंस्पेक्टर को लगाया गया है। रविवार और सोमवार को 14 इंस्पेक्टर को व्यवस्था संभालने में लगाया जाएगा।
विशेष सुरक्षा के लिए जवान और पदाधिकारियों को सादे लिबास और गेरुआ लिबास में भी तैनाती की जाएगी। बताया कि ट्रेनों और स्टेशन पर नशाखुरानी गिरोह से बचाव के लिए लगातार ध्वनि यंत्रों के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया जाएगा। कांवरियों को जागरूक करने आरपीएफ की ओर से भी प्रचार प्रसार भी किया जाएगा, जिसमें चलती ट्रेन में कांवरियों को नहीं चढ़ने, रेल पटरी पार करने अनजान व्यक्ति से संबंध नहीं बनाने और अनजान व्यक्ति से किसी प्रकार की खाद्य वस्तु को नहीं लेने की जानकारी दी जाएगी। मेले के दौरान स्वाइन दस्ता की मदद से प्रतिदिन जांच अभियान चलाया जाएगा। परिसर की सुरक्षा के लिए बम दस्ता विशेष उपकरणों के माध्यम से जांच-पड़ताल करेगी। वातानुकूलित कंट्रोल रूम में चौबीस घंटे तैनाती वातानुकूलित कंट्रोल रूम में चौबीसों घंटे तीन पाली में अधिकारियों की तैनाती की गयी है।
कार्यपालक दंडाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी, रैफ, एनडीआरएफ के अधिकारी हर वक्त डयूटी में रहेंगे। सूचना मिलते ही वह अपनी टीम के साथ उस गंतव्य को कूच कर जाएंगे। अब किसी को खोजने की जरूरत नहीं होगी। किसी भी प्वाइंट को कोई भी सूचना मिलते ही वहां तत्काल रिस्पांस होगा। दुम्मा से लेकर मंदिर प्रांगण तक पर एक समान नजर रहेगी। दिव्यांगों, महिलाओं व बुजुर्गो के लिए नि:शुल्क बस सेवा श्रावणी मेले के दौरान सरकार दिव्यांगों, महिलाओं, बुजुर्गो के लिए निश्शुल्क बस की सेवाएं मुहैया कराएगी।
जसीडीह से देवघर और देवघर से वासुकीनाथ धाम के बीच श्रद्धालुओं को यह सेवा मिलेगी। मेले के दौरान ऐसी 25 बसें चलाने की व्यवस्था की गई है। बनाए गए सूचना केंद्र श्रावणी मेले के दौरान श्रद्धालुओं को जानकारी देने के लिए रांची एयरपोर्ट के साथ-साथ रांची, जमशेदपुर और धनबाद रेलवे स्टेशन में सूचना केंद्र स्थापित किए गए हैं। इसके अलावा पड़ोसी राज्यों की राजधानी में भी सूचना केंद्र स्थापित किए गए हैं। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की ओर से राज्य के प्रमुख जिलों के मंदिरों में भी सूचना केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं।
हिलियम बैलून भीड़ नियंत्रण में करेगा सहयोग हवा में लहराता हिलियम बैलून भीड़ नियंत्रण में सहयोग करेगा। बैलून पर शंकर-पार्वती की तस्वीर बनी है जो कांवरियों को आकर्षित कर रही है। दो हिलियम बैलून से भीड़ पर नजर रहेगी। इसमें लगे कैमरे से कंट्रोल रूम में बैठे अधिकारी यह आकलन कर पाएंगे कि रूटलाइन का टेल प्वाइंट कहां तक है। भीड़ की स्थिति कैसी है, इसे कैसे नियंत्रित किया जाय। मेले में यह प्रयोग भी पहली बार किया जा रहा है। एक बैलून नंदन पहाड़ क्षेत्र तो दूसरा मानसरोवर तट के इर्द गिर्द होगा।