रक्त की कमी झेल रहा रिम्स
रिम्स के प्रभारी निदेशक ने किया ब्लड बैंक का निरीक्षण, रक्त की कमी दूर करने के लिए कुछ नीति बनाने पर चल रहा विचार।
जागरण संवाददाता, रांची : राज्य के सबसे बड़ा अस्पताल राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान का ब्लड बैंक रक्त की कमी से जूझ रहा है। शनिवार को रिम्स के प्रभारी निदेशक डॉ. आरके श्रीवास्तव ने ब्लड बैंक का निरीक्षण किया।
प्रभारी निदेशक के पहुंचते ही कई मरीजों के परिजन उनके समक्ष पहुंच ब्लड बैंक में रक्त की व्यवस्था कराने के लिए याचना करने लगे। मरीज के परिजन नरेश महतो ने कहा कि उनकी मां को रक्त की सख्त जरूरत है। लेकिन उपलब्ध नहीं हो पा रहा है।
कई अन्य मरीजों के परिजनों ने भी उनसे मिलकर रक्त की व्यवस्था कराने का आग्रह किया। प्रभारी निदेशक ने बताया कि रिम्स में हर दिन लगभग 100 यूनिट रक्त की जरूरत पड़ती है। लेकिन इसके लिए पर्याप्त रक्तदाता मिल नहीं रहे। उन्होंने लोगों से रक्तदान के लिए आगे आने की अपील की। शनिवार को ब्लड बैंक में मात्र 36 यूनिट पॉजिटिव एवं 12 यूनिट निगेटिव रक्त उपलब्ध था।
रिम्स बड़ा अस्पताल है। यहां राज्य के सभी जिलों समेत तीन राज्यों (बिहार, छत्तीसगढ़ एवं पश्चिम बंगाल) के गंभीर मरीज इलाज कराने पहुंचते हैं। इनमें कई मरीज दुर्घटना के शिकार होते हैं। ऐसे मरीजों को तत्काल ब्लड की जरूरत पड़ती है। सड़क दुर्घटना में 108 एंबुलेंस से कुछ ऐसे मरीज भी लाए जाते हैं, जिनका कोई सगा उस समय साथ नहीं होता। ऐसे मरीजों के लिए रक्त का स्टॉक रखना होता है। साथ ही कैदियों एवं थैलीसिमिया जैसे आदि के मरीजों को रक्त अस्पताल की ओर से मुहैया कराया जाता है। लेकिन स्टॉक की कमी के कारण ऐसे मरीजों की जान पर भी खतरा बना रहता है।
प्रबंधन बैंक में रक्त का स्टॉक बरकरार रखने के लिए कुछ नीतियों पर विचार कर रहा है। इसके लिए रक्तदान के लिए जागरूकता के अलावा रक्त देने के नियमों को सख्त बनाना चाहता है। डोनर कार्ड की वैधता अवधि भी कम करने पर विचार किया जा रहा है।